उत्तर प्रदेश में UPSSF (विशेष सुरक्षा बल) का गठन, बिना वारंट गिरफ़्तारी, तलाशी समेत मिली कई शक्तियां।
पिछले साल 2019 दिसंबर में अदालतों के परिसर में हिंसा की घटनाओं के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सरकार को एक विशेष बल के गठन का प्रस्ताव आया था। जिस पर उत्तरप्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 26 जून को उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल के गठन को मंजूरी दे दी थी।
यूपी विशेष सुरक्षा बल के गठन की अधिसूचना शासन की ओर से जारी हो गई है। विशेष सुरक्षा बल को ढेर सारी शक्तियां दी गई है। बिना वारंट गिरफ्तारी और तलाशी की शक्ति विशेष सुरक्षा बल को दी गयी है।
बिना सरकार की इजाज़त के विशेष सुरक्षा बल के अधिकारियों और कर्मचारियों के ख़िलाफ़ अदालत भी संज्ञान नहीं लेगी।
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकारी इमारतों, दफ्तरों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी UPSSF(स्पेशल सिक्योरिटी फ़ोर्स) विशेष सुरक्षा बल के पास होगी। प्राइवेट कंपनियां भी पेमेंट देकर इसकी सेवाएं ले सकेंगे। विशेष सुरक्षा बल को मेट्रो रेल, एयरपोर्ट, औद्योगिक संस्थानों, बैंकों, वित्तीय संस्थानों, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, ऐतिहासिक, धार्मिक व तीर्थ स्थलों एवं अन्य संस्थानों, जनपदीय न्यायालयों की सुरक्षा में लगाया जाएगा। साथ ही वीवीआइपी सुरक्षा की ड्यूटी भी इनके कंधों पर होगी।
एडीजी स्तर का अधिकारी UPSSF का मुखिया होगा और इसका मुख्यालय लखनऊ में होगा।
कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए UPSSF के गठन की मंजूरी के बाद अब गृह विभाग ने भी इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।
विशेष सुरक्षा बल अलग अधिनियम के तहत काम करेगी। इसके एडीजी अलग होंगे। इसका मुख्यालय लखनऊ में प्रस्तावित है। शुरुआत में UPSSF (विशेष सुरक्षा बल) की पांच बटालियन गठित होंगी। विशेष सुरक्षा बल में शामिल जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा उन्हें अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली व सुरक्षा उपकरणों की जानकारी दी जाएगी। हाईकोर्ट ने फरवरी माह में अदालतों की सुरक्षा-व्यवस्था के लिए विशेष सुरक्षा बल के गठन का निर्देश दिया था, जिसके बाद शासन ने प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
विशेष सुरक्षा बल अलग अधिनियम के तहत काम करेगा।
विशेष सुरक्षा बल को मिली ये शक्तियां:
UPSSF को महत्वपूर्ण शक्तियां दी गई हैं।
इसके तहत UPSSF के किसी भी सदस्य के पास अगर यह विश्वास करने का कारण है कि धारा 10 में निर्दिष्ट कोई अपराध किया गया है, या किया जा रहा है, और यह कि अपराधी को निकल भागने का, या अपराध के साक्ष्य को छिपाने का अवसर दिए बिना तलाशी वारंट प्राप्त नहीं हो सकता, तब वह उक्त अपराधी को निरुद्ध कर सकता है।
इतना ही नहीं वह तत्काल उसकी संपत्ति व घर की तलाशी भी ले सकता है।
यदि वह उचित समझे तो ऐसे किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है।
लेकिन शर्त यही है कि उसे यह सही तौर पर ज्ञात हो एवं उसके पास यह कारण हो कि उसने अपराध किया है।