नई दिल्ली: जब इंटरनेट और सोशल मीडिया का दौर नहीं था, तब लोग मैग्जीनों और अखबारों में फिल्मी दुनिया और एक्ट्रेसेज की खबरें चटकारे लेकर पढ़ते थे, लेकिन यह खबरें कई बार एक्ट्रेसेज को असहज कर देती थीं. जीनत अमान (Zeenat Aman) ने लेटेस्ट पोस्ट में उस दौर के बारे में बताया, जब उन्हें शापित, टूटी-बिखरी हुई कहा गया था. (फोटो साभार: Instagram@thezeenataman)
जीनत अमान ने उस वक्त को याद किया, जब वे कई फिल्म मैग्जीन के कवर पेज पर छपती थीं. एक्ट्रेस के अनुसार, इन फिल्म मैग्जीन ने लोगों के बीच उनकी ऐसी इमेज गढ़ी थी, जैसी वे असल जिंदगी में खुद को नहीं पातीं. उन्हें जब शापित और बिखरी हुई कहा गया, तो उन्हें दुख हुआ और बहुत गुस्सा भी आया. (फोटो साभार: Instagram@thezeenataman)
जीनत अमान ने कई फिल्म मैग्जीन की तस्वीरों के साथ एक लंबा लेख साझा किया, जिसमें वे लिखती हैं, ‘अगर इन हेडलाइंस पर यकीन किया जाए, तो 1979 में मैंने खुद को शापित किया था. 1985 में मैं खुद को बर्बाद करने की ओर बढ़ रही थी. 1998 में मैं बिखरी हुई थी.’ (फोटो साभार: Instagram@thezeenataman)
जीनत आगे कहती हैं, ‘मैं इन सब चीजों को उस शख्स से जोड़कर नहीं देख पाती, जो मुझमें मौजूद है. हेडलाइन्स एक दिन तारीफ भरे होते थे, तो दूसरे दिन बुरे लगते थे.’ इन सब चीजों का जीनत अमान के मन में गहरा प्रभाव पड़ा था. वे आगे लिखती हैं, ‘इनसे शर्मिंदगी होती थी. मुझे इसके चलते दुख, गुस्सा और चिड़चिड़ाहट का एहसास होता था.’ (फोटो साभार: Instagram@thezeenataman)
जीनत अमान ने फिर पते की बात कही. वे आखिर में लिखती हैं, ‘लोग बात करने का कोई-न-कोई बहाना ढूंढ लेंगे, इसलिए अपनी जिंदगी को उनकी राय और नजरिये से परिभाषित न होने दें. आप अपनी जिंदगी खुद परिभाषित कर सकते हैं.’ बता दें कि जीनत अमान ने ‘सत्यम शिवम सुंदरम’, ‘कुर्बानी’, ‘धुंध’, ‘डॉन’ और ‘मनोरंजन’ जैसी कुछ यादगार फिल्मों में काम किया था. (फोटो साभार: Instagram@thezeenataman)