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92%  इंडियन वर्कप्लेस पर यूज करते हैं AI, माइक्रोसॉफ्ट और लिंक्डइन 2024 वर्क ट्रेंड इंडेक्स का खुलासा


मुंबई: माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) और लिंक्डइन (LinkedIn) ने आज वर्कप्लेस पर एआई (AI) के इस्तेमाल की स्थिति पर 2024 वर्क ट्रेंड इंडेक्स के भारत से संबंधित रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट का टाइटल है, ‘एआई ऐट वर्क इज़ हीयर. नाऊ कम्स द हार्ड पार्ट’. इसमें ये बताया गया है कि कैसे सिर्फ एक साल में एआई ने लोगों के काम करने, लीड करने और लोगों को काम पर रखने के तरीके को प्रभावित किया है.

चौथे वर्क ट्रेंड इंडेक्स के लिए माइक्रोसॉफ्ट और लिंक्डइन ने पहली बार साथ काम किया है. ताकि पता चले कि एआई कैसे काम को आकार दे रहा है. ताकि इस पर व्यापक जानकारी हासिल की जा सके. इस रिपोर्ट के नतीजे 31 देशों में 31,000 लोगों के बीच किए गए सर्वे, लिंक्डइन पर लेबर और नियुक्ति के रुझान, खरबों माइक्रोसॉफ्ट 365 प्रोडक्टिविटी सिग्नल्स और फॉर्च्यून 500 ग्राहकों के बीच किए गए शोध पर आधारित हैं.

यह रिपोर्ट आने वाले वर्षों में वर्क, टैलेंट और हायरिंग पर एआई के प्रभाव के बारे में हर बिजनेस लीडर और प्रोफेशनल को जानने के लिए जरूरी 3 बातों पर प्रकाश डालती है:

1. अपने ऑफिस में AI चाहते हैं कर्मचारी

भारत का वर्कफोर्स एआई को लेकर बहुत आशावादी है. 92 फीसदी नॉलेज वर्कर्स अपने वर्कप्‍लेस पर एआई का इस्तेमाल करते हैं, जबकि दुनिया भर में इसका औसत 75% है. इससे पता चलता है कि वर्कफोर्स समय बचाने, क्रिएटिविटी को बढ़ावा देने और ध्यान केंद्रित करने के लिए एआई पर विश्वास करता है. भारत में 91 प्रतिशत बिजनेस लीडर्स का भी मानना है कि उनकी कंपनियों को प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए एआई को अपनाने की जरूरत है, लेकिन 54 फीसदी को चिंता है कि उनके संगठन के पास इसके कार्यान्वयन के लिए किसी योजना और नजरिए का अभाव है.

जबकि लीडर्स इंडिविजुअल प्रोडक्टिविटी बेनिफिट को कंपनी के फायदे में बदलने का दबाव महसूस करते हैं. वहीं, कर्मचारी एआई का फायदा उठाने के लिए किसी की प्रतीक्षा नहीं कर रहे हैं. इस रिपोर्ट से पता चलता है कि 72 फीसदी  भारतीय एआई यूजर्स काम पर अपने स्वयं के एआई टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. इन आंकड़ों से पता चलता है कि लोग कार्यस्थल पर अधिक प्रोडक्टिव और क्रिएटिव होने के लिए एआई की ओर रुख कर रहे हैं.

2. कर्मचारियों की सीमा को तोड़ता है एआई
लिंक्डइन के डेटा से पता चलता है कि लिंक्डइन जॉब पोस्ट में एआई के उल्लेख में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में यह एक दो तरफा रास्ता बन गया है. ऐसे संगठन जो एआई टूल्स और ट्रेनिंग के साथ कर्मचारियों को ज्यादा कुशल बनाते हैं, वे सबसे बेहतर टैलेंट आकर्षित करेंगे और एआई में महारत रखने वाले प्रोफेशनल्स को बढ़त हासिल होगी.

जहां तक नियुक्तियों की बात है तो भारत के बिजनेस लीडर्स के लिए एआई स्किल अब सबसे महत्वपूर्ण बन गया है. 75 फीसदी बिजनेस लीडर्स का कहना है कि वो एआई कौशल की कमी वाले किसी व्यक्ति को नौकरी पर नहीं रखेंगे. ये आंकड़ा ग्लोबल एवरेज से 66 फीसदी से ज्यादा है. दिलचस्प बात यह है कि एआई स्किल अब अनुभव से ज्यादा महत्वपूर्ण बन गया है. भारत में 80 फीसदी बिजनेस लीडर्स एआई स्किल के बिना ज्यादा अनुभवी उम्मीदवार की तुलना में एआई स्किल वाले कम अनुभवी उम्मीदवार को नौकरी देना पसंद करते हैं.

इस रिपोर्ट में जारी आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल के अंत तक वैश्विक स्तर पर लिंक्डइन सदस्यों में कोपायलट और चैट पीटी जैसे एआई स्किल जोड़ने में 142 गुना बढ़त हुई है. अपनी एआई योग्यता बढ़ाने के लिए लिंक्डइन लर्निंग कोर्स का इस्तेमाल करने वाले गैर-तकनीकी प्रोफेशनल्स में 160 फीसदी की ग्रोथ हुई है.

3. एआई पावर यूजर्स का उदय
एक शोध में चार प्रकार के एआई यूजर्स के बारे में पता चला है. इसमें पहले हैं स्केप्टिक या संशयवादी से जो शायद ही कभी एआई का इस्तेमाल करते हैं. दूसरे वे हैवी यूजर हैं जो इसका बड़े पैमाने पर इसका उपयोग करते हैं. इन दोनों के बीच में नौसिखिए और खोजकर्ता यूजर भी शामिल हैं. स्केप्टिक या संशयवादियों की तुलना में एआई पावर यूजर्स ने अपने वर्किंग डे में मौलिक रूप से बदलाव किया है. 90 फीसदी भारतीय एआई पावर यूजर अपने दिन की शुरुआत एआई के साथ करते हैं और 91 फीसदी अगले दिन की तैयारी के लिए इस पर भरोसा करते हैं. उपयोगी संकेतों के संबंध में सहकर्मियों से मार्गदर्शन लेने की उनकी संभावना 37 फीसदी ज्यादा है और एआई के साथ प्रयोग करने की संभावना 47 फीसदी ज्यादा है.

इसके अलावा दूसरे कर्मचारियों की तुलना में एआई पावर यूजर्स को विशेष रूप से प्रॉम्प्ट्स (संकेतों) और रोल-स्पेसिफिक एआई इस्तेमाल पर प्रशिक्षण प्राप्त करने की संभावना लगभग 20 फीसदी ज्यादा है. उन्हें जेनरेटिव एआई पर सीईओ से मेल मिलने की 65 फीसदी ज्यादा संभावना है.

क्या एआई बन गया है काम की जरूरत?
इरिना घोष, प्रबंध निदेशक, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया और दक्षिण एशिया ने कहा, “वर्क ट्रेंड इंडेक्स के डेटा से पता चलता है कि एआई अब काम पर एक वास्तविकता बन गया है. भारत में नॉलेज वर्कर्स के बीच एआई अपनाने की दर 92% के साथ सबसे अधिक है. यह दर बीएफएसआई से लेकर हेल्‍थकेयर, आईटीईएस और पब्लिक सेक्टर तक सभी क्षेत्रों में बढ़ रही है. यह बहुत उत्साहजनक है. एआई को लेकर यह आशावाद कंपनियों को सही टूल्‍स और ट्रेनिंग में निवेश करने करने का एक जबरदस्त अवसर पेश कर रहा है.’’

समय के साथ बदल रही है दुनिया
लिंक्डइन में टैलेंट और लर्निंग सॉल्यूशंस की प्रमुख रुचि आनंद ने कहा, “एआई काम की दुनिया को बदल रहा है. टैलेंट को नया रूप मिल रहा है. कर्मचारी और संगठनों, दोनों बदलाव को अपनाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं. एआई विशेषज्ञता की मांग में पिछले से 17% की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है.”  हमने भारत में पेशेवरों को अपने पेशेवर टूलकिट में एआई कौशल जोड़ने के साथ-साथ एआई के लाभों को जोड़ने के लिए भी देखा है. यह महत्वपूर्ण है नेताओं को प्रौद्योगिकी और प्रतिभा दोनों में विचारशील निवेश के माध्यम से अपने संगठन की एआई क्षमताओं को बढ़ावा देना होगा.”

Tags: Synthetic Intelligence, LinkedIn, Local18, Microsoft

FIRST PUBLISHED : Could 16, 2024, 16:56 IST

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