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उ0प्र0 में मधुमक्खी पालन (Beekeeping training) प्रशिक्षण सत्र का आरम्भ किया जायेगा

Beekeeping training session will be started in Uttar Pradesh

Lucknow(UP): उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग (Department of Horticulture and Food Processing) द्वारा मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए तथा वैज्ञानिक ढंग से मधुमक्खी पालन (beekeeping training) किये जाने हेतु औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र, सहारनपुर व बस्ती एवं अधीक्षक राजकीय उद्यान, प्रयागराज में 16 सितम्बर, 2022 से 15 दिसम्बर, 2022 तक 03 माह (90 दिवसीय) का प्रशिक्षण सत्र का आरम्भ किया जायेगा।

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निर्धारित प्रारूप पर 16 सितम्बर, 2022 तक आवेदन कर मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं

यह जानकारी देते हुये निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण आर.के. तोमर ने बताया कि, "यह प्रशिक्षण विभाग द्वारा निःशुल्क प्रदान किया जायेगा। मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण में भाग लेने वाले इच्छुक व्यक्तियों को अपने निकटतम सुविधा अनुसार संयुक्त निदेशक, औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र सहारनपुर, संयुक्त निदेशक औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र बस्ती एवं अधीक्षक राजकीय उद्यान, प्रयागराज से सम्पर्क कर निर्धारित प्रारूप पर 16 सितम्बर, 2022 तक आवेदन कर मधुमक्खी पालन (Beekeeping) प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं।"

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प्रशिक्षण में भाग लेने वाले प्रशिक्षार्थियों को ठहरने एवं खाने आदि की व्यवस्था स्वयं करनी होगी

उन्होंने यह भी बताया कि, "प्रशिक्षण में पुरूष एवं महिलाये सभी वर्ग के अभ्यर्थी प्रतिभाग कर सकते हैं। इसके लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता कक्षा आठ उत्तीर्ण होना आवश्यक है। आवेदन पत्र के साथ दो संभ्रान्त व्यक्तियों या राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रदत्त चरित्र प्रमाण-पत्र आवश्यक है। प्रशिक्षण में भाग लेने वाले प्रशिक्षार्थियों को ठहरने एवं खाने आदि की व्यवस्था स्वयं करनी होगी।"

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पर्यावरण संतुलन में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है - निदेशक आर.के. तोमर

निदेशक आर.के. तोमर द्वारा मधुमक्खी पालन के महत्व के बारे में बताया गया कि, मधुमक्खी पालन अनुपूरक कृषि उद्यम के रूप में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने यह भी बताया कि, "मधुमक्खियाँ प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से किसानों के दैनिक जीवन से लेकर उनकी आर्थिक आय बढोत्तरी में सहायक है। मधुमक्खियों से शहद उत्पादन के साथ-साथ फ़सलों में घर-परागण से पौधों की जीवितता एवं उत्पादन में वृद्धि होती है तथा पर्यावरण संतुलन में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है। किसानों की आय में वृद्धि के लिए कृषि के साथ-साथ अन्य ऐसे अनुपूरक व्यवसाय अपनाये जाने की आवश्यकता है, जिसमे कम भूमि एवं कम पूंजी की ज़रूरत हो। मधुमक्खी पालन को अनुपूरक कृषि उद्यम के रूप में अपनाकर कम पूंजी व कम समय में अधिक आय प्राप्त की जा सकती है। News of India (Agency)

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