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Up: Bhupendra Choudhary Meets Jp Nadda, Questions Raised On Ayodhya And Varanasi In 35 Minute Assembly, Massive Dec – Amar Ujala Hindi Information Reside


भूपेंद्र चौधरी दिल्ली में जेपी नड्डा से मिले।
– फोटो : socia; media

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यूपी के लोकसभा चुनाव में संगठन के लचर चुनावी प्रबंधन का खामियाजा भुगत चुकी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने शनिवार को दिल्ली पहुंचकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने सफाई पेश की। उन्होंने हार के कारणों की अब तक की पड़ताल की रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष ने नड्डा के सामने पार्टी के हार की नैतिक जिम्मेदारी तेले हुए कई कारण भी गिनाए। करीब 35 मिनट तक दोनों ने नेताओं के बीच चुनाव परिणामों को लेकर हुई गंभीर चर्चा के बाद अब इस बात की कयासबाजी तेज हो गई है कि इसका परिणाम आगले महीने में संगठन के बदलाव के तौर पर सामने आ सकता है।

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बता दें कि 2019 की तुलना में इस बार के चुनाव में यूपी में बड़ा झटका लगा है। 80 सीटों का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा को मात्र 33 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। पिछली बार से इस बार 29 सीटों को नुकसान उठाना पड़ा है। इस तरह के अप्रत्याशित परिणाम से भौचक भाजपा हाईकमान अंदर से हिला हुआ है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को किसी भी सूरत में बख्सने के मूड में नहीं है। शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर ही प्रदेश संगठन द्वारा बीते एक सप्ताह से 40 लोगों की टीम को हर लोकसभा क्षेत्र में हार की पड़ताल करने के लिए भेजा गया थी। खुद प्रदेश अध्यक्ष भी अयोध्या समेत कई स्थानों पर गए थे। इसके अलावा वह क्षेत्रीय संगठनों के साथ बैठकें करके बारीकी से हार के कारणों को जानने की कोशिश की थी ।

सूत्रों के मुताबिक पार्टी के केन्द्रीय मुख्यालय में दोनों नेताओं के बीच सबसे अधिक चर्चा अयोध्या की हार और वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीत का अंतर कम होने के लेकर हुई। बताया जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष ने हार के बारे में जो फीडबैक दिया है, उसमें नौकरशाही के मनमानी के साथ ही मतदाता सूची में गड़बड़ी के अलावा संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने जैसे तमाम कारणों को जिम्मेदार बताया गया है।

सूत्रों की माने तो नड्डा ने प्रदेश अध्यक्ष से संगठन की खामियों को लेकर भी चर्चा की है। साथ ही पार्टी के उन चेहरों पर भी चर्चा की गई है, जिन लोगों ने भिरतघात किया है। सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जल्द ही ऐसे लोगों को चिह्नित करके उनके खिलाफ कार्रवाई करने का भी संकेत दिया है। यह भी माना जा रहा है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व 15 जुलाई के बाद संगठन में बदलाव कर सकता है।

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