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गंभीरपुर रामलीला:13 दिन राम के नाम कर देते हैं ग्रामीण, 44 वर्ष से जारी है यह खास प्रथा – Particular Story Of Gambhirpur Ramlila In Gorakhpur


गंभीर में रामलीला का मंचन।
– फोटो : अमर उजाला।

विस्तार

कौड़ीराम विकास खंड के गंभीरपुर गांव में सन् 1980 से ही शारदीय नवरात्र में रामलीला का मंचन हो रहा है। गांव के पूर्वज स्व. संत शंभू शरण सिंह, स्व. बाबूराम भारती और नवनाथ भट्ट ने इसकी शुरुआत की थी। उन्होंने अभिनय से रामकथा का प्रसार करने का प्रण लिया। मंशा थी कि निरक्षर भी श्रीराम की लीलाओं को समझे और मर्यादा पुरुषोत्तम के गुणों को अपनाए, जिससे पीढ़ी दर पीढ़ी नैतिकता व संस्कार का संरक्षण हो सके। इस वर्ष 17 अक्तूबर से रामलीला का मंचन शुरू होगा।

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गंभीरपुर में रामलीला 13 दिन तक चलती है। गांव अयोध्या की तरह सज जाती है। खासियत यह कि गांव के हर वर्ग और जाति के लोग मिलकर लीला में अभिनय करते हैं। समर्पण ऐसा मानव लीला नहीं ईश्वर की साधना कर रहे हो।

रामलीला में अभिनय करने की रुचि के चलते कोई अपने दफ्तर, विद्यालय, व्यवसाय आदि से छुट्टी लेता है तो कोई काम जल्द खत्म कर मंच पर समय से पहुंच जाता है। एक डेढ़ महीने पहले ही पात्रों के चयन और लीला का अभ्यास भी शुरू हो जाता है। जयंत गिरी और काली शंकर पाठक दृश्यों के बीच में भजन से समां बांधते हैं।

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