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ब्रह्मांड में असंख्य तारे, फ‍िर भी इतना अंधेरा क्‍यों? रात में उजाला क्‍यों नहीं दिखता



ब्रह्मांड में असंख्‍य तारे हैं. कई तो सूर्य से भी बड़े और चमकीले हैं, जो रात के समय हमें आसमान में टिमटिमाते नजर आते हैं. तो फ‍िर पृथ्वी पर रात आख‍िर काली और अंधेरी क्यों होती है? यह सवाल सदियों से वैज्ञानिकों को परेशान करता रहा है. कई तरह की दलीलें पेश की गईं. यहां तक कहा गया कि ब्रह्मांड की कोई सीमा नहीं है. यहां मौजूद हर चीज स्‍थ‍िर है. यानी उसमें कोई बदलाव नहीं होता. लेकिन आज तक इसका सटीक उत्‍तर नहीं मिल पाया. सबसे पहले जर्मनी के खगोलविद हेनरिच विल्हेम ओल्बर्स के मन में यह सवाल आया कि आख‍िर रात में आसमान में लाखों चमकते हुए आग के गोले होने के बावजूद अंधेरा क्‍यों रहता हैं. इसके बाद बहस शुरू हुई.

एडगर एलन पो नाम के एक साइंटिस्‍ट ने इसका कुछ जवाब तलाशने की कोश‍िश की. उन्‍होंने बताया कि जब हम टेलिस्कोप से अंतरिक्ष की तरफ देखते हैं तो हर जगह हमें खालीपन नजर आता है. इसका कारण ये हो सकता है कि अंतरिक्ष शायद इतना बड़ा है कि वहां से कभी प्रकाश की कोई किरण कभी हम तक पहुंच ही नहीं पाती. 19वीं सदी में कुछ साइंटिस्‍ट ने कहा, तारों के बीच धूल के बादल हैं जो धरती की तरफ आने वाली रोशनी को सोख लेते हैं. हालांकि, वे भी पूरा जवाब नहीं दे पाए. खगोलविदों के मुताबिक, ज्‍यादा दूरी से आने वाला प्रकाश रास्ते में नष्ट भी होता रहता है. कई बार प्रकाश उस स्पेक्ट्रम में नहीं रह जाता जिसे नंगी आंखों से देखा जा सकता है.

? This NASA/ESA @HUBBLE_space telescope picture contains the galaxy SDSS J103512.07+461412.2.

The seemingly rambling identify is as a result of this galaxy was noticed as a part of the Sloan Digital Sky Survey (SDSS), an enormous survey to look at and catalogue huge numbers of astronomical… pic.twitter.com/ZtgoJ0wOCt

— ESA (@esa) September 25, 2023

प्रकाश स्वयं दिखाई नहीं देता
सोशल मीडिया साइट कोरा (Quora)पर भी कुछ लोगों से यही सवाल पूछा. जवाब काफी दिलचस्‍प है. एक यूजर ने लिखा, सभी वस्तुओं को दिखाने वाला प्रकाश स्वयं दिखाई नहीं देता. प्रकाश की किरणें स्वयं अदृश्य होती हैं. जब वह किसी भी वस्‍तु या व्‍यक्‍त‍ि पर पड़ती हैं तो वह नजर आता है. हमारे सौर मंडल में सूरज प्रकाश का स्रोत है, उससे प्रकाश की किरणें निकलती हैं, लेकिन चंद्रमा इन किरणों को परावर्तित कर देता है. यानी हम रोशनी को तब तक नहीं देख सकते हैं जब तक हमारी आंखे उसे अवशोषित नहीं कर लेती हैं.

परावर्तित करने वाली कोई वस्तु मौजूद नहीं
ठीक इसी प्रकार अंतरिक्ष में अरबों खरबों बड़े-बड़े सूरज जैसे तारे हैं किंतु अंतरिक्ष अंधकारपूर्ण है, क्योंकि नक्षत्रों और गैलेक्सियों के बीच के आकाश में परावर्तित करने वाली कोई वस्तु मौजूद नहीं है. अंतरिक्ष यान में बैठा यात्री जब सूरज की तरफ देखता है तो केवल चमकदार गोल सूरज नजर आता है किंतु उसके चारों तरफ घना अंधकार रहता है. पृथ्वी पर हमें दिन के समय आकाश में रोशनी इसलिए दिखाई देती है क्योंकि पृथ्वी के आसपास वायुमंडल में धूल कण, जलवाष्प, हिम कण, और बहुत से प्रदूषण वाले पदार्थ मौजूद हैं. ये पदार्थ सूरज की किरणों को परावर्तित और अपवर्तित करते हैं जिससे हमें दिन में आकाश रोशन नजर आता है.

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FIRST PUBLISHED : September 25, 2023, 15:47 IST



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