बारिश में खाना है मूढ़ी, कचरी और पकौड़ी तो आएं यहां, 50 किमी से खाने आते हैं लोग, जानें लोकेशन
धीरज कुमार/किशनगंज : बारिश के समय में लोगों की पहली पसंद पकौड़े और कचड़ी होती है. ऐसा ही नजारा बिहार के किशनगंज में देखने को हर रोज मिलता है. उत्तर भारत की चेरापूंजी के नाम से प्रसिद्ध किशनगंज में ज्यादा बारिश होती है. ऐसे में इस बरसात के मौसम में कचड़ी, आलू चॉप, बैंगनी, प्याजी की सुगंध आपको अपनी ओर खींच लेगी. शहर के बस स्टैंड के समीप हसन अंसारी पकोड़े वाले हैं. जिनके दुकान पर आलू चॉप, बैंगनी, प्याजी और कचड़ी खाने के लिए ग्राहकों की लंबी भीड़ लगती है. कराही से पकौड़े निकलते ही बिक्री हो जाती है. डिमांड इतनी कि लोग खाने के लिए खड़े होकर वेट करते हैं.
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20 साल से बेच रहे हैं पकौड़ा और आलू चॉप
सर्दियों के शौकीन किशनगंज वासियों के लिए हसन अंसारी हर रोज स्वादिष्ट पकौड़े, आलू चॉप, बैंगनी और प्याजी परोस रहे हैं. 20 सालों से लगातार स्वाद भी कायम रखा है. मूरही, आलू चॉप, प्याजी, मिर्च से लेकर बैंगन पकोड़े जैसी अनोखी चीज़ों को खाने के लिए लोग यहां जमा होते हैं. मात्र 20 रुपया में आसानी से इसका स्वाद उठाते हैं. लोग कड़ाही के निकलने का भी इंतजार नहीं करते हैं. सीधे हाथ बढ़ा देते हैं.
प्रतिदिन 50 kg की होती है खपत
आलम ये कि मात्र 4 घंटे की दुकानदारी में 50 किलो से अधिक मूढ़ी, चना, प्याज और बेसन की खपत होती है. दुकान खुलने का समय शाम के 4 बजे से 8 बजे रात तक है. मूढ़ी, कचौड़ी और बैंगन और ब्रैड पकौड़े जिसे खाने के लिए लोग आते हैं. Native-18 से बात करते हुए हसन अंसारी ने बताया कि आज से 20 साल पहले हमने इसकी शुरुआत की थी. आज हमारी दुकान से शहर में सर्वाधिक मूढ़ी, प्याजी मिर्च और आलू चोप की सेलिंग होती है. प्रतिदिन 50 किलो सामग्री हो की खपत होती है. प्रतिदिन 2-3 हजार रुपए तक की कमाई हो जाती है. घर परिवार से लेकर बच्चों की पढ़ाई सब इसी दुकान से पूरी होती है.
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FIRST PUBLISHED : August 18, 2023, 19:27 IST