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काली हल्दी नहीं भारत का केसर, दुर्लभ किस्म की महंगी औषधि, मिल जाए तो करेगी 5 जानलेवा बीमारियों का खात्मा



हाइलाइट्स

काली हल्दी और एलोवेरा का इस्तेमाल ओरल कैंसर की बीमारी को दूर करता है.
काली हल्दी का लेप साप काटने पर उसके जहर को खत्म करने में भी किया जाता है.

Kali Haldi Uncommon herb of India: सामान्य हल्दी भी अपने आप में कमाल की औषधि है लेकिन अगर आपको काली हल्दी मिल जाए तो यह सोने में सुहागा की तरह होगा. काली हल्दी को भारत का केसर भी कहा जाता है. काली हल्दी भारत में अब दुर्लभ होने लगी क्योंकि इसकी प्रजाति संकटापन्न स्थिति में है. काली हल्दी भारत की देसी औषधि है जिसका प्रमाण वेदों में भी है. काली हल्दी में कई बीमारियों को खत्म करने की शक्ति होती है. हालांकि यह महंगा है और बहुत कम ही मिलती है लेकिन इसमें गुणों का खान है. काली हल्दी झिंगिबेरासी कुल की ही बारहमासी जड़ी बूटी है.

इसे नीली हल्दी भी कहा जाता है. संस्कृत में इसे हरिदारा कहा जाता है. अपने बेजोड़ औषधीय गुणों के के कारण इन दिनों काली हल्दी की लोकप्रियता बढ़ने लगी है. कुछ रिसर्च में काली हल्दी से कैंसर तक ठीक होने का दावा किया गया है. काली हल्दी से कई बीमारियों का दवाइयां बनाई जाती है. इसलिए देश -विदेश में यह बहुत अधिक दामों पर बिकती है. इसका इस्तेमाला सौंदर्य प्रसाधन के सामान बनाने भी किया जाता है. विदेशी व्यापार में काली हल्दी की मांग बहुत अधिक है. काली हल्दी का वैज्ञानिक नाम करकूमा केसिया या ब्लैक जेदोआरा है. (Curcuma Caesia or Black Zedoary). काली हल्दी को देवी काली से जोड़कर भी देखा जाता है, इसलिए काली हल्दी को पवित्र भी माना जाता है.

काली हल्दी से दुर्लभ बीमारियों का होता है खात्मा

1. कैंसर में गुणकारी-पबमेड सेंट्रल जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक काली हल्दी और एलोवेरा का इस्तेमाल ओरल कैंसर की बीमारी को दूर करता है. रिसर्च के मुताबिक जब मुंह में ओरल सबम्यूकस फाब्रोसिस (Oral submucous fibrosis (OSF) हो जाए और उस समय यदि एलोवेरा और काली हल्दी के पाउडर का दिन में तीन बार इस्तेमाल किया जाए तो इस बीमारी से पूरी तरह मुक्ति मिल सकती है. ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस मुंह के कैंसर से पहले का चरण है जो बाद में ट्यूमर में बदल जाता है. रिसर्च में कुछ लोगों पर प्रयोग किया गया जिसका परिणाम सकारात्मक आया.

2. सांप के जहर को खत्म करने में इस्तेमाल-टीओआई की खबर के मुताबिक आयुर्वेद में काली हल्दी से घाव या जख्म को तुरंत ठीक किया जाता है. इसके साथ ही काली हल्दी का लेप साप काटने पर उसके जहर को खत्म करने में भी किया जाता है. सांप के अलावा भी कोई जहरीला जीव यदि डंक मारता है तो उस जगह पर काली हल्दी के लेप को लगाकर ठीक किया जा सकता है.

3. स्किन संबंधी बीमारियों में –काली हल्दी में किसी भी अन्य हल्दी की तुलना में सबसे अधिक करक्यूमिन कंपाउंड होता है. काली हल्दी एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल होता है जो स्किन संबंधी सभी तरह की बीमारियों से छुटकारा दिलाता है. काली हल्दी के प्रयोग से चेहरे पर ग्लो लाया जा सकता है.

4. माइग्रेन को खत्म करने में-काली हल्दी के पेस्ट को अगर माथे पर लेप लगा लिया जाए तो सिर दर्द और माइग्रेन की समस्या से बहुत जल्दी निजात मिल सकता है. शरीर के मसल्स में दर्द या थकान होने पर उस अंग पर काली हल्दी का लेप लगाने से दर्द और थकान भी मिटता है. यही कारण है काली हल्दी का इस्तेमाल कई दवाइयों को बनाने में किया जाता है.

5.इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में-काली हल्दी को इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे आप स्मूदी या जूस के साथ मिलाकर पी सकते हैं. शहद के साथ काली हल्दी को मिला देने से फायदा कई गुना बढ़ जाएगा. इसके अलावा गन्ने के जूस में मिलाकर इसे पीया जा सकता है.

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Tags: Well being, Well being ideas, Life-style

FIRST PUBLISHED : September 11, 2023, 01:40 IST

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