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Fraud in the name of getting job in Income Tax Department

लखनऊ से लेकर दिल्ली, नोएडा और हरियाणा तक जुड़े हैं तार

लखनऊ: (Income Tax Department Lucknow) पिछले मंगलवार को आयकर विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने के मामले में गिरफ़्तार हुई प्रियंका मिश्रा। प्रियंका के तार लखनऊ से लेकर दिल्ली, नोएडा और हरियाणा तक जुड़े हैं। प्रियंका और उसके गिरोह से जुड़े लोग, बेरोज़गारों को गुमराह करके आयकर समेत अन्य विभागों ने नौकरी लगवाने के नाम पर 300 करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके हैं। 21 अक्टूबर को विभाग में इनकम टैक्स निरीक्षक की भर्ती के विज्ञापन को देखकर बनायीं थी योजना। प्रियंका मिश्रा छह साल पहले नोएडा में भी फ़र्ज़ी तरीक़े से नौकरी दिलाने का झांसा देकर कई लोगों को शिकार बनाकर फ़रार हुई थी।

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कई डेबिट कार्ड, आयकर विभाग की मोहर व दस्तावेज़ मिले

प्रियंका के साथ एक बड़े गिरोह के शामिल होने की बात भी सामने आ रही है। फ़िलहाल महिला को जेल भेजा जा चुका है। इस मामले में पुलिस के साथ ही आयकर विभाग ने भी जांच के लिए टीम गठित की है। आयकर विभाग (Income Tax Department) की टीम कुछ विभागीय लोगों की भी आन्तरिक जांच कर रही है। गिरोह में कुछ विभागीय लोग के जुड़े होने की बात सामने आ रही है। वहीं, पुलिस ने गिरफ्तार प्रियंका मिश्रा को बुधवार को जेल भेज दिया। इसके पास से कई डेबिट कार्ड, आयकर विभाग की मोहर व दस्तावेज़ मिले थे। जिनकी जांच की जा रही है।



विभाग के किसी भी अधिकारी के संलिप्त होने के कोई भी पुख़्ता सबूत नहीं

घटना की जांच कर रहे विवेचक विनय तिवारी के अनुसार अभी विभाग के किसी भी अधिकारी के संलिप्त होने के कोई भी सबूत नहीं मिले हैं। हालांकि कुछ समाचार पत्रों में विभाग के श्रीवास्तव नाम के किसी अधिकारी के संलिप्त होने की ख़बर को छापा था। जिसके बारे में विवेचक विनय तिवारी ने निराधार बताया है। विवेचक ने कहा अभी विभाग के किसी भी अधिकारी के संलिप्त होने के कोई भी पुख़्ता सबूत नहीं मिले हैं।

 

आयकर विभाग ने की फास्ट ट्रैक टीम गठित

आयकर विभाग ने घटना के बाद बुधवार को मामले में अपने किसी अधिकारी या कर्मचारी की संलिप्तता है या नहीं। इसे देखने के लिए फास्ट ट्रैक टीम गठित कर दी है। विभागीय जांच में पता चला है कि, प्रियंका मिश्रा वर्ष 2016-17 में संविदा पर नोएडा आयकर विभाग में डाटा आपरेटर थी। 2017 में उसने ख़ुद को आइएएस (IAS) क्वालीफाई बताकर पूरे विभाग में मिठाई भी बांटी थी।

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घटना क्रम में एक बार फिर नया मोड़

हालांकि इस घटना क्रम में एक बार फिर नया मोड़ आया है। पुलिस विभाग के जांच कर रहे विवेचक विनय तिवारी से जांच हटाकर अब नरही चौकी प्रभारी अंजनी तिवारी को दे दी गयी है। सूत्रों के हवाले से यह भी ख़बर है कि, इसके बाद अब जांच क्राइम ब्रांच को दी जाने वाली है। आयकर मुख्यालय प्रत्यक्षकर भवन में फ़र्ज़ी निरीक्षक भर्ती ठगी के मामले के बाद कई अधिकारी व कर्मचारी अवकाश पर चले गए हैं। यहां तक कि, जांच कर रहे फास्ट ट्रैक टीम के संयुक्त आयकर आयुक्त भी कार्यालय में नहीं मिल रहे।

संदिग्धों की सूची तैयार की जा रही

बता दें कि, इस मामले में विभाग के किसी भी अधिकारी से कोई पूछताछ नहीं की गयी है। इससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि, इस फर्ज़ीवाड़े के मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि पुलिस के मुताबिक़ पूछताछ के दौरान प्रियंका द्वारा दिए गए बयान में अधिकारियों के नामों की जांच की जा रही है। फ़र्ज़ीवाडे की मास्टर माइंड प्रियंका के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली गई है। इसी के आधार पर संदिग्धों की सूची तैयार की जा रही है।

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