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माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रोकथाम के लिए उठाए गए ठोस फैसले पर दिल्ली सरकार से हलफ़नामें के ज़रिए जवाब मांगा।

माननीय Supreme Court में आज दिल्ली में कोरोना के बेकाबू हालात पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली में हालात पिछले कुछ दिनों में बद से बदतर होते जा रहे हैं।

Delhi Government इस भयानक बीमारी से निपटने के क्या कार्य कर रही है, इसकी स्टेटस रिपोर्ट हलफनामे के जरिए कोर्ट में पेश करें।

गौरतलब है कि दिल्ली में Aam Aadmi Party सरकार की लापरवाही और निष्क्रियता से रोजाना कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जहां एक तरफ पिछले कुछ दिनों से रोजाना 5000 से ज्यादा केस कोरोना संक्रमित लोगों के हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ 100 से ज्यादा मौत का आंकड़ा अकेले दिल्ली में रोजाना देखने को मिल रहा है।

दिल्ली में लोक नारायण जयप्रकाश अस्पताल जिसको दिल्ली सरकार कोविड अस्पताल बोलती है, वहां कितने ही मरीजों को ICU बेड नहीं मिल पा रहा। दिल्ली सरकार के तमाम वादे और आश्वासन झूठे निकल रहे हैं। चारों तरफ हॉस्पिटल के अंदर मरीजों का तांता लगा हुआ है, लेकिन अस्पतालों के पास ना ही बेड है, ना ही कोरोना से निपटने में दिल्ली सरकार कोई भी सशक्त भूमिका निभा पा रही है।

कल खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सभी राज्य जिस में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है उनके मुख्यमंत्रियों से बैठक कर आगे निपटने के लिए योजना बनाएंगे।

माननीय सुप्रीम कोर्ट देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के संक्रमण के बढ़ते मामले पर बेहद गंभीर नजर आई और दिल्ली सरकार को चाहिए की अब दिल्ली वासियों के जीवन का प्रश्न है। खाली घोषणाएं या आश्वासन या टीवी विज्ञापन ना देकर अस्पतालों, कोरोना की रोकथाम और टेस्टिंग पर ध्यान दें, जिससे दिल्ली का भविष्य इस कोरोना की चपेट से बच सकें।

अधिवक्ता संकेत गुप्ता की क़लम से

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