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चंडीगढ़ के पास एक गांव ऐसा भी ! जहां दो मंजिला घर बनाना माना जाता है अशुभ, जानें इसका रहस्य



अंकित दुदानी/चंडीगढ़. चंडीगढ़ भारत के सबसे खूबसूरत और साफ-सुथरे शहरों में से एक है .यह पंजाब और हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की राजधानी भी है. इसी चंडीगढ़ के पास एक ऐसा गांव भी है जहां कोई भी दो मंजिला मकान नहीं बना सकता . इस गांव की ऐसी मान्यता है कि अगर किसी घर के ऊपर पहली मंजिल का निर्माण होगा तो उस घर को नुकसान होगा. गांव में बने हर घर को नींव से उठाकर दीवारों के साथ छत तक बनाया जाता है. ग्रामीणों के अनुसार छत के ऊपर किसी प्रकार का निर्माण पूरी तरह से वर्जित है .इसका कारण है उस गांव में बना माता जयंती देवी का मंदिर .150 से भी ज्यादा सीढिय़ां चढ़ कर माता की पिंडियों के दर्शन करने के लिए जाना पड़ता है.

प्राचीन काल में बाबर के समय हथनौर का राजा एक हिंदू राजपूत था.जिसके 22 भाई थे. उनमें से एक भाई की शादी हिमाचल के कांगड़ा के राजा की बेटी से हुई. कांगड़ा से आई राजकुमारी माता जयंती देवी की बहुत बड़ी उपासक थी. रोजाना माता के दर्शन करके ही जलपान करती. उसने माता से कहा कि मैं तुम्हारे बिना इतनी दूर कैसे रह पाऊंगी.माता ने उसे सपने में दर्शन दिए और आश्वासन दिया कि बेटी तुम्हारी डोली यहां से उस समय उठ पाएगी जब तुम्हारे साथ मेरी डोली भी साथ में उठेगी. शादी के बाद जब डोली नहीं उठी तो सब चिंता में पड़ गए. इसके बाद राजकुमारी ने अपने पिता को सपने वाली बात बताई. जिसके बाद माता की डोली भी सजाई गई.

डाकू को माता ने दिए दर्शन
लड़की और माता की डोली हथनौर वाले राजा के साथ विदा हुई. राजा ने पुजारी को भी साथ भेजा. उसी वंश के पुजारी अब तक माता की पूजा करते आ रहे हैं. जब कुछ सालों के बाद रानी और राजा की मृत्यु हो गई तो उसके बाद उनकी अगली पीढ़ियों ने माता की पूजा करना बंद कर दिया. उस समय मनी माजरा के जंगलों में रहने वाला डाकू गरीबों माता जयंती देवी का बहुत बड़ा भक्त था. कहते हैं माता ने उसे अपने दर्शन दिए थे जिसके बाद उसने यहां पर माता का मंदिर बनवाया.

माता का प्रकोप ?
माता की मूर्ति की स्थापना जयंती नदी के किनारे पर की गई है. मंदिर के पुजारी के देवेंद्र शर्मा के अनुसार माता का मानना है कि कोई भी माता से ऊपर नहीं जा सकता. जैसे ही रानी के अगली पीढ़ियों ने माता की पूजा बंद की तो माता ने डाकू गरीबों के सपने में आकर उसे आदेश दिया कि इस रियासत को पूरी बर्बाद कर दे . तब से ही माता के प्रकोप से बचने के लिए आज भी घरों पर दूसरी मंजिल नहीं बनाई गई.और अगर कोई घर बनाने की कोशिश भी करता है तो उसके साथ किसी ना किसी तरह की अनहोनी घट जाती है.

नहीं मिली इजाजत
कई बार गांव के लोगों ने इकट्ठे होकर और भंडारा किया . इस दौरान माता से प्रार्थना भी कि वह दूसरी मंजिल बनाने की इजाजत दे. इसके लिए गांव वालों की तरफ से हां और ना की पर्चियां डाली गई लेकिन जब भी पर्ची उठाई गई तब उसके अंदर हमेशा ना ही निकला है.

Tags: Chandigarh information, Haryana information, Local18

FIRST PUBLISHED : August 31, 2023, 21:35 IST

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