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Hamas Shock Assault On Israel Related To Pakistan Motion Throughout Kargil Says Ex Military Chief VP Malik


Israel-Hamas Warfare: हमास ने इजरायल पर 7 अक्टूबर को अचानक हमला कर दिया था. हमले के बाद इजरायल ने उसपर जवाबी कार्रवाई की और गाजा में ताबड़तोड़ हमले कर दिए. तब से वहां युद्ध जारी है. इस बीच पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक (सेवानिवृत्त) ने इजरायल पर हमास के हमले की तुलना कारगिल के दौरान पाकिस्तान की कार्रवाई से की है.

एबीपी लाइव से बात करते हुए पूर्व सेना प्रमुख जनरल वेद प्रकाश मलिक (सेवानिवृत्त) ने कहा कि जिस तरह से फलस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल के खिलाफ हमला किया, वह करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान की ओर से किए गए हमले की तरह है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने करगिल में रणनीतिक रूप से ऊंचाइयों वाले क्षेत्रों पर कब्जा करके अचानक भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की थी.

‘पाकिस्तानी कार्रवाई पर नहीं था किसी को यकीन’
जनरल मलिक ने कहा, “लाहौर समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि पाकिस्तानी सेना कुछ ऐसा भी कर सकती है. मुझे प्रधानमंत्री और सुरक्षा पर कैबिनेट समिति को यह समझाने में काफी समय लगा कि हम पाकिस्तानी जिहादियों से नहीं बल्कि पाकिस्तानी सेना से लड़ रहे थे.”

उन्होंने बताया, “मुझे उन्हें समझाने में काफी समय लगा. सभी रिपोर्टों में जिहादी कार्रवाई की बात कही गई. मेरे पास इस बात के पुख्ता सबूत थे कि हम पाकिस्तानी सेना से मुकाबला कर रहे थे. यहां तक कि जब पाकिस्तानी सेना के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों से अमेरिकियों ने पूछा तो उन्होंने कहा कि आतंकवादी क्या होता है? उस समय इस क्षेत्र में कोई जिहादी नहीं थे, वे सभी सैनिक थे.”

‘हमास के हमले से सेना को सीखने की जरूरत’
पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सेना समेत दुनियाभर की सशस्त्र बलों को इजरायल-हमास युद्ध से ‘सरप्राइज’ हमले के बारे में सीखने की जरूरत है. इससे पता चलता है कि आप चाहे, जितने भी तैयार हों, आपका दुश्मन कभी भी ऐसा कर सकता है.

जनरल मलिक ने कहा, “दुनिया भर की सेनाओं को हमास के हमले से सीखना चाहिए कि उन्हें हर समय सतर्क रहने की आवश्यकता है. सरप्राइज अटैक कभी भी हो सकता है. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि करगिल में हमारे साथ क्या हुआ था.” 

पूर्व सेनाध्यक्ष ने कहा, “इससे हमें यह भी सबक मिलता है कि तमाम तकनीक होने के बावजूद भी आतंकवादी अचानक से कभी भी आप पर हमला कर सकते हैं. आप चाहें, जो कर लें, आपका विरोधी उसका तोड़ ढूंढ लेगा.”

‘तकनीक के साथ इंटेलिजेंस भी चाहिए’
करगिल: फ्रॉम सरप्राइज टू विक्ट्री के लेखक जनरल मलिक ने कहा, “मेरा मानना है कि हमारे पास टेक्नोलॉजी जरूर होनी चाहिए, लेकिन जब हम खुफिया जानकारी की बात करते हैं तो इसके लिए तकनीक के साथ-साथ मानसिकता की भी जरूरत होती है.”

‘आतंकवादियों के हाथ में अब अत्याधुनिक हथियार’
जनरल मलिक के अनुसार गाजा में चल रहे युद्ध के साथ-साथ रूस-यूक्रेन संघर्ष से भी कई सबक सीखने की जरूरत है. हमें जानना चाहिए कि आतंकी संगठन के पास आधुनिक हथियार हैं. इसके चलते पिछले कुछ सालों में युद्धों और संघर्षों का दायरा बढ़ा है.

उन्होंने कहा, “पहले हमारे पास जो अत्याधुनिक हथियार थे, वे अब न केवल सशस्त्र बलों, बल्कि आतंकवादियों के हाथों में भी पहुंच गए हैं. मुझे लगता है कि यह एक बड़ा बदलाव है, जो पिछले कुछ सालों में हुआ है.”

जनरल मलिक ने जोर देकर कहा, “हमास या हिजबुल्लाह, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों को कुछ देशों से सहायता मिलती है और उन्हें हथियार सप्लाई किए जाते हैं. इसके चलते यह अब एक बड़ी समस्या बन गए हैं.”  

उन्होंने कहा कि पारंपरिक युद्ध में आप जानते हैं कि दुश्मन कौन है और आप उसी के अनुसार कार्रवाई करते हैं. युद्ध के कानून होते हैं और उनका पालन किया जाता है, लेकिन जब आप आतंकवादियों से निपट रहे होते हैं तो वे किसी भी कानून का पालन नहीं करते.

‘आतंकवादी संगठनों की क्षमताओं में सुधार’
मलिक का मानना है कि सभी देशों के सशस्त्र बलों को इजरायल-हमास युद्ध से सीखना चाहिए कि आतंकवादी संगठनों की क्षमताओं में काफी सुधार हुआ है. हमास ने इजरायल के खिलाफ जिस तरह की कार्रवाई की, किसी को भी उसकी की उम्मीद नहीं थी. यह सभी के लिए एक बड़ा सबक है कि आतंकवादी संगठनों की क्षमताओं में काफी सुधार हुआ है.

इजरायल के पास तमाम गैजेट और तकनीकी जानकारी है, लेकिन बावजूद इसके वे हमले से हैरान रह गए. उन्होंने जोर देकर कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह एक इंटेलिजेंस फेलियर था. इस बात की पूरी संभावना थी कि इजरायली सेना चुप नहीं बैठेगी और जवाबी कार्रवाई करेगी.”

‘इजरायल के जमीनी आक्रमण से होंगी अधिक मौतें’
पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि इजरायल की ओर से गाजा पर होने वाले जमीनी आक्रमण से और अधिक लोगों की मौतें हो सकती हैं. उनका मानना है कि इजरायली बलों के गाजा पर योजनाबद्ध जमीनी हमले से आम लोग ज्यादा हताहत हो सकते हैं, जबकि हमास को पूरी तरह से खत्म करने की संभावना कम है.

उन्होंने कहा, “अगर वे (इजरायल) जमीनी आक्रमण करते हैं तो हताहतों की संख्या बहुत अधिक होगी. जब तक बंधकों को मुक्त नहीं कराया जाता, उन्हें जमीनी कार्रवाई करनी होगी. इससे बहुत अधिक समस्याएं पैदा होंगी.”

पूर्व सेना प्रमुख के मुताबिक एक बार वे (इजरायली सेना) गाजा की सीमा के अंदर चले गए तो दोनों का काफी नुकसान होगा. दूसरी समस्या यह है कि जब तक हमास बंधकों को रिहा नहीं कर देगा, यह लड़ाई जारी रहेगी.

हमास का खात्मा होने पर संदेह
जनरल मलिक ने कहा, “इजरायली पीएम नेतन्याहू ने कहा है कि वे हमास को खत्म कर देंगे, लेकिन जमीनी स्तर पर यह संभव होगा या नहीं, इसे लेकर मेरे मन में संदेह है. अपने बंधकों को वापस लाने और हमास पर कार्रवाई करना एक बात है, लेकिन हमास को पूरी तरह से खत्म करना दूसरी बात है. हमास का नेतृत्व सिर्फ गाजा में ही नहीं, पूरे अरब देशों में है तो अगर नेतृत्व घूम रहा है तो आप हमास को कैसे खत्म कर सकते हैं?”

उन्होंने कहा, “आतंकवाद को मिटाने के लिए आपको नेतृत्व को खत्म करना होगा. नहीं तो इस विचारधारा को कोई ऐसा व्यक्ति मिल जाएगा जो उसका समर्थन करेगा और फिर वह फिर से खड़ा हो जाएगा.”

‘इजरायल फलस्तीन और हमास के लिए जाल है गाजा’
पूर्व सेना प्रमुख के अनुसार, गाजा इजरायल, फलस्तीन और हमास सभी के लिए एक ट्रैप बन गया है. एक और बड़ी समस्या यह है कि ऐसी स्थिति में सशस्त्र बल क्या कर सकते हैं, इसकी एक सीमा है. उन्होंने कहा, “मैं व्यक्तिगत रूप से आज गाजा को हमास, फलस्तीनियों के साथ-साथ इजरायलियों के लिए भी एक जाल कहता हूं. वे सभी जाल में फंस गए हैं. खास कर अल-अहली अस्पताल पर हुए हमले के बाद, जिसमें 500 से ज्यादा लोग मारे गए थे.”

इजरायल ने जमीनी हमले की योजना बनाई
इस बीच इजरायल-हमास युद्ध बुधवार (25 अक्टूबर) को 19वें दिन में प्रवेश कर गया. हमास के खात्मे के लिए इजरायल ने गाजा में जमीनी आक्रमण की योजना बनाई है, जिसके चलते इसके अभी और उग्र होने की संभावना है. गाजा पट्टी पर इजरायली बलों की बमबारी में अब तक लगभग 6,000 लोगों की जान जा चुकी है.
  
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