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क्यों आकाश में भूकंप के दौरान दिखती है रहस्यमय रोशनी, जो मोरक्को में भी दिखी


हाइलाइट्स

मोरक्को में भूकंप के दौरान आसमान में तेज रोशनी देखी गई
भूकंप के दौरान एक खास तरह की रोशनी धरती से निकलकर आसमान में फैलती देखी गई है

कहा जा रहा है कि मोरक्को में जब भयावह भूकंप आया तो वहां के आसमान में बहुत तेज और अजीब सी चमक दिखाई दी. सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर लोग इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि भूकंप के समय उन्होंने इस तेज बिजली की चमक को देखा. इसके बाद ये बहस चल पड़ी है कि क्या भूकंप के साथ क्या कोई रोशनी भी निकलती है. वैसे विज्ञान की भाषा में इसे अर्थक्वेक लाइट कहते हैं.

गौरतलब है कि गुरुवार को मोरक्को के पहाड़ी इलाके में जबरदस्त भूकंप से भयावह तबाही हुई. इसमें 2600 से ज्यादा लोगों की जानें चली गईं. हजारों लोग घायल हो गए. बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ.

वाशिंगटन पोस्ट ने भी एक रिपोर्ट में ये तसदीक की है कि मोरक्कों में भूकंप के दौरान रहस्यमयी चमक आसमान में फैल गई,. वैज्ञानिकों का कहना है कि भूकंप हमारे वायुमंडल में कई तरह के प्रकाश जैसी घटनाएं पैदा कर सकते हैं, जो सतह के नीचे विद्युत परिवर्तन का संकेत देते हैं.

भूकंप की भी होती है अपनी बिजली
कई अलग-अलग प्रकाश घटनाएं भूकंप से जुड़ी हो सकती हैं. विज्ञान कहता है कि भूकंप की भी अपनी बिजली होती है, जो जमीन से बादल तक यात्रा करती है, ये पृथ्वी के भीतर भूकंपीय गतिविधि से जुड़े विद्युत आवेशों द्वारा सक्रिय होती है.

मैक्सिको में सितंबर 2017 में आए 8.1 तीव्रता के भूकंप के बाद आसमान में गोले के आकार वाली रोशनी चमकती दिखाई दी। (courtesy new scientist)

भौतिक विज्ञानी फ्रीडेमैन के हवाले से वाशिंगटन पोस्ट कहता है, जिस “भूकंप की रोशनी” का जिक्र किया जा रहा है, वह भूकंप की टेक्टोनिक प्लेट की हलचल से पैदा होती है. भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, ये चमक स्थिर होती है और कई रूप में आसमान में दिखाई देती है.

कैसे जमीन में बिजली बनती है और आकाश में चमकती है
फ्रीडेमैन के अनुसार, हमारा ग्रह में अंदर विद्युत प्रवाह होती रहती है. जब हम एक दीवार में प्लग करते हैं, तो हम उन विद्युत धाराओं को पृथ्वी पर ग्राउंड कर देते हैं. भूकंप के दौरान, भूकंपीय या विवर्तनिक बल पृथ्वी की पपड़ी में चट्टानों और खनिजों को विकृत कर देते हैं, जिससे विद्युत धारा बहने की स्थिति बन जाती है.

जब पृथ्वी की सतह पर बहुत से विद्युत आवेश जमा हो जाते हैं तो ये बिजली की चमक के तौर पर बाहर निकलते हैं. चट्टानों में आवेशित इलेक्ट्रॉन पाजिटिव होते हैं, जो पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल में निगेटिव आवेशित कणों को आकर्षित करते हैं, जिससे वायुमंडल के ऊपरी भाग में प्रकाश पैदा होने लगता है.

क्यूबेक में 1988 के दौरान जब भूकंप आया तो जमीन से इस तरह की रोशनियां निकलती देखी गईं. (फाइल फोटो)

ये अलग अलग रंग की हो सकती है
वरिष्ठ शोध वैज्ञानिक फ्रीडेमैन ने कहा, “अगर भूकंप के दौरान रात में ये रोशनी होती तो ये इतनी चमकदार हो सकती थी कि लोग इसमें अखबार पढ़ सकते थे. प्रकाश किस रंग का होगा, ये वायुमंडल में उत्तेजित परमाणु के प्रकार पर निर्भर करता है. ऑक्सीजन अणु लाल या हरे रंग की रोशनी दे सकते हैं, लेकिन मिश्रण चमकदार पीली रोशनी पैदा करेगा.

लैब के प्रयोग भी इसकी पुष्टि करते हैं
इन्हीं में कुछ आवेश जब सतह और हवा में फैलते हैं तो लोगों और जानवरों को भी कभी-कभी सिरदर्द हो सकता है. इसी वजह से भूकंप आने से पहले जानवर कुछ अजीब व्यवहार करने लगते हैं. लैब के प्रयोग इसकी पुष्टि करते हैं कि जब कोई सामग्री दबाव में आती है और टूटती है, तो वोल्टेज बढ़ता है, ठीक वैसे ही जैसे भूकंप के दौरान होता है.

पहले भूकंप में कब कब दिखी ऐसी रोशनी
वर्ष 869 में सैनरिकु भूकंप के दौरान “आकाश में अजीब रोशनी” की बात कही गई थई. फिर 1975 में कालापना भूकंप के दौरान सफेद से नीले रंग की रोशन आसमान में चमकती देखी गई. उसमें कई रंग थे. ये चमक कई सेकंड तक दिखाई दी. हालांकि ये भी बताया जाता है कि ऐसी चमक दस मिनट तक भी बनी रहती है. वर्ष 2008 के सिचुआन भूकंप के केंद्र से लगभग 400 किमी (250 मील) उत्तर-उत्तर पूर्व में तियानशुई, गांसु में भूकंप की रोशनी देखी गई.

2003 में मेक्सिको में कोलिमा भूकंप के दौरान आसमान में रंगीन रोशनी देखी गई. 2007 के पेरू भूकंप के दौरान समुद्र के ऊपर आसमान में रोशनी देखी गई. कई लोगों ने इसे फिल्माया. ये घटना न्यूजीलैंड में उत्तरी कैंटरबरी भूकंप के आसपास भी दर्ज की गई थी, जो 1 सितंबर 1888 को आया.

दिल्ली के आसपास भी दिखी थी ऐसी रोशनी
इसी साल 21 मार्च को आए भूकंप के बाद दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में भूकंप रोशनी देखने की बात कही गई थी.

किस तरह के भूकंप में दिखती है रोशनी
भूकंप की रोशनी तब दिखाई देती है जब भूकंप की तीव्रता अधिक होती है, आमतौर पर रिक्टर पैमाने पर 5 या उससे अधिक. भूकंप से पहले पीली, गेंद के आकार की रोशनी दिखने की भी घटनाएं हुई हैं. हाल ही में 8 जनवरी 2022 को 01:45 बजे चीन के किंघई प्रांत में भूकंप के सयम रोशनी देखी गई. इसे वीडियो में भी कैद किया गया.

क्या होती है भूकंप रोशनी 
संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार भूकंप के ठीक बाद आकाश में चमक या प्रकाश के गोले के रूप में देखी गई रोशनी को भूकंप रोशनी कहा जाता है. यह शीट लाइटिंग (बादलों का रंग बदलना) या स्ट्रीमर्स (प्रकाश किरण) के रूप में भी हो सकती है, जैसे कि आकाश रंग बदल रहा हो. हालांकि वैज्ञानिक इस घटना के कारण को पूरी तरह से नहीं समझ पाए हैं.

Tags: Earthquake, Earthquake Information, Earthquakes, Tremors

FIRST PUBLISHED : September 12, 2023, 13:37 IST

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