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Semiconductor Manufacturing Policy 2023 in UP: एक दिशा सूची

Semiconductor Manufacturing Policy 2023 in UP

Semiconductor Manufacturing Policy 2023: उत्तर प्रदेश में एक नई ऊर्जा के साथ, सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा देने का मसौदा तैयार हो गया है, जिससे प्रदेश को एक नए आर्थिक दृष्टिकोण से देखा जा सकता है। इस पूरे प्रक्रिया को समर्थन करने के लिए केंद्र सरकार से वित्तीय मदद की गई है, जिससे यूपी सरकार ने भी यह स्वीकृति दी है।

निवेश को बढ़ावा:

Semiconductor Manufacturing Policy 2023: सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट के लिए निवेश करने से यूपी को दोहरा लाभ होगा। निवेशकों को जमीन के रेट में 25% की छूट और स्टांप ड्यूटी में 100% की छूट मिलेगी, जो इस क्षेत्र में नए पूंजीकरण को बढ़ावा देगी। इस प्रस्ताव को जल्द ही यूपी कैबिनेट से पास किया जाएगा।

निर्भरता कम करने की कड़ी दिशा:

Semiconductor Manufacturing Policy 2023 यूपी की सरकार ने सेमीकंडक्टर के मामले में दूसरे देशों पर निर्भरता कम करने का मंसूबा बनाया है। इस कारण, अमेरिकन कंपनी माइक्रोन गुजरात में एक सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित करने का कार्य कर रही है, जो न केवल नौकरियों का स्रोत होगा, बल्कि नई तकनीकी उन्नति के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है।

शोध और अनुसंधान का समर्थन:

यूपी सरकार ने सेमीकंडक्टर निर्माण क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए शोध और अनुसंधान के लिए भी सहायता करने का निर्णय लिया है। इससे प्रदेश को नई तकनीकी उन्नति और आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूती मिलेगी।

https://gnewsnetworks.com/2023/11/27/guru-nanak-jayanti-2023/

सेमीकंडक्टर: अर्थव्यवस्था बचाओ, तकनीकी उन्नति में योगदान:

Semiconductor Manufacturing Policy 2023 के माध्यम से यूपी एक नए युग की शुरुआत कर सकता है, जिससे न केवल अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि तकनीकी उन्नति में भी योगदान दिया जाएगा। इस प्रक्रिया में निवेशकों को मिलने वाली छूटों से प्रेरित होकर, नए युग की ओर हम सब मिलकर कदम बढ़ा सकते हैं।

सेमीकंडक्टर निर्माण का भविष्य क्या है?

मैकिन्से एंड कंपनी के अनुसार, 2030 तक सेमीकंडक्टर एक ट्रिलियन-डॉलर का उद्योग बन जाएगा। हालांकि इस साल सेमीकंडक्टर उद्योग के राजस्व में थोड़ी गिरावट का अनुमान है, 2024 तक बाजार में 18 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि देखने का अनुमान है।

भारतीय सेमीकंडक्टर का भविष्य क्या है?

आउटलुक में रिपोर्टिंग से पता चलता है कि भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2028 तक 80.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हो जाएगा। सरकार से वेदांता-फॉक्सकॉन (वीएसएफएल) बोली को हरी झंडी देने की उम्मीद है, हालांकि, कुछ गारंटी और जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता है।

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