बिम्ब कला केन्द्र ने मनाया “Azadi Ka Amrit Mahotsav”
कार्यक्रम में "जय देश भारत-भारती" के नाम से सजाई गयी देशभक्ति के गीतों और नृत्यों से सुरमई शाम
लखनऊ: (Azadi Ka Amrit Mahotsav) "आज़ादी का अमृत महोत्सव" नगर की प्रमुख सांस्कृतिक, साहित्यिक संस्था बिम्ब कला केंद्र ने लखनऊ के गोमती होटल के बैंक्वेट हॉल में (Independence Day) स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर अपने ही कलाकारों द्वारा देशभक्ति से ओतप्रोत एकल व समूह गानों से 'जय देश भारत-भारती' नामक से शानदार प्रस्तुति दी। जिसमें अधिकतर संस्था के सदस्यों के द्वारा ही स्वरचित थे।
कई गीतों को प्रस्तुत किया गया, जिसने दर्शकों का मन मोह लिया
बिम्ब कला केन्द्र के मुख्य संरक्षक गोपाल चतुर्वेदी द्वारा रचित शीर्षक गीत 'जय देश भारत भारती' जिसका संगीत पूर्व में भारत-रत्न पं. रविशंकर द्वारा दिया गया था तथा बिम्ब के संस्थापक राजेश अरोरा शलभ द्वारा रचित गीत 'नमन है उस देश को, जिस देश का है नाम भारत'। डा. पूर्णिमा पांडे के कुशल निर्देशन में रचित गीत "अभिव्यक्ति-द एक्सप्रेशन" नामक संस्था के सौजन्य से कु0 अंशिमा ,कु0 वल्लरी ,कु0 प्रियांशु व शशांक शेखर द्वारा प्रस्तुत किये गये। जिसने दर्शकों का मन मोह लिया।
"आज़ादी के अमृत महोत्सव" के अवसर पर सभी गायकों ने शानदार प्रस्तुति दी
इसके अलावा बिम्ब के ही उदयभान पांडेय रज्जन लाल, अशोक कुमार ने भी स्वरचित एकल देशगीत 'आज़ादी का अमृत महोत्सव, आओ आज मनायें हम', 'बहुत सह चुके अब न सहेंगे देश की बरबादी' तथा 'धवल किरीट सजा मस्तक पर, रुप मेरी ये मां का' प्रस्तुत किये। प्रसिद्ध गीतकार द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी की रचना 'इतने ऊंचे उठो कि जितना ऊंचा उठा गगन है' एवं राजेश अरोरा शलभ की रचना 'आओ मिलकर प्यार की गंगा बहायें दोस्तों' को बृजेन्द्र, राजेश अरोरा, दिनेश, अवधेश, रज्जन, पद्मा गिडवानी और नीलिमा ने समवेत स्वरों में प्रस्तुत कर ख़ूब वाह-वाही लूटी। "ये कल-कल, छल-छल बहती, क्या कहती गंगा-धारा" भी इन्हीं गायकों के समवेत स्वरों में शानदार प्रस्तुति रही।
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फ़िल्मी गीतों को मिलाकर एक मेडले प्रस्तुत किया गया
इसके अतिरिक्त लोक गायिका पद्मा गिडवानी, नीलिमा दत्त, धनंजय मोघे, दिनेश-अवधेश द्वारा प्रस्तुत क्रमशः एकल और युगल देशगीत 'धन धन देसवा कै धन मोर झंडा', 'ऐ वतन मेरे आबाद रहे तू', 'हमें जान से प्यारा ये झंडा हमारा' तथा 'हे मां तुझे प्रणाम' भी ख़ूब सराहे गये। अंत में बिम्ब के अनुभवी गायक कलाकारों द्वारा देशभक्ति के फ़िल्मी गीतों को मिलाकर एक मेडले प्रस्तुत किया गया। जिसने कार्यक्रम में समां बांध दिया। कार्यक्रम का प्रारंभ वंदेमातरम् और समापन राष्ट्रगान से हुआ।
कार्यक्रम का संचालन महेश पांडेय ने किया
वादक कलाकारों में की बोर्ड पर निर्मल पाल अपने पूरे फार्म में नज़र आये। अन्य कलाकारों में तबले पर नीतीश , बांसुरी पर दीपेन्द्र, हारमोनियम पर बृजेन्द्र सिंह व दिनेश श्रीवास्तव तथा ऑक्टोपैड पर सोनी त्रिपाठी ने भी बढ़िया संगत करी। कार्यक्रम का संचालन महेश पांडेय ने किया।
संस्था के मुख्य संरक्षक गोपाल चतुर्वेदी का संयोगवश 15 अगस्त को ही जन्मदिन था
इसके पूर्व संस्था के मुख्य संरक्षक और सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार गोपाल चतुर्वेदी (जिनका संयोगवश 15 अगस्त को ही जन्मदिन था), को उनके जन्मदिन की 80 वीं वर्षगांठ पर बधाई दी। संस्था के संस्थापक राजेश अरोरा शलभ ने एक ग़़ज़ल "शब्द के चितचोर हैं गोपाल जी, व्यंग्य के सिरमौर हैं गोपाल जी !" प्रस्तुत करी। संस्था के उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ व्यंग्यकार श्याम मिश्र ने गोपाल चतुर्वेदी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके दीर्घायु होने की कामना की। कार्यक्रम में भारी संख्या में बिम्ब कला केंद्र के सदस्य, उनके परिजन व अन्य प्रबुद्ध श्रोतागण उपस्थित रहे।