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हैरानी! चमत्‍कार की तरह काम करेगा एथनॉल का ईंधन, घोड़े से बढ़कर गैंडे जैसी हो जाएगी गाडि़यों की ताकत


हाइलाइट्स

एथनॉल पर चलने वाली CCX कार ने 1018 हॉर्स पॉवर (bhp) की ताकत जेनरेट की.
बिना बायोफ्यूल के चलने वाली कार ने सिर्फ 806 हॉर्स पॉवर जेनरेट किया.
भार के लिहाज से एथनॉल में 34 फीसदी ज्‍यादा ऑक्‍सीजन होती है.

नई दिल्‍ली. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 29 अगस्‍त को देश की पहली 100 फीसदी एथनॉल से चलने वाली कार लांच की. इसे पर्यावरण के हित में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. साथ ही पेट्रोल-डीजल जैसे परंपरागत ईंधन से छुटकारा पाने का भी एक तरीका बताया जा रहा है. लेकिन, ईंधन के रूप में एथनॉल इन सबसे बढ़कर भी कुछ है. इसमें पेट्रोल और डीजल के मुकाबले ज्‍यादा ताकत होती है.

इसकी एक बानगी स्‍वीडिश सुपरकार मैन्‍युफैक्‍चरर कंपनी क्‍वॉनीसेज (Koenigsegg) ने पेश की है. इस कार कंपनी ने अपनी सुपरकार CCX का नया वैरिएंट पेश किया है, जो पूरी तरह एथनॉल पर चलती है. इस कार से होने वाले कम कार्बन उत्‍सर्जन से पर्यावरण को तो फायदा पहुंच रहा है. साथ ही इस ईंधन ने कार की परफॉर्मेंस को भी बढ़ा दिया है. दरअसल, एथनॉल पर चलने वाली CCX कार ने 1018 हॉर्स पॉवर (bhp) की ताकत जेनरेट की, जबकि बिना बायोफ्यूल के चलने वाली कार ने सिर्फ 806 हॉर्स पॉवर जेनरेट किया.

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क्‍यों बढ़ जाती है इससे ताकत
एथनॉल के इस्‍तेमाल से कार के इंजन की ताकत और बढ़ जाती है. अमेरिका की सुनोको (Sunoco) गैस कंपनी के तकनीकी एक्‍सपर्ट जैकरी जे. सेंटनर का कहना है कि भार के लिहाज से एथनॉल में 34 फीसदी ज्‍यादा ऑक्‍सीजन होती है. ज्‍यादा ऑक्‍सीजन का मतलब है ज्‍यादा ईंधन यानी ज्‍यादा ताकत (हॉर्स पॉवर). गैसोलीन यानी पेट्रोल से प्रति पाउंड 150 ब्रिटिश थर्मल यूनिट (btu) एनर्जी मिलती है, जबकि एथनॉल से 360 btu एनर्जी प्रति पाउंड में पैदा होती है. 1 btu में 1055 जूल या 252 कैलोरी एनर्जी मिलेगी.

इंजन कूल और माहौल गर्म
जैकरी जे. सेंटनर का कहना है कि एथनॉल में भी बिलकुल पीने वाले एल्‍कोहल जैसे गुण होते हैं. आप एल्‍कोहल को हाथ पर लगाते हैं तो इसके वाष्‍पीकरण (Vaporization) से आपको काफी ठंडा लगता है. ठीक उसी तरह जब कार के इंजन में एथनॉल जलता है यानी वेपोराइज होता है तो इंजन भी काफी ठंडा फील करता है. इसका मतलब है कि एथनॉल वाला इंजन ज्‍यादा ताकतवर होने के साथ ज्‍यादा कूल भी रहता है और इससे गाड़ी परफॉर्मेंस भी बढ़ जाती है. सामान्‍य तौर पर एक कार में इस्‍तेमाल होने वाले ईंधन में ऑक्‍टेन रेटिंग 87 होती है, जबकि एथनॉल में यह मात्रा 113 होती है.

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लागत भी घट जाएगी
एथनॉल का इस्‍तेमाल करने से कार में इस्‍तेमाल होने वाले ईंधन की लागत भी कम हो जाएगी. अगर पेट्रोल में 15 फीसदी भी एथनॉल का इस्‍तेमाल होता है तो ईंधन की लागत प्रति गैलन 3 से 5 फीसदी कम हो जाएगी. इसका मतलब है कि वाहन चालक को हर मील कार चलाने में 1.5 फीसदी लागत की बचत होगी. इसमें कार की परफॉर्मेंस को जोड़ दिया जाए तो एथनॉल का इस्‍तेमाल कहीं ज्‍यादा फायदेमंद दिखने लगता है.

Tags: Vehicle, Cng automotive, Petrol New Fee

FIRST PUBLISHED : August 31, 2023, 07:20 IST

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