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SDM Mirganj turned the complainant right into a cock, VIDEO | कब्जे की शिकायत पर भड़के अफसर; पीड़ित बोला-न्याय मिलने तक मुर्गा बनता रहूंगा


बरेली10 मिनट पहले

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पिछले साल 7 दिसंबर को सीएम योगी आदित्यनाथ ने जब प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) के ट्रेनी अफसरों को से मुलाकात की तो उन्होंने पीसीएस अफसरों को राज्य प्रशासनिक तंत्र की रीढ़ बताते हुए नसीहत दी थी कि अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस और गरीब के प्रति सहानुभूति रखें। लेकिन, कुछ अफसरों ने शायद इसका उलटा सबक सीख लिया और गरीब के प्रति ही जीरो टॉलरेंस की नीति अपना ली।

इसकी बानगी है बरेली की मीरगंज तहसील में हुई शर्मनाक घटना। जहां एसडीएम मीरगंज फरियादी पप्पू से इस कदर नाराज हुए कि उसका प्रार्थना पत्र फेंकते हुए उसे मुर्गा बनाने का फरमान जारी कर दिया। सुरक्षाकर्मियों से घिरे तहसील के इतने बड़े अफसर के सामने मजबूर पप्पू को जबरन मुर्गा बनना पड़ा।

एसडीएम के फरियादी को मुर्गा बनाने का 38 सेकेंड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

एसडीएम के फरियादी को मुर्गा बनाने का 38 सेकेंड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

नाराज एसडीएम ने जबरन बना दिया गया मुर्गा
42 वर्षीय पप्पू मीरगंज थानाक्षेत्र के मंडनपुर गांव का निवासी है। उसके मुताबिक गांव में श्मशान भूमि की जमीन पर मुस्लिम समुदाय द्वारा कब्जा करने किया गया है। इसे मुक्त कराने के लिए वह लगातार प्रयासरत है।

उसने प्रार्थना पत्र दिया। जब उसने कहा कि दो बार आ चुका हूं तीसरी बार आया हूं तब तक पीछे नहीं हटूंगा। हम न्याय मांगने आए हैं। तो एसडीएम गुस्सा गए अभद्रता करते हुए उसे मुर्गा बनने को कहा। अब इसे सामंती मानसिकता कहें या खुद जज बनने की प्रवृत्ति लोकतंत्र की ये तस्वीर बेहद शर्मनाक है।

इस फुटेज में दिख रहा है कि तीन से चार फरियादी एसडीएम ऑफिस के अंदर खड़े हैं, उनके सामने ही युवक को मुर्गा बनाया है।

इस फुटेज में दिख रहा है कि तीन से चार फरियादी एसडीएम ऑफिस के अंदर खड़े हैं, उनके सामने ही युवक को मुर्गा बनाया है।

मुझे बेइज्जत किया गया
पप्पू लोधी ने कहा कि मुझे बेइज्जत किया गया, सरेआम अपशब्द कहे गए। जो भी जमीन का मामला है उसमें सही से जांच होनी चाहिए थे। जब हम लोगों को इंसाफ नहीं मिल रहा था तो हम बार बार आएंगे। लेकिन एसडीएम ने कागज फाड़कर फेंक दिए। न्याय पाने के लिए मुझे कितनी बार मुर्गा बनवाएं, लेकिन मैं बनता रहूंगा। इस मामले में एसडीएम का बयान लेने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका मोबाइल नॉट रिचेबल है।

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