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डीमार्ट में क्यों सस्ता मिलता है सामान, इसके पीछे है किसका दिमाग, 12वीं भी नहीं की है पास



हाइलाइट्स

डीमार्ट का पहला स्टोर 2002 में खुला था.
डीमार्ट कभी किराये की जगह पर नहीं खुलता.
कंपनी के संस्थापक का नाम राधाकिशन दमानी है.

नई दिल्ली. सस्ते सामान के लिए डीमार्ट (Dmart) पूरे भारत में फेमस है. डीमार्ट नए बस रहे शहरों से लेकर बस चुकी मेट्रो सिटी तक में मौजूद है. डीमार्ट की साख इतनी बढ़ चुकी है कि अब इसे रास्ता बताने के लिए माइलस्टोन के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा है. आलम ये है कि अगर किसी ऐसे इलाके में डीमार्ट बन रहा है और वहां अभी कोई खास बसावट नहीं है तो भी वहां की जमीनों के रेट बढ़ने लगते हैं क्योंकि लोग मान लेते हैं कि डीमार्ट कुछ सोचकर ही यहां निवेश कर रहा है और आगे चलकर यह इलाका वृद्धि करेगा.

इस भरोसे और डीमार्ट की तरक्की के पीछे है राधाकिशन दमानी का दिमाग. यह वही शख्स हैं जिन्हें दिवगंत दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला अपना गुरु मानते थे. राधाकिशन दमानी देश के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल हैं. उनकी संपत्ति 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक है. राधाकिशन दमानी केवल ने 12वीं पास की है लेकिन यह उनका हुनर और तेज दिमाग ही है कि आज उनकी संपत्ति अरबों में है.

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नहीं मानी हार
शेयर मार्केट में झंडे गाड़ने वाले दमानी ने जब खुद का बिजनेस शुरू करने की ठानी तो उन्हें शुरुआत में असफलता ही मिली. 1999 में उन्होंने पहले नेरूल की फ्रेंचाइजी ली जो फेल हो गई. इसके बाद उन्होंने बोरवेल बनाना शुरू किया लेकिन यह काम भी नहीं चल सका. इसके बाद 2002 में उन्होंने मुंबई में डीमार्ट का पहला स्टोर खोला. उन्होंने तब तय किया कि वह किसी किराये की जगह में डीमार्ट स्टोर की स्थापना नहीं करेंगे. आज देश में डीमार्ट के 300 से अधिक स्टोर हैं. यानी राधाकिशन दमानी के पास डीमार्ट स्टोर तो हैं, 300 बेहद बड़े साइज की जमीनें भी भारत में हैं. यह स्टोर्स 11 राज्यों में फैले हैं.

सस्ता कैसे होता है सामान
इसका एक कारण हम आपको ऊपर बता चुके हैं. राधाकिशन दमानी का किराये की जगह पर स्टोर ना खुलना इसमें बड़ी मदद करता है. उनकी अपनी जमीनें होती हैं और हर नियमित अंतराल पर किराया नहीं देना होता. वह इस बची हुई कॉस्ट का इस्तेमाल सामान सस्ता रखने में करते हैं. इसी तरह से डीमार्ट 5-7 फीसदी की बचत करता है और उन्हें डिस्काउंट के रूप में लोगों को दे देता है. एक अन्य कारण है कि डीमार्ट अपना स्टॉक जल्दी खत्म करता है. उसका लक्ष्य 30 दिन के अंदर सामान खत्म करने और नया सामान मंगाने की होती है. साथ में डीमार्ट कंपनियों को बहुत जल्दी पेमेंट करता है. इससे मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां भी डीमार्ट को डिस्काउंट पर सामान देती हैं. इस डिस्काउंट इस्तेमाल भी लोगों को छूट देने या फिर खुद का रेवेन्यू बढ़ाने में किया जाता है.

Tags: Enterprise information, Enterprise information in hindi, Retail firm, Success Story

FIRST PUBLISHED : September 25, 2023, 21:25 IST

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