Jammu And Kashmir DGP Dilbagh Singh Says North Kashmir Grew to become Terrorist Free Solely 10 Youth Be a part of Terrorists Group ANN
Jammu and Kashmir Terrorist Free: जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ने में सुरक्षा बलों के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन बड़ा मददगार साबित हुआ है. जम्मू-कश्मीर पुलिस स्थानीय युवाओं को यहां के आतंकवादी समूहों में शामिल होने से करीब-करीब रोकने में कामयाब रही है. पिछले साल के मुकाबले 2023 में सिर्फ 10 लोगों ने विभिन्न आतंकी संगठनों को ज्वाइन किया. साल 2022 में इस तरह का आंकड़ा 110 युवाओं का रिकॉर्ड किया गया था.
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने इन आंकड़ों का खुलासा करते हुए कहा कि पूरे उत्तरी कश्मीर में केवल 4 स्थानीय आतंकवादी सक्रिय थे. पुलिस चाहती है कि सभी स्थानीय आतंकवादी आत्मसमर्पण कर दें, क्योंकि उनकी हत्याओं से किसी को मदद नहीं मिलेगी.
‘आतंकवादियों को मारकर नहीं मिलती खुशी’
दिलबाग सिंह ने कहा, ‘आतंकवादियों के भी परिवार होते हैं और ऐसी हत्याओं से सुरक्षा बलों को कोई खुशी नहीं मिलती है.’ डीजीपी दिलबाग सिंह ने सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए उत्तरी कश्मीर का दौरा किया था. उन्होंने कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में माता बद्रकाली मंदिर में पूजा-अर्चना भी की.
‘शांति का रास्ता छोड़ने वाले आतंकी वापस सामान्य जीवन जीने को हथियार छोड़ें’
उन्होंने कहा, ‘हम यह कहना चाहते है कि ऐसा नहीं है कि हमें आतंकवादियों की मौत पर खुशी होती है. वे भी एक परिवार से हैं. हम चाहते हैं कि अगर किसी ने शांति का रास्ता छोड़ दिया है तो उसे वापस आना चाहिए और सामान्य जीवन जीने के लिए अपने हथियार छोड़ देना चाहिए.’ डीजीपी ने कहा कि पिछले 5 सालों में जम्मू-कश्मीर की स्थिति में बड़ा बदलाव आया है.
‘पूरे जम्मू-कश्मीर पर आफत बनकर टूटा आतंकवाद खत्म’
उन्होंने कहा कि आतंकवाद, जो पूरे जम्मू-कश्मीर पर आफत बनकर टूटा था. करीब खत्म हो चुका है और जो भी अवशेष बचे हैं, उनको जल्द ही खत्म कर दिया जाएगा. डर का माहौल खत्म हो गया है और सभी उम्र के लोग स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं. आज हमारे पास शांति और खुशी का समय है.
‘उत्तरी कश्मीर आतंकवाद से मुक्त, नहीं कोई सक्रिय आतंकवादी’
उन्होंने कहा, ‘उत्तरी कश्मीर लगभग आतंकवाद से मुक्त हो गया है. वहां कोई सक्रिय आतंकवादी नहीं है, लेकिन कुछ आतंकवादी हैं जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते रहते हैं. उनका भी सफाया कर दिया जाएगा.’ उन्होंने आशा व्यक्त की कि केंद्र शासित प्रदेश में नई शांति बनी रहेगी.
‘नशीले पदार्थों के मार्ग के रूप में इस्तेमाल हो रहा कुपवाड़ा जिला’
डीजीपी सिंह ने कहा कि कुपवाड़ा जिले का मुद्दा नशीले पदार्थों के मार्ग के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने जिले के लोगों से इस प्रथा से होने वाले नुकसान को पहचानने की अपील की. उन्होंने यह भी कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिले के लोग इसमें शामिल हैं. उन्हें अपने कार्यों पर पुनर्विचार करना चाहिए और शांतिपूर्ण जीवन के लिए इन मार्गों को बंद करने के लिए स्वयं कदम उठाना चाहिए.
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