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how lamborghini was created the story of ferruccio lamborghini took revange from ferrari proprietor enzo ferrari – News18 हिंदी


देवेंद्र जांगड़ा. नई दिल्ली
रफ़्तार के एक दीवाने ने अपनी बेइज्जती का बदला लेने के लिए ऐसी कार बना डाली, जो आज संसार के हर युवा के पहली पसंद बन गई है. हर युवा इसे पा सके या न, मगर सपने तो देखता ही है. बात है इटली में पावरफुल ट्रैक्टर बनाने वाली कंपनी के मालिक फ्रिकीओ (Ferruccio) की. वे रफ़्तार के शौकीन थे. उनके पास विश्व की सर्वप्रसिद्ध जैगुआर (Jaguar), मसराती (Maserati), मर्सेडीस (Mercedes) के साथ साथ 2 फरारी कारें थी. फ्रिकीओ और उनकी पत्नी दोनों को ही हवा से बातें करना इतना पसंद था कि दोनों के पास अपनी अलग-अलग फरारी कारें थीं.

फरारी गाड़ी चलती तो बहुत शान से थी, मगर इस गाड़ी का क्लच बार बार ख़राब हो जाता था. इसके चलते गाड़ी को हर बार रिपेयर के लिए फैक्टरी भेजना पड़ता था. गाड़ी में बार-बार होने वाली इस परेशानी ने इस फ्रिकियो की नाक में दम कर दिया. इसी कारण उन्होंने अपने ट्रैक्टर के इंजीनियर से इस परेशानी से निजात पाने का सुझाव मांगा. इंजीनियर ने गाड़ी की गहन जांच की, और पाया कि इनके ट्रैक्टर में इस्तेमाल होने वाला क्लच और फरारी गाड़ी में लगा क्लच दोनों एक जैसे ही हैं. यह बात जानने के बाद फ्रिकीओ आग बबूला हो गए. उन्हें लगा कि जिस उपकरण के लिए उन्हें 10 लिरे (आज का नाम यूरो) खर्चा आता, उसके लिए कार कंपनी ने 1000 लिरे वसूल लिए.

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इस जानकारी के साथ फ्रिकीओ जब खुद फरारी के दफ्तर पहुंचे और कंपनी के संस्थापक एंज़ो फेरारी (Enzo Ferrari) से मिलकर आपत्ति दर्ज की तो उन्हें कोई सम्मानजनक उत्तर नहीं मिला. उलटा उनकी बात सुनकर फरारी के मालिक एंज़ो फरारी आग बबूला हो गए और कहा- दिक्कत कार में नहीं है, बल्कि उसे चलाने वाले में है. आप जाइये और जाकर अपने ट्रैक्टर संभालिए. जाहिर है यह बेइज्जती से कम नहीं था.

फिर हुई लेम्बोर्गिनी कार की एंट्री
बस इसी बेइज्जती का बदला लेने के लिए फ्रिकीओ लेम्बोर्गिनी ने मन ही मन ठान लिया. फ्रिकीओ का पूरा नाम फ्रिकीओ लेम्बोर्गिनी था. उनकी कंपनी लेम्बोर्गिनी इटली की मशहूर ट्रैक्टर कंपनी थी. उनके ट्रैक्टर काफी पावरफुल होते थे. फरारी को टक्कर देने के लिए “ऑटोमोबिल फ्रिकीओ लेम्बोर्गिनी एस पी ए” नाम की एक कंपनी बनाई गई. यही कंपनी आज लेम्बोर्गिनी के नाम से रफ़्तार और सुंदरता के चाहने वालों के दिलों पर राज कर रही हैं. इस कंपनी ने अपनी शुरुआत 1963 में Lamborghini 350 GTV जैसी ऐतिहासिक कार बनाकर की. उस कार को तुरीन ऑटो शो में प्रदर्षित करके किया गया. 260 किमी प्रति घंटा की रफ़्तार से चलने वाली इस कार ने पूरे विश्व में स्पोर्ट्स कार के चाहने वालों के दिलों में ऐसी जगह बनाई कि जिसे मिटा पाना अब किसी के वश में नहीं.

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महंगी कीमत के बावजूद बढ़ रही सेल
यह सफलता का सिलसिला ऐसा चला कि उसकी चमक आज भी कायम है. आज लेम्बोर्गिनी पूरे विश्व के साथ-साथ भारत के बाजार में भी छाई हुई है. 4 करोड़ से लेकर 9 करोड़ कीमत होने के बावज़ूद साल दर साल कारों की बिक्री बढ़ती ही जा रही है. लेम्बोर्गिनी की भारतीय बाजार में पकड़ की बात करें तो लगभग 5 करोड़ कीमत वाली हुराकैन (Huracan) की 4000 गाड़ियां बेच चुकी है. 4.18 करोड़ से 4.22 करोड़ की कीमत वाली उरुस (URUS) ने लोगों पर ऐसा जादू किया कि कंपनी अभी तक इस मॉडल की 6000 से ज्यादा गाड़ियां बेच चुकी है.

दिसंबर 2023 में लॉन्च हुई 9 करोड़ की कीमत वाली इलेक्ट्रिक हाइब्रिड लेम्बोर्गिनी रेवुएल्टो की सेल का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इतनी महंगी होने के बावज़ूद भी आपको कार की डिलीवरी के लिए काम से काम 20 महीने इंतज़ार करना पड़ेगा. 6.5 लीटर के V12 इंजन के साथ 1001 हॉर्स पॉवर वाली यह गाड़ी अब एक नया इतिहास लिखने जा रही है.

Tags: Ajab Gajab, Auto Information, Automobile

FIRST PUBLISHED : March 5, 2024, 16:17 IST

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