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विदेश में बाईं तो भारत में दाईं ओर क्‍यों होता है कार का स्‍टेयरिंग? क्‍या साइड का है सेफ्टी से कोई कनेक्‍शन?


हाइलाइट्स

कारों के स्‍टेयरिंग की साइड ट्रैफिक चलने के हिसाब से तय होता है.
जिन देशों में राइट हैंड ट्रैफिक चलता है, वहां यह लेफ्ट साइड होता है.
भारत में लेफ्ट हैंड ट्रैफिक चलता है तो स्‍टेयरिंग राइट साइड होता है.

नई दिल्‍ली. दुनिया के कई देशों में ट्रैफिक बाईं ओर चलता है तो कुछ में दाईं ओर. गाड़ियों की स्‍टेयरिंग का स्‍थान भी दुनियाभर में समान नहीं है. भारत और ब्रिटेन सहित दुनिया के अधिकांश देशों में बाईं ओर स्‍टेयरिंग लगाया जाता है. अमेरिका, फ्रांस और हॉलैंड सहित बहुत से देशों में गाड़ियों में स्‍टेयरिंग दाईं ओर होता है. इस दोहरे सिस्‍टम को देखकर मन में यह सवाल जरूर आता है कि आखिर ये दाएं-बाएं का चक्‍कर आखिर क्‍यों है? क्‍या स्‍टेयरिंग की साइड का ड्राइवर की सेफ्टी से भी कोई संबंध है?

गाड़ियों में स्‍टेयरिंग दाईं और बाईं तरफ होने का कारण अलग-अलग देशों में सड़क पर चलने के नियम अलग-अलग होना है. भारत और ब्रिटेन में सड़क के बाईं ओर चला जाता है. इसलिए यहां वाहनों का स्‍टेयरिंग दाईं ओर होता है. इसी तरह अमेरिका सहित जिन देशों में सड़क के दाईं ओर चलने का प्रचलन है, वहां स्‍टेयरिंग बाईं ओर लगाया जाता है. इसीलिए गाड़ियां भी लेफ्ट हैंड ड्राइव और राइट हैंड ड्राइव, दो तरह की होती हैं.

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रोचक है बाईं ओर चलने की कहानी
पुराने जमाने में लोग सुरक्षा के लिए तलवार साथ लेकर चलते थे. ज़्यादातर लोग राइटी होते हैं तो ज़्यादातर तलवारबाज़ दाएं हाथ से तलवार चलाते थे. और इसीलिए जब वो घोड़ा लेकर सड़क पर निकलते तो सड़क की बाईं ओर चलते. ताकि आगे से आने वाले व्यक्ति को उनकी दाईं तरफ से ही गुज़रना पड़े. अगर वो दुश्मन निकलता तो उसपर आसानी से वार किया जा सकता था.

बग्घियों ने बदला सिस्‍टम
18वीं सदी में फ्रांस और अमेरिका में माल ढुलाई के लिए बड़ी-बड़ी बग्घियां बनीं जिन्हें कई घोड़े जोतकर खींचा जाता था. इन बग्घियों में गाड़ीवान बैठने को जगह नहीं होती थी. तो एक आदमी किसी एक घोड़े पर बैठकर बाकी को हांकता था. अब चाबुक चलाने के लिए गाड़ीवान को अपना दायां हाथ फ्री रखना होता था. इसलिए वो बाईं तरफ जुते आखिरी घोड़े पर बैठता था. अब चूंकि ये आदमी बग्घी की बाईं तरफ बैठा होता था, वो बग्घी सड़क की दाईं तरफ चलाता था ताकि सामने से आने वाली गाड़ियां उस तरफ से निकलें जहां वो बैठा हुआ है. इससे दो बग्घियों के क्रॉस होते वक्त नज़र रखी जा सके.

अमेरिका और भारत में फर्क क्‍यों?
भारत में बाईं ओर चलने का रिवाज इंग्लैंड की देन है. भारत पर लंबे समय तक इंग्लैंड का राज रहा. ऐसे में अंग्रेजों ने भारत में भी अपने देश की तरह ही सड़क के बाईं ओर चलने का नियम बनाया. जब भारत में गाडियां आईं तो उनके स्‍टेयरिंग भी इंग्‍लैंड की तरह दाईं ओर लगाए गए. वहीं, अमेरिका में 18वीं सदी से ही बग्घियों के कारण दाईं ओर चलने का रिवाज था तो गाड़ियों के स्टेयरिंग लेफ्ट साइड में लगने शुरू हो गए.

किस तरफ स्‍टेयरिंग ज्‍यादा सुरक्षित
1969 में हुई एक रिसर्च में सामने आया था कि बाईं ओर चलने वाले ट्रैफिक से कम हादसे होते हैं. यहां ड्राइवर सीट दाईं ओर होती है जिससे गाड़ी चलाते वक्त सड़क पूरी नजर आती है. इससे सड़क पर होने वाली हर ग‍तिविधि ड्राइवर को साफ नजर आती है. इससे दुर्घटना की संभावना कम होती है.

Tags: Auto Information, Automobile, Site visitors guidelines

FIRST PUBLISHED : March 8, 2024, 06:40 IST

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