‘राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता’, अजित पवार बोले- निजी कमेंट पर जवाब नहीं दूंगा
मुंबई. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता अजित पवार (Ajit Pawar) ने रविवार को कहा कि राजनीति में कोई भी स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता है. मुंबई से लगभग 390 किलोमीटर दूर बीड में एक रैली को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्मे से धर्मनिरपेक्ष विचारों पर चलने वाले महाराष्ट्र को फायदा होगा. गौरतलब है कि अजित पवार के चाचा और एनसीपी चीफ शरद पवार ने 10 दिन पहले ही बीड में एक रैली को संबोधित किया था. अजित पवार ने बीड में कहा कि ‘मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जिसे काम करना पसंद है और अपने काम के जरिये बोलना पसंद है. मैं किसी के द्वारा मेरे खिलाफ की गई टिप्पणियों का जवाब नहीं दूंगा.’
अजित पवार ने उन्हें और उनकी पार्टी के नेताओं को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए शिवसेना (Shiv Sena) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के स्थानीय नेताओं का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि ‘राजनीति में कोई भी स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता. ये राजनीति है.’ अजित पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का करिश्मा पूरे देश में देखा जाता है और उम्मीद है कि धर्मनिरपेक्ष विचारों पर चलने वाले महाराष्ट्र को इस करिश्मे से फायदा होगा और इसलिए हम सभी ने राज्य के लाभ के लिए भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल होने का फैसला किया. सरकार में शामिल होने के हमारे फैसले के पीछे कोई स्वार्थ नहीं है. कुछ अटकलबाजी वाली बातों में रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है.
एक आश्चर्यजनक कदम में अजीत पवार पिछले महीने भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. एनसीपी के आठ विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली. उन्होंने एनसीपी और उसके चुनाव चिह्न पर भी दावा जताया. जबकि शरद पवार (Sharad Pawar) ने लगातार कहा है कि वह भाजपा के साथ हाथ मिलाने के खिलाफ हैं और उन्होंने अजीत पवार और अन्य विधायकों का नाम लिए बिना उन्हें ‘कायर’ कहा. दिलचस्प बात यह है कि शरद पवार ने शुक्रवार को दावा किया कि एनसीपी में कोई विभाजन नहीं है और अजित पवार उसके नेता हैं, लेकिन कुछ ही घंटों में उन्होंने अपने बयान से इनकार कर दिया.
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शरद पवार ने यह भी कहा था कि खुद को सही करने का अवसर एक बार दिया जाता है. मगर यह मौका दोबारा नहीं दिया जा सकता है या किसी को इसे दोबारा नहीं मांगना चाहिए. जाहिर तौर पर यह 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा के देवेंद्र फड़नवीस के साथ अजीत पवार के शपथ ग्रहण समारोह की ओर इशारा था.
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FIRST PUBLISHED : August 28, 2023, 06:11 IST