LatestLucknowNewsTOP STORIES

अयोध्या की रामलीला का भव्य शुभारंभ :सरयू के कल-कल नाद के साथ गूंजीं रामकथा की चौपाइयां – Grand Inauguration Of Ayodhya’s Ramlila: Chaupaiyas Of Ramkatha Resonated With The Sound Of Saryu.


अयोध्या की रामलीला
– फोटो : amar ujala

विस्तार

सरयू तट से सटे रामकथा पार्क में जल की कल-कल नाद के साथ रामकथा की चौपाइयों के स्वर भी गूंजने लगे हैं। रविवार से फिल्मी कलाकारों की रामलीला का मंचन प्रारंभ हुआ तो सरयू तट पर भक्ति की धारा भी प्रवाहित होने लगी। पहले दिन फिल्मी सितारों से सज्जित रामलीला में गणेश पूजन, शंकर-पार्वती संवाद समेत कई प्रसंगों का मंचन किया गया। गणेश वंदना से शुरू हुए रामलीला मंचन में तकनीक और कलाकारों के अभिनय कौशल का नजारा दिखा।

यह वीडियो/विज्ञापन हटाएं

रामलीला मंचन के क्रम में कैलाश पर्वत पर भगवान शिव और माता पार्वती एक दूसरे से संवाद करते हैं। शिव-पार्वती संवाद के साथ ही रामकथा की भावभूमि सजती दिखती है। भगवान शिव कहते हैं कि जब-जब होई धरम कै हानि, बाढ़हिं असुर अधम अभिमानी। तब तब प्रभु धरि विविध शरीरा। हरहिं कृपानिधि सज्जन पीरा… हे पार्वती जब-जब धर्म की हानि होती है और नीच, अभिमानी असुर बढ़ जाते हैं तब कृपानिधि श्रीहरि अनेक प्रकार का शरीर धारण कर भक्तों को पीड़ा हरते हैं।

मंचन के दूसरे दृश्य में ऋषि नारद प्रवेश करते हैं और कैलाश पर्वत पर अपने आराध्य के निमित्त समाधि लगाकर बैठ जाते हैं। तीसरे दृ़श्य में मंच पर सजा इंद्र का दरबार आकर्षण बढ़ा रहा था। इंद्र ने कामदेव से नारद मुनि की समाधि भंग करने को कहा। पहले दिन की रामलीला का समापन रावण की तपस्या की लीला मंचन से हुआ। रामलीला समिति के महासचिव शुभम मलिक ने बताया कि रावण की भूमिका में गिरिजा शंकर, इंद्रदेव की भूमिका में अनिल धवन व नारद मुनि की भूमिका में सुनील पाल ने बेहतर अभिनय किया।

श्रीराम के गर्भगृह तक नहीं जा पाईं ”सिया”

अयोध्या की ऐतिहासिक फिल्ली रामलीला में सीता का किरदार निभाने आईं फिल्म अभिनेत्री भाग्यश्री राममंदिर में श्रीराम के गर्भगृह तक नहीं जा सकीं। उन्हें बाहर से ही भगवान राम के दर्शन कर संतोष करना पड़ा।

मंदिर परिसर में इस बात की चर्चा होती रही कि इससे पहले तमाम ऐसे फिल्मी कलाकार गर्भगृह तक पहुंचते रहे, जिनका यहां की रामलीला से कोई सरोकार नहीं रहा। मगर भाग्यश्री दूसरी बार सीता का किरदार निभाने आई थीं। उन्हें गर्भगृह तक जाने की अनुमति मिलनी चाहिए। इस संबंध में आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि गर्भगृह में कोई नहीं जा सकता। गर्भगृह के बाहर जगमोहन तक जाने के लिए ट्रस्ट के पदाधिकारियों व सुरक्षा के अधिकारियों से अनुमति लेनी होती है।

एसपी सुरक्षा पंकज पांडेय ने कहा कि वे मीटिंग में थे। उन्हें उनके दर्शन की जानकारी नहीं है। सीओ अयोध्या उनके साथ थे। वही बताएंगे। सीओ ने बताया कि बाहर से ही दर्शन कराकर वापस ले आए। अंदर जाने की अनुमति ट्रस्ट से मिलती है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र ने कहा कि दिनभर में बहुत सारे दर्शनार्थी आते हैं। उनमें कई वीआईपी भी होते हैं। भाग्यश्री के रामलला के दर्शन की जानकारी उन्हें नहीं है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *