Lucknow Information:महिलाओं पर जुल्म करने वाले 74 अभियुक्तों काे दिलाई सजा – 7 And 4 Accused Who Tortured Ladies Had been Punished
जनवरी से सितंबर तक चला अभियान, कोर्ट में पैरवीकार बनी पुलिस
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केस एक
तीन साल बाद मिला न्याय
साल 2021 में सलोन की रहने वाली एक महिला के साथ दुष्कर्म हुआ था। मामला पुलिस तक पहुंची तो पीड़िता की तहरीर पर केस दर्ज किया गया। पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए पुलिस ने पैरवी की। इसका नतीजा रहा कि 16 जनवरी 2023 को पूरे ठाकुरदीन मजरे दरसवां गांव निवासी आरोपी क्षत्रपाल कुर्मी को आजीवन कारावास की सजा सुई। साथ ही कोर्ट ने उस पर 25 हजार का अर्थदंड लगाया। ऐसे में तीन साल बाद पीड़िता को इंसाफ मिला।
केस दो
चार साल बाद आया फैसला
वर्ष 2020 में ऊंचाहार क्षेत्र की रहने वाली दलित महिला के साथ दुष्कर्म किया गया। विरोध करने पर आरोपी ने जातिसूचक शब्द का प्रयोग करते हुए जानमाल की धमकी दी गई। तहरीर मिलने पर पुलिस ने जांच शुरू की और चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। पीड़िता को न्याय दिलााने के लिए पुलिस ने पैरवी की। इस पर 17 जनवरी 2023 को खरौली गांव निवासी आलोक कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया।
केस तीन
किशोरी की लूटी थी अस्मत, मिली सजा
वर्ष 2018 में ऊंचाहार क्षेत्र में एक किशोरी की अस्मत लूट ली गई। घटना को लेकर पीड़ित परिवार ने केस दर्ज कराते हुए आरोपी को सजा दिलाने की मांग की। पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए पैरवी की। इसका नतीजा रहा कि 13 अप्रैल 2023 को कोर्ट ने ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र के सरकतुलाराम निवासी अजीत कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 20 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया।
संवाद न्यूज एजेंसी
रायबरेली। नौ माह में महिलाओं पर जुल्म करने वाले 74 अभियुक्तों को सजा दिलाई गई है। कोर्ट मेंं पैरवीकार बनकर पुलिस ने 59 मामलों में यह सजा दिलाई है। दरअसल, आए दिन महिलाओं के साथ दुष्कर्म, छेड़खानी के अलावा अन्य उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं। थानों में केस दर्ज किया जाता था, लेकिन ठीक से पैरवी न होने के कारण अभियुक्तों को सजा नहीं मिल पाती थी। अभियुक्तों को सजा दिलाने के लिए जनवरी 2023 से सितंबर माह तक आपरेशन कन्विक्शन अभियान चलाया गया। इस अभियान का उद्देश्य महिला उत्पीड़न में शामिल आरोपियों को सजा दिलानी थी।
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक दुष्कर्म के 35 मामलों में पांच अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा, जबकि एक लाख 13 हजार का अर्थदंड, पांच अभियुक्तों को 20 वर्ष का कठोर सश्रम कारावास, 87 हजार अर्थदंड, 12 अभियुक्तों को 10 वर्ष के सश्रम कारावास, जबकि एक लाख 39 हजार का अर्थदंड लगाया गया। साथ ही 13 अभियुक्तों को एक वर्ष से सात वर्ष की सजा दिलाई गई है। दहेज हत्या, मारपीट के छह मामलों में 22 अपराधियों को अर्थदंड के साथ सश्रम कारावास दिलाई गई है। पाॅक्सो एक्ट के कुल 17 अभियोगों में 17 अभियुक्तों को कठोर कारावास व अर्थदंड की सजा और एससी-एसटी के एक मामले में एक अभियुक्त को कठोर सजा दिलाई गई है।
अपराधियों को दिलाई जा रही सजा
महिला अपराध की घटनाओं की जानकारी मिलने पर न सिर्फ मुकदमा लिखाया जा रहा है, बल्कि कोर्ट में पैरवी करके अपराधियों को सजा दिलाने का काम किया जा रहा है। मिशन शक्ति अभियान के तहत बीट आरक्षियों को गांवों में भेजकर महिलाओं को सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है। आगे भी ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत अपराधियों को सजा दिलाने का कार्य कराया जाएगा। -आलोक प्रियदर्शी, पुलिस अधीक्षक