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कार की सफाई करते वक्त न करें ये गलतियां, जान लें सही तरीके, बढ़ जाएगी कार की उम्र और रिसेल वैल्यू


नई दिल्ली. किसी भी कार को साफ रखना सिर्फ उसकी सुंदरता नहीं बढ़ाता बल्की गाड़ी में किए गए निवेश की सुरक्षा करता है, उसकी फिर से बिकने की कीमत को बढ़ाता है और पेंट की स्थिति को ज्यादा समय तक बनाए रखता है. हालांकि, कार की सफाई को लेकर कई तरह के मिथक फैले हुए हैं, जिससे लोगों में गलतफहमी पैदा हो जाती है और वो गाड़ी साफ करने के ऐसे तरीके अपना लेते हैं जो गाड़ी को नुकसान पहुंचा सकते हैं. हम यहां आपको यहां कार क्लीनिंग के मिथ और फैक्ट के बारे में बताने जा रहे हैं. इस बारे में जानकारी द डिटेलिंग माफिया के सीईओ कुणाल सेठी दे रहे हैं.

मिथ: बर्तन धोने के साबुन से हम कार भी धो सकते हैं.

फैक्ट: यह एक आम गलतफहमी है. बर्तन धोने का साबुन, जिसे बर्तनों से ग्रीस हटाने के लिए बनाया गया है, कार के पेंट के लिए बहुत कठोर हो सकता है. ये सुरक्षा के लिए लगी मोम की परत को हटा सकता है, जिससे कार धूप की किरणों, खरोंचों और पर्यावरण के नुकसान के लिए सीधे तौर पर असुरक्षित हो जाती है. अपनी गाड़ी के नाज़ुक फिनिश को साफ और सुरक्षित रखने के लिए विशेष रूप से तैयार कार वॉश शैम्पू में निवेश करना बेहतर है.

मिथ: गाड़ी धोने के लिए किसी भी कपड़े का इस्तेमाल किया जा सकता है.

फैक्ट: गाड़ी साफ करते समय, कॉटन के तौलिये या स्पंज की जगह माइक्रोफाइबर कपड़े का इस्तेमाल करने की हमेशा सलाह दी जाती है. माइक्रोफाइबर कपड़े का बनावट गंदगी के कणों को प्रभावी ढंग से फंसा सकता है, जिससे खरोंच की संभावना कम हो जाती है जो पारंपरिक सामग्री पैदा कर सकती है. धोने और सुखाने के चरणों के दौरान उच्च-गुणवत्ता वाले माइक्रोफाइबर कपड़े का उपयोग करने से सुरक्षित और अधिक कुशल सफाई का अनुभव प्राप्त होता है. ये तरीका गाड़ी के पेंटवर्क और फिनिश की रक्षा करता है.

मिथ: कार डिटेलिंग की कोई जरूरी नहीं.

फैक्ट: आज के समय में, कार डिटेलिंग सिर्फ बुनियादी सफाई से कहीं ज्यादा है. इसमें गहरी सफाई, पॉलिशिंग और आंतरिक और बाहरी सतहों की सुरक्षा शामिल है, जो एक बेदाग लुक और लंबे समय तक की सुरक्षा सुनिश्चित करती है. डिटेलिंग में सावधानीपूर्वक देखभाल शामिल होती है, जैसे इंटरनल कंटेंट्स को कंडीशन करना और बाहरी हिस्से पर सुरक्षात्मक कोटिंग लगाना. ये पर्यावरण के कारण होने वाले नुकसान से बचाता है. ये न केवल कार की चमक को वापस लाता है बल्कि इससे रिसेल वैल्यू भी बनी रहती है और भविष्य में मरम्मत की संभावना कम हो जाती है.

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मिथ: कार वैक्सिंग महंगी होती है.

फैक्ट: वैक्सिंग गाड़ी के पेंट की सुरक्षा की एक परत जोड़ती है, जिससे चमक बढ़ती है, पानी को हटाने में मदद मिलती है और ये पर्यावरण प्रदूषकों से बचाती भी है. भले ही कुछ नई कारों में पहले से ही एक सुरक्षा परत होती है, लेकिन नियमित रूप से वैक्सिंग करने से पेंट का जीवनकाल और चमक लंबे समय तक बना रहता है. बाजार में कई तरह की वैक्स उपलब्ध हैं, जिनमें बजट के मुताबिक स्प्रे से लेकर लंबे समय तक चलने वाले प्रीमियम विकल्प शामिल हैं.

मिथ: एक चमकती हुई कार ही, एक साफ कार है.

फैक्ट: यह एक आम गलतफहमी है. एक साफ कार सिर्फ धोने या खुद धोने से ज्यादा होती है. यह पेशेवर कार की सफाई के बारे में है जो पेंट में जमी गंदगी, जमी हुई मैल और कई तरह की गंदगियों जिन्हें अगर अनदेखा कर दिया जाए तो नुकसान हो सकता है. एक उचित धुलाई में पहियों, दरवाजे के जाम और अन्य छिपे हुए क्षेत्रों की सफाई शामिल होनी चाहिए जहां गंदगी जमा हो जाती है.

आज के समय में सिर्फ सुन्दरता के लिए नहीं बल्कि और भी कई कारणों से गाड़ी को साफ रखना बहुत जरूरी है. गाड़ी को नियमित रूप से धोने से भले ही गंदगी, मैल और प्रदूषण साफ हो जाते हैं, लेकिन अगर ये काम पेशेवरों द्वारा न किया जाए तो इससे गाड़ी के पेंट और अंदरूनी हिस्से खराब हो सकते हैं. हालांकि, गाड़ी की सफाई से जुड़े कुछ आम तरीके गलत साबित हो चुके हैं. इन अंतरों को समझने से लोग एक सुरक्षित और कारगर गाड़ी धोने की आदत बना सकते हैं जो उनकी गाड़ी की रक्षा करेगी और उसकी उम्र बढ़ाएगी.

Tags: Auto Information, Automotive Bike Information

FIRST PUBLISHED : June 29, 2024, 21:55 IST

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