तेल-गैस के भरपूर भंडार, फिर भी ईवी का दीवाना है यह देश, 89% गाड़ियां इलेक्ट्रिक
नई दिल्ली. दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री तेजी से बढ रही है. भारत में भी अब दो-पहिया और चार पहिया इलेक्ट्रिक गाड़ियां सड़कों पर दिखाई देने लगी है. लेकिन, ईवी के मामले में नार्वे ने सभी देशों को पछाड़ दिया है. साल 2024 में नॉर्वे ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में नया कीर्तिमान स्थापित किया है. नार्वेजियन रोड फेडरेशन (ओएफवी) के आंकड़ों के अनुसार 2024 में नार्वे में बेची गई 89% नई गाड़ियां इलेक्ट्रिक थीं. ओएफवी का कहना है कि यह उपलब्धि 2025 तक सभी नई गाड़ियों को “जीरो उत्सर्जन” बनाने के लक्ष्य के करीब पहुंचने का संकेत है. 2024 में कुल 1,28,691 नई गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ, जिनमें से 1,14,400 गाड़ियां इलेक्ट्रिक थीं. खास बात यह है कि नार्वे एक प्रमुख ऊर्जा उत्पादक देश है और तेल और गैस का खूब निर्यात करता है.
नॉर्वे ने 12 सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है. 2012 में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की हिस्सेदारी केवल 2.8% थी, लेकिन प्रोत्साहन योजनाओं और जागरूकता अभियानों के कारण यह आंकड़ा तेजी से बढ़ा. नार्वे में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के चलन को बढाने के लिए टैक्स छूट, टोल माफी, मुफ्त पार्किंग और सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट लेन के उपयोग जैसी सुविधाएं दी गईं. हालांकि, बीते वर्षों में कुछ प्रोत्साहनों को वापस ले लिया गया है, लेकिन इलेक्ट्रिक गाड़ियां अब नॉर्वे में आम हो चुकी हैं.
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टेस्ला सबसे आगे
नॉर्वे में इलेक्ट्रिक गाड़ियां बेचने वाली कंपनियों में टेस्ला 19% बाजार हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे है. इसके बाद फोक्सवागन, टोयोटा, वॉल्वो और बीएमडब्ल्यू का स्थान है. अब कुछ चाइनीज ब्रांड भी नॉर्वे में बिकने लगे हैं. इसलिए 2025 में यह देखना दिलचस्प होगा कि नए चीनी ब्रांड और मॉडल खरीदारों के बीच कितनी जगह बना पाते हैं.
भारत में केवल 2 फीसदी हिस्सेदारी
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर उत्साह तो है, लेकिन बाजार अभी बहुत छोटा है। इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन के अनुसार, 2024 में भारत में बिकने वाली कुल गाड़ियों में से केवल 2% गाड़ियां इलेक्ट्रिक थीं. वर्तमान में टाटा, महिंद्रा, हुंडई, और एमजी जैसी कंपनियां इलेक्ट्रिक गाड़ियां बाजार में बेच रही हैं.
इस साल देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारूति भी अपनी ईवी लॉन्च करेगी. भारत में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का न होना ईवी की लोकप्रियता में सबसे बड़ी बाधा है. भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर का योगदान अधिक है. 2024 में बिकने वाले थ्री-व्हीलरों में 50% और टू-व्हीलरों में 5% हिस्सेदारी इलेक्ट्रिक की थी.
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FIRST PUBLISHED : January 8, 2025, 18:10 IST