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The Annual Research Day कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया

The annual research day program was inaugurated by lighting the lamp.

Lucknow: डॉ0 राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (Dr. Ram Manohar Lohia Institute of Medical Sciences) में वार्षिक शोध दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारम्भ उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव (Chief Secretary) एवं अध्यक्ष, दुर्गा शंकर मिश्र ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर संस्थान में विज्ञान के क्षेत्र में बेहतर शोध करने वाले डाक्टरों तथा छात्र-छात्राओं को सम्मानित भी किया गया।

इसी के साथ ही कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि, शोध के क्षेत्र में चुनौतिया बहुत हैं, लेकिन शोधार्थियों को उन चुनौतियों का डट कर सामना करना चाहिये। अन्य देशों में चल रहे शोध पर मंथन कर भारतीय चिकित्सकों को एक बेंचमार्क खड़ा करना चाहिये। शोध कार्य में गुणवत्ता का होना बहुत अनिवार्य है। आज का युग तक़नीकी युग है, शोध कार्य में टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग करें।

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आज़ादी के 75 साल पूरे हो गए हैं और अब अमृतकाल की शुरुआत हो चुकी है

बता दें कि, मुख्य सचिव ने वार्षिक शोध दिवस के मौक़े पर सम्बोधित करते हुए कहा कि, आज़ादी के 75 साल पूरे हो गए हैं। अब अमृतकाल की शुरुआत हो चुकी है। 2047 में जब देश के 100 साल पूरे होंगे तब देश विकसित हो चुका होगा, तब अपना देश सबसे आगे होगा। प्रधानमंत्री ने इस बार एक नारा दिया है "जय जवान, जय किसान, जय अनुसंधान"। आज अनुसंधान इसलिए महत्वपूर्ण है कि, देश को उच्चतम स्तर पर ले जाना है।

नई सोच और नई ऊर्जा के साथ काम करना होगा। संस्थान को 4 नई किताबें तथा अंतर्राष्ट्रीय लेखन (International Writing) पर 13 नए चैप्टर प्रकाशित करने पर बधाई देते हुये कहा कि, यह संस्थान के लिये बहुत बड़ी उपलब्धि है।

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कार्यक्रम में पुरस्कार को पॉलिथीन में लपेटकर नहीं बल्कि खुले में दिया जाये - मुख्य सचिव

इसी क्रम में मुख्य सचिव ने अपने सम्बोधन में कहा कि, जब देश में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बदलाव हो रहा है, ऐसे में हमें कूड़ा कम पैदा करने के विषय पर विचार करना चाहिये। Reduce, Reuse और Recycle को एक Motive बनाना चाहिये। उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि, कार्यक्रम में पुरस्कार को पॉलिथीन में लपेटकर नहीं बल्कि खुले में दिया जाये। इस प्रावधान को पूरी तरह से ख़त्म करना चाहिये। संस्थान द्वारा पेपर सर्टिफ़िकेट न देकर फ्रेम में सर्टिफ़िकेट बनाकर दिया जाए, ताकि फ्रेम सर्टिफिकेट को लोग अपने घरों की दीवारों पर लगा सकें।

इस कार्यक्रम में संस्थान की निदेशक डॉ0 सोनिया नित्यानंद, डीन प्रोफेसर नुज़हत हुसैन, सब डीन डॉक्टर रितु करौली, लिवर विशेषज्ञ डॉ0 शिव कुमार सरीना समेत अन्य प्रोफेसर, वरिष्ठ चिकित्सक एवं मेडिकल छात्र-छात्रायें आदि मौजूद रहे। News of India (Agency)

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