Three crores looted by forming a coupon fund firm in Lalitpur | ललितपुर में चिटफंड कंपनी बनाकर हड़पे तीन करोड़: पैसा वापस न करने पड़े इसलिए साथियों के साथ रची अपहरण की झूठी कहानी – Lalitpur Information
ललितपुर में चिटफंड कम्पनी बनाकर लोगों के करोड़ों रुपए का घालमेल करने के बाद ललितपुर से भागे युवक ने खुद के अपहरण की कहानी रच पत्नी से 30 लाख की फिरौती मांग डाली। पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए युवक को तीन साथियों सहित गिरफ्तार कर लिया।
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पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मुश्ताक ने पुलिस लाइन स्थित सभागार में अपहरण काण्ड का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि कोतवाली तालबेहट के ग्राम खांदी के मजरा रानीपुरा निवासी कमलेश पत्नी मनोज ने 25 जून को एफआईआर दर्ज कराते हुए बताया था कि उसका पति मनोज गुजरात के अहमदाबाद में कार चलाता है।
थाना स्तर की टीमें गठित की गई थी
उसके पति का अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अहमदाबाद से अपहरण कर लिया गया। वो लोग कार भी ले गए। अब वह फिरौती के रूप में 30 लाख रुपए की मांग कर रहे हैं। न देने पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। इस मामले में पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर युवक के सकुशल बरामद करने के लिए चार टीमों का गठन किया था। जिसमें स्वाट टीम, साइबर, सर्विलांस व थाना स्तर की टीमें गठित की गई थी।
चारों व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है
जब अपह्त युवक के मोबाइल की लोकेशन ली गई एवं जांच की गई तो पता चला कि पीड़िता एवं उसके परिजनों की बातों में विभिन्नता पाई गई। इसके बाद भी घटना की गहनता से जांच की गई तो पता चला कि मनोज ने स्वयं के अपहरण की साजिश अपने साथी भगवानदास, मंगल व हिम्मत के साथ मिलकर की है। टीम ने शुक्रवार को राजघाट स्थित अटल बिहारी बाजपेयी स्मृतिद्वार के पास स्थित जंगल में बने एक छोटे मंदिर के पास से चारों व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।
आरोपी ने बताई पूरी कहानी
अपने अपहरण की झूठी कहानी रचने वाले मनोज कुमार ने पूछताछ में बताया कि उसने साल 2018 में प्रगति रक्षक निधि लिमिटेड नामक चिटफंड सोसायटी खोली थी। जिसमें उसकी पत्नी कमलेश कुमारी उर्फ निधि तथा छोटा भाई दिनेश कुमार सदस्य थे।
इसके अलावा भगवानदास, मंगल को कम्पनी में एजेंट बनाया गया था। बाद में भगवानदास को ललितपुर बैंक का मैनेजर बनाया था। कम्पनी द्वारा कई लोगों से ढाई से तीन करोड़ रुपए जमा कराए गए थे। इसी रुपए से उसने अपनी पत्नी कमलेश कुमारी के नाम बांसी में 42 डिसमिल जमीन खरीदी थी। अन्य सम्पत्ति भी खरीदी थी।
एनआई एक्ट का वाद पंजीकृत कर दिया गया था
भाई के बिजनेस में पैसा लगा दिया था। कुछ पैसा लोगों का वापस भी कर दिया था। कुछ लोगों का पैसा वापस नहीं किया और कम्पनी बंद कर अपनी पत्नी व बच्चों के साथ इंदौर में छिपकर रहने लगा था। उसके खिलाफ कई मुकदमें ललितपुर में लिखे गये। इधर ललितपुर कोर्ट में एनआई एक्ट का वाद पंजीकृत कर दिया गया था। न्यायालय के कड़े रुख एवं लाभार्थियों के पैसे वापस न होने से लाभार्थियों के दबाब के कारण उसने अपने साथी भगवानदास, मंगल, हिम्मत एवं समीर कुशवाहा निवासी कुरौरा के साथ मिलकर योजना बनाई।
पैसे के लिए अपहरण की बात कर पैसा मांगा
उसने सोचा वह अपने अपहरण का झूठा नाटक बनाकर अपनी पत्नी से वास्तविक स्थिति छिपाकर फिरौती के लिए अपहरण का मुकदमा पत्नी से लिखा देगा। पत्नी से फोन कर उसने अपहरण की कहानी बताई व छुड़वाने के लिए 30 लाख रुपए मांगे। इसके बाद उन लोगों द्वारा फोन बंद कर लिया गया। इसके बाद अपनी मां व भाई के मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप कॉल कर पैसे के लिए अपहरण की बात कर पैसा मांगा।
पत्नी ने पुलिस को दे दी सूचना
जब मां व भाई ने फोन उठाना बंद कर दिया तो उसने अपनी पत्नी कमलेश को फोन करके बताया कि उसका किडनैप फिरौती के लिए भगवानदास, मंगल, हिम्मत एवं समीर ने कर लिया है। 30 लाख रुपए न देने पर वह लोग उसकी हत्या कर देगें। यह बात सुनकर उसकी पत्नी जमीन बेचकर उसे रुपए दे देगी। लेकिन पत्नी ने जमीन नहीं बेची और पुलिस को सूचना दे दी।