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Gujarat Governor Acharya Devvrat saw a new model of developed Natural Farming

Taking a detailed tour of the developed natural farming on the Gurukul area, took technical information

Lucknow: Many ministers of the state visited Uttar Pradesh under the guidance of Chief Minister Yogi to conduct Natural Agriculture with full devotion. Along with the farmers engaged in Natural Farming in the state, Take a detailed tour of cow based natural farming developed in Gurukul area of Karnal district of Haryana province, technical information.

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गुरुकुल क्षेत्र पर विकसित गौआधारित प्राकृतिक खेती का विस्तृत भ्रमण कर तकनीकी जानकारी ली

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक कृषि को पूरे मनोयोग से संचालित करने हेतु मुख्यमंत्री योगी के दिशा निर्देशन में प्रदेश के कई मंत्रियों ने भ्रमण किया। प्रदेश में संलग्न प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के साथ हरियाणा प्रांत के करनाल जनपद के गुरुकुल क्षेत्र पर विकसित गौआधारित प्राकृतिक खेती का विस्तृत भ्रमण कर तकनीकी जानकारी ली।



In which Jeevamrit and Ghan Jeevamrit have been used

It is well known that the program of cow based natural farming in Gurukul has been developed under the leadership of Acharya Devvrat Governor of Gujarat. State's council of ministers and officers and group of farmers developed natural farming on Kurukshetra, in which mainly paddy, sugarcane and horticulture crops are engaged. In which the effect of Jeevamrit and Ghan Jeevamrit has been used, everyone clearly accepted the effect. During this, the farmers observed the condition of getting disease free crops and more production.

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जिसमें जीवामृत एवं घन जीवामृत का प्रयोग किया गया है

सर्वविदित है कि गुरुकुल में गौ आधारित प्राकृतिक खेती का कार्यक्रम आचार्य देवव्रत राज्यपाल गुजरात के नेतृत्व में विकसित किया गया है। प्रदेश के मंत्री परिषद एवं अधिकारी तथा किसानों के समूह ने कुरुक्षेत्र पर विकसित प्राकृतिक खेती, जिसमें प्रमुखता से धान, गन्ना एवं बागवानी फ़सलें लगी हुई हैं। जिसमें जीवामृत एवं घन जीवामृत का प्रयोग किया गया है के प्रभाव को स्पष्टता से सभी ने स्वीकार किया। इस दौरान रोग रहित फसलें एवं अधिक उत्पादन प्राप्त होने की स्थिति का अवलोकन किसानों ने किया।



Agriculture Minister also visited Dhantoli Center of Excellence in Beekeeping

On the said occasion, Agriculture Minister Surya Pratap Shahi requested the officers, scientists and farmers present that this method should be used with full dedication in the upcoming Rabi crop in about one lakh hectare area within the state and from time to time. By bringing groups of farmers to Gurukul and solving their apprehensions, they should be made proficient in this mode, so that in the coming years, the campaign of natural farming in Uttar Pradesh can be established in every development block. The Agriculture Minister also visited Dhantoli Center of Excellence in Beekeeping, besides visiting the National Institutes of Agriculture Sugarcane Animal Husbandry Dairy etc. located in Karnal like NDRI, II WBR, NBAGR, information was obtained from the scientists.

News of India (Agency)

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कृषि मंत्री द्वारा मधुमक्खी पालन के उत्कृष्टता केंद्र धंतोली का भी भ्रमण किया गया

उक्त अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने उपस्थित अधिकारियों, वैज्ञानिकों एवं किसान भाइयों से अनुरोध किया कि पूरी तन्मयता के साथ आगामी रबी की फसल में इस विधा का प्रयोग लगभग एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र पर प्रदेश के भीतर प्रयोग कराया जाए तथा समय-समय पर किसानों के दलों को गुरुकुल में लाकर उनकी आशंकाओं का समाधान कराकर, इस विधा में दक्ष कराया जाए, जिससे आगामी वर्षों में उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक खेती का अभियान प्रत्येक विकासखंड में स्थापित हो जाए। कृषि मंत्री द्वारा मधुमक्खी पालन के उत्कृष्टता केंद्र धंतोली का भी भ्रमण किया गया साथ ही कृषि मंत्री द्वारा करनाल में स्थित कृषि गन्ना पशुपालन डेयरी आदि के राष्ट्रीय संस्थानों यथा एनडीआरआई, आईआई डब्ल्यूबीआर, एनबीएजीआर का भी भ्रमण करके वैज्ञानिकों से जानकारी ली गई।



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