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Supreme Court ने किया National Task Force का गठन



नयी दिल्ली/Covid-19: Supreme Court constitutes National Task Force, ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर एवं कोरोना संक्रमण को देखते हुए भविष्य में आने वाली चुनौतियों पर करेगी काम। जस्टिस डी0वाई0 चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने ऑक्सीजन की उपलब्धता और वितरण को लेकर 12-सदस्यीय National Task Force  का गठन किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को वैज्ञानिक फार्मूले और ज़रूरत के आधार पर पर्याप्त आक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए शीर्ष मेडिकल विशेषज्ञों की 12 सदस्यीय National Task Force गठित की है। यह Task Force आक्सीजन सप्लाई के आडिट के लिए उपसमूह बनाएगी और केंद्र सरकार को अपने सुझाव देगी।

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भारत की क्षमता 7 हजार मीट्रिक टन की है - Central Government

केंद्र सरकार ने अपनी दलील पेश करते हुए कहा - देश में ऑक्सिजन की कमी नहीं। इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि भारत एक ऑक्सिजन सरप्लस वाला देश है। भारत की क्षमता 7 हजार मीट्रिक टन की है लेकिन अभी भारत में 10 हजार मीट्रिक टन ऑक्सिजन का उत्पादन हो रहा है।



केंद्र सरकार दिल्ली को रोजाना 700 टन आक्सीजन की आपूर्ति जारी रखेगी

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि जब तक टास्क फोर्स अपने सुझाव देती है, केंद्र सरकार दिल्ली को रोजाना 700 टन आक्सीजन की आपूर्ति जारी रखेगी। इसमें कोई कटौती नहीं की जाएगी। ये आदेश न्यायमूर्ति डी0वाई0 चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली को आक्सीजन आपूर्ति मामले में दिए हैं। कोर्ट ने दिल्ली के आक्सीजन आडिट के उपसमूह में AIIMS के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया, मैक्स हेल्थकेयर के डॉक्टर संदीप बुद्धिराजा और केंद्र व दिल्ली के एक-एक आइएएस अधिकारियों को शामिल करने का आदेश दिया है।

आइ0ए0एस अधिकारी संयुक्त सचिव स्तर से कम के नहीं होने चाहिए

आइ0ए0एस अधिकारी संयुक्त सचिव स्तर से कम के नहीं होने चाहिए। इसके अलावा पीठ ने आदेश में कहा है कि नेशनल टास्क फोर्स के संयोजक कैबिनेट सचिव होंगे और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव टास्क फोर्स में पदेन सदस्य होंगे। यह आरोप लगाया जा रहा है कि कुछ राज्य आक्सीजन का सही उपयोग नहीं कर रहे हैं। वहीं कुछ राज्यों को जरूरत से ज्यादा आवंटित किया जा रहा है।

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टास्क फोर्स आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की समीक्षा कर उपाय भी सुझाएगी

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि National Task Force पूरे देश के लिए आक्सीजन की उपलब्धता और वितरण का आकलन कर सिफ़ारिशें देगी। साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तर्कसंगत, बराबर और वैज्ञानिक आधार पर आक्सीजन की आपूर्ति की प्रणाली बनाएगी। टास्क फोर्स आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की समीक्षा कर उपाय भी सुझाएगी। ग्रामीण इलाकों में नए समाधानों के साथ विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाने के लिए मौजूदा कार्यबल और तकनीक का इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाएगा।

National Task Force Members

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित टास्क फोर्स में पश्चिम बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज कोलकाता के पूर्व वीसी डॉ0 भबतोष बिश्वास, सर गंगाराम हॉस्पिटल दिल्ली के चेयरमैन डॉ0 देवेंदर सिंह राणा, नारायणा हेल्थ केयर बेंगलुरू के चेयरपर्सन और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ0 देवी प्रसाद शेट्टी, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर की प्रोफेसर डॉ0 गगनदीप कांग, तमिलनाडु में क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के ही डायरेक्टर डॉ0 जेवी पीटर शामिल हैं।

 

National Task Force Members

इनके अलावा मेदांता हॉस्पिटल के चेयरपर्सन और एमडी डॉ0 नरेश त्रेहन, फोर्टिस अस्पताल में क्रिटिकल केयर मेडिसिन के डायरेक्टर डॉ0 राहुल पंडित, सर गंगाराम अस्पताल की डिपार्टमेंट ऑफ सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और लिवर ट्रांसप्लांट की डायरेक्टर डॉ0 सौमित्र रावत, आईएलबीएस के सीनियर प्रोफेसर डॉ0 शिव कुमार सरीन और हिंदुजा हॉस्पिटल के डॉ0 जरीर एफ उडवाडिया शामिल हैं।



Task Force Liabilities

टास्क फोर्स प्रशिक्षित डॉक्टर, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ बढ़ाने के सुझाव देगी और उनके लिए उचित प्रोत्साहन के उपाय भी सुझाएगी। महामारी के प्रति प्रभावी कदम उठाने के लिए साक्ष्य आधारित अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाएगा। महामारी प्रबंधन और उसके इलाज के बेहतर तौर तरीकों की जानकारी पूरे देश में साझा करने की जिम्मेदारी भी टास्क फोर्स को दी गई है।

मामले की अगली सुनवाई 17 मई को होगी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि टास्क फोर्स प्रत्येक राज्य के लिए उपसमूह बनाएगी, जिसमें राज्य के सचिव स्तर के नीचे का अधिकारी नहीं होगा और उसमें केंद्र का एडिशनल या संयुक्त सचिव स्तर से नीचे का अधिकारी नहीं होगा। नेशनल टास्क फोर्स तत्काल प्रभाव से काम शुरू कर देगी और समय-समय पर कोर्ट को भी अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। केंद्र सरकार टास्क फोर्स के सुझाव आने के बाद आक्सीजन व अन्य चीजों की आपूर्ति के बारे में उचित निर्णय लेगी। कोर्ट ने कहा है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए टास्क फोर्स बहुत तेजी से एक सप्ताह में आक्सीजन पहुंचाने के तौर तरीके तय करेगी। टास्क फोर्स का कार्यकाल छह महीने का होगा। केंद्र सरकार और सभी अस्पताल आदि टास्क फोर्स को पूरा सहयोग देंगे। मामले की अगली सुनवाई 17 मई को होगी।

राज्यों के उपसमूह अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में आपूर्ति के प्रभाव का आडिट करेंगे

कोर्ट ने कहा है कि राज्यों के उपसमूह इस बात का आडिट करेंगे कि केंद्र की ओर से आवंटित आपूर्ति हुई है या नहीं। वे अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में आपूर्ति के प्रभाव का आडिट करेंगे। साथ ही देखेंगे कि उपलब्ध स्टाक प्रभावी, पारदर्शी और व्यावसायिक तंत्र के तहत वितरित किया गया या नहीं। ये उपसमूह राज्य को आवंटित आक्सीजन के इस्तेमाल की जवाबदेही देखेंगे।

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Abid Ali Khan (Editor)

GNN (G News Networks)

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