Amethi Information:लेनदेन के विवाद में की थी भाजपा मंडल उपाध्यक्ष की हत्या – Bjp Mandal Vice President Was Murdered Over Transaction Dispute
राजाफत्तेपुर (अमेठी)। सार्वजनिक स्थान पर उधार के तीन सौ रुपये मांगने के विवाद में दोस्त ने ही भाजपा मंडल उपाध्यक्ष की हत्या की थी। यह दावा पुलिस ने हत्या में नामजद आरोपी की गिरफ्तारी के बाद किया है। इधर, परिजनों ने शुक्रवार को गांव में ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस मामले में साक्ष्य जुटाने के साथ आरोपी का चालान कोर्ट भेजते हुए मामले की जांच में जुटी है।
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मोहनगंज थाने के कोची गांव निवासी रवींद्र प्रताप सिंह (38) राजाफत्तेपुर के भाजपा मंडल उपाध्यक्ष थे। बुधवार को घर से रवींद्र को उसका दोस्त सर्वेश सिंह उर्फ पिंटू ले गया था। इसके बाद बृहस्पतिवार सुबह सर्वेश सिंह उर्फ पिंटू के टिनशेड युक्त कमरे में रवींद्र प्रताप सिंह का शव मिला। शव मिलने के बाद पत्नी सरिता सिंह की तहरीर पर सर्वेश सिंह के खिलाफ पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया।
पुलिस ने शुक्रवार की सुबह आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। एसओ धीरेंद्र कुमार यादव के मुताबिक, पूछताछ में खुलासा हुआ कि एक सप्ताह पहले रवींद्र कुमार का चालान शांतिभंग के अंदेशे में हुआ था। एसडीएम कोर्ट से जमानत के दौरान रवींद्र प्रताप सिंह ने सर्वेश से तीन सौ रुपये उधार लिया था। तीन दिन पहले उसने उधार का पैसा वापस मांगा। शराब के नशे में रवींद्र ने सर्वेश को थप्पड़ मार कर जलील किया। इसी बात से नाराज था।
बुधवार को उसे घर बुलाकर शराब पिलाई, फिर चाकू से गोदकर हत्या कर दी। आरोप स्वीकार करने के बाद पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त चाकू बरामद कर लिया। बृहस्पतिवार की रात शव पोस्टमॉर्टम के बाद गांव पहुंचा तो परिजनों का हाल बेहाल था। शुक्रवार को गांव स्थित बाग में रवींद्र प्रताप सिंह का अंतिम कर दिया गया।
चचेरे भाई ने दी मुखाग्नि
भाजपा मंडल अध्यक्ष रवींद्र प्रताप सिंह का अंतिम संस्कार गांव में सुरक्षा के साए में हुआ। चचेरे भाई कप्तान सिंह ने मुखाग्नि दी। शव के अंतिम संस्कार के दौरान पुत्र अंशुमान और आयुष्मान का रो-रोकर हाल बेहाल रहा। पुत्र की असमय मौत से बुजुर्ग मां लीला बेसुध है तो पत्नी बार-बार अब परिवार का पालन कौन करेगा यही सवाल हर आने-जाने वाले से कर रही है। बहन स्वाति सिंह भी भाई की मौत के गम से गमगीन है।
गांव में पुलिस का पहरा
भाजपा मंडल उपाध्यक्ष की मौत के बाद गांव में सुरक्षा के दृष्टि से पुलिस का पहरा है। गांव में चप्पे-चप्पे पर खाकी तैनात है। ग्रामीणों के चेहते रवींद्र की मौत के बाद कई घराें में चूल्हे तक नहीं चले।