The Youngsters Had been Shocked And Tears Had been Flowing From Each Eye – Amethi Information
अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद महिलाएं। -संवाद
मां-बेटे का गांव में तो भाई का गंगा घाट प्रयागराज पर हुआ अंतिम संस्कार
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संवाद न्यूज एजेंसी
अमेठी। टांडा-बांदा हाईवे के जामो-भादर मार्ग पश्चिम दुआरा स्थित तिराहे के पास रविवार को हुए सड़क हादसे में सगे भाई बहन व भांजे की मौत से ससुराल और मायके में मातम पसरा हुआ है। सोमवार को मां और बेटे का गांव में तो भाई का अंतिम संस्कार गंगा घाट पर हुआ। बच्चे स्तब्ध दिखे तो मौके पर मौजूद लोगों की आंखों से अश्रु धारा बह रही थी।
पीपरपुर थाना क्षेत्र के गांव भावापुर मजरे गुडुरी निवासी दुर्गेश उपाध्याय की बहन वंदना का विवाह थाना क्षेत्र मुंशीगंज के गांव पूरे कृतार्थ पाठक मजरे जलामा निवासी संतोष पाठक के साथ हुआ था। वंदना के दो जुड़वा बेटियां रिद्धि व सिद्धि (7) एक बेटा रुद्र पाठक (5) हैं।
रविवार सुबह दुर्गेश उपाध्याय अपनी बहन वंदना और भांजे रुद्र को बाइक से लेने उसकी ससुराल गया था। जहां से वंदना और भांजे रूद्र को लेकर अपने घर आ रहा था। रास्ते में टांडा-बांदा हाईवे के जामो-भादर मार्ग पश्चिम दुआरा स्थित तिराहे के पास हुए सड़क हादसे में सगे दुर्गेश वंदना और भांजे रुद्र की मौत हो गई। वंदना और रुद्र का शव पोस्टमार्टम होने के बाद उनकी ससुराल पूरे कृतार्थ पाठक का पुरवा गया, तो दुर्गेश का शव उनके गांव भावापुर लाया गया। गांव में ही वंदना और रुद्र का अंतिम संस्कार किया गया।
रीति रिवाज के मुताबिक रुद्र को कब्र में दफनाया गया तो वंदना की चिता को मुखाग्नि उनके पति संतोष ने दी। वहीं दुर्गेश का अंतिम संस्कार गंगा घाट प्रयागराज पर किया गया। मौके पर मौजूद लोगों की आंखों से अश्रु धारा भर बह रही थी। लोग पीड़ित पारिवारिक जनों एवं बच्चों को बंधा रहे थे। दोनों परिवारों पर टूटे दुखों के पहाड़ की चर्चा सभी की जुबान पर रही है। हर कोई बच्चों और परिवार के भरण पोषण को लेकर चिंतित दिखा।
ढांढ़स बंधाने वालों का लगा रहा तांता
अमेठी। भावापुर गांव में मातम पसरा हुआ। मृतक दुर्गेश की वृद्ध मां राजपती, पत्नी डाली, बेटी लवी व काव्या, डेढ़ वर्ष बेटा वीर का रो-रोकर हाल बेहाल है। वहीं मृतक वंदना व रुद्र के पिता संतोष पाठक बेटियां रिद्धि सिद्धि सास चंद्रकली इस घटना से पूरी तरह सदमे में हैं। वहीं भावापुर में मृतक दुर्गेश उपाध्याय के घर पहुंच कर समाजसेवी अमरेंद्र सिंह ने परिवारजनों को ढांढस बंधाया। इसके साथ ही अन्य लोग पहुंच कर परिजनों को ढांढ़स बंधा रहे हैं।