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कृष्ण जन्माष्टमी पर करें शतनामावली स्तोत्र का पाठ, हर संकट से मिलेगा छुटकारा, जानें इससे होने वाले फायदे



हाइलाइट्स

जन्माष्टमी पर शतनामावली स्तोत्र का पाठ कई समस्याएं दूर कर सकता है.
जो शतनामावली स्तोत्र का पाठ करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है.

Shatnamavali Stotra Path on Janmashtami : हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. कान्हा के जन्मोत्सव को हर वर्ष भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी के रूप में मनाने की परंपरा बेहद पुरानी है. इस बार कृष्ण जन्माष्टमी गृहस्थ जीवन जीने वालों द्वारा 6 सितंबर 2023 को मनाई जा रही है. वहीं वैष्णव समाज के अनुयायी 7 सितंबर 2023 को कृष्ण जन्माष्टमी मना रहे हैं. देश भर में 7 सितंबर को ही दही हांडी का आयोजन किया जाएगा. यदि आप हर संकट से मुक्ति पाना चाहते हैं तो कृष्ण जन्माष्टमी के दिन शतनामावली स्तोत्र का पाठ अवश्य करें. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.

शतनामावली स्तोत्र पाठ के फायदे

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो व्यक्ति शतनामावली स्तोत्र का पाठ करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है.
शतनामावली स्तोत्र पाठ से धन आगमन के रास्ते खुल जाते हैं. इसके अलावा मान सम्मान में वृद्धि होती है.
शतनामावली स्तोत्र के पाठ से हर काम पूरे होते हैं.

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श्रीकृष्ण शतनामावली स्तोत्र

श्रीकृष्ण: कमलानाथो वासुदेवः सनातनः !

वसुदेवात्मजः पुण्यो लीलामानुषविग्रहः ॥

श्रीवत्सकौस्तुभधरो यशोदावत्सलो हरिः !

चतुर्भुजात्तचक्रासिगदाशंखाद्युदायुधः ॥

देवकीनन्दनः श्रीशो नन्दगोपप्रियात्मजः !

यमुनावेगसंहारी बलभद्रप्रियानुजः ॥

पूतनाजीवितहरः शकटासुरभञ्जनः !

नन्दव्रजजनानन्दी सच्चिदानन्दविग्रहः ॥

नवनीतविलिप्ताङ्गो नवनीतनटोऽनघः !

नवनीतनवाहारो मुचुकुंदप्रसादकः ॥

षोडशस्त्रीसहस्रेशो त्रिभंगीललिताकृतिः !

शुकवागमृताब्धीन्दुः गोविन्दो गोविदां पतिः॥

वत्सवाटचरोऽनन्तो धेनुकासुरमर्द्दनः !

तृणीकृततृणावर्तो यमलार्जुनभञ्जनः ॥

उत्तालतालभेत्ता च तमालश्यामलाकृतिः !

गोपगोपीश्वरो योगी कोटिसूर्यसमप्रभः॥

इलापतिः परंज्योतिः यादवेन्द्रो यदूद्वहः

वनमाली पीतवासा पारिजातापहारकः ॥

गोवर्धनाचलोद्धर्त्ता गोपालस्सर्वपालकः !

अजो निरञ्जनः कामजनकः कञ्जलोचनः॥

मधुहा मथुरानाथो द्वारकानायको बली !

वृन्दावनांतसञ्चारी तुलसीदामभूषणः ॥

स्यमन्तकमणेर्हर्ता नरनारायणात्मकः !

कुब्जाकृष्टांबरधरो मायी परमपूरुषः ॥

मुष्टिकासुरचाणूरमल्लयुद्धविशारदः !

संसारवैरि कंसारी मुरारी नरकान्तकः ॥

अनादिब्रह्मचारी च कृष्णाव्यसनकर्शकः !

शिशुपालशिरच्छेत्ता दुर्योधनकुलान्तकः ॥

विदुराक्रूरवरदो विश्वरूपप्रदर्शकः !

सत्यवाक्सत्यसंकल्पः सत्यभामारतो जयी ॥

सुभद्रापूर्वजो विष्णुः भीष्ममुक्तिप्रदायकः !

जगद्गुरुर्जगन्नाथो वेणुनादविशारदः ॥

वृषभासुरविध्वंसी बाणासुरबलांतकः !

युधिष्ठिरप्रतिष्ठाता बर्हिबर्हावतंसकः ॥

पार्थसारथिरव्यक्तो गीतामृतमहोदधिः !

कालीयफणिमाणिक्यरञ्जितश्रीपदांबुजः ॥

दामोदरो यज्ञभोक्ता दानवेन्द्रविनाशकः

नारायणः परंब्रह्म पन्नगाशनवाहनः ॥

जलक्रीडासमासक्तगोपीवस्त्रापहारकः !

पुण्यश्लोकस्तीर्थपादो वेदवेद्यो दयानिधिः ॥

सर्वभूतात्मकस्सर्वग्रहरूपी परात्परः !

एवं कृष्णस्य देवस्य नाम्नामष्टोत्तरं शतं, ॥

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कृष्णनामामृतं नाम परमानन्दकारकं,

अत्युपद्रवदोषघ्नं परमायुष्यवर्धनम् !

श्रीकृष्ण: कमलानाथो वासुदेवः सनातनः !

वसुदेवात्मजः पुण्यो लीलामानुषविग्रहः ॥

Tags: Dharma Aastha, Janmashtami, Lord krishna, Faith

FIRST PUBLISHED : September 06, 2023, 07:12 IST

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