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सुबह-सुबह गाड़ी में डलवाएं पेट्रोल तो क्या बेहतर मिलता है माइलेज? या फिर ये है एक कोरी अफवाह, इलॉजिकल बात


हाइलाइट्स

पेट्रोल या डीजल को कभी भी भरवाएं उसकी डेंसिटी पर कोई असर नहीं होगा.
कार के माइलेज पर दिन या रात की फ्यूलिंग से कोई असर नहीं पड़ेगा.
ये बात केवल अफवाह है और कुछ नहीं.

नई दिल्ली. कभी कभी सबकुछ सही होते हुए भी आपकी कार या बाइक कम माइलेज देती है. सही समय पर सर्विस, टायरों में एयर प्रैशर परफेक्ट, सही जगह से फ्यूल की फिलिंग, एवरेज स्पीड में गाड़ी को चलाना और बाकि तमाम बातों का ध्यान रखने के बाद भी गाड़ी उतना माइलेज नहीं देती है. ऐसे में आपको कई तरह की सलाह मिलने लगती हैं, जैसे एक्सेलेटर को छोड़ छोड़ कर बाइक को चलाएं, ब्रेक की जगह आखिरी समय तक कार को गियर पर रोकने की कोशिश करें या फिर पेट्रोल के साथ एडेटिव को मिला लें. इसी के साथ एक और सलाह दी जाती है कि पेट्रोल भरवाने का क्या सही समय होना चाहिए. ये टॉपिक इन दिनों सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है.

दरअसल इन दिनों एक अफवाह फैल रही है कि पेट्रोल या डीजल सुबह या रात को डलवाने से ज्यादा फायदा होता है और गाड़ी माइलेज अच्छा देती है. इसके पीछे तर्क ये दिया जा रहा है कि इस दौरान टेंपरेचर कम होने से फ्यूल की डेंसिटी अच्छी रहती है और आपको ज्यादा मात्रा में पेट्रोल या डीजल मिलता है. दिन में गर्मी ज्यादा होने के चलते फ्यूल की डेंसिटी कम हो जाती है और पेट्रोल सही क्वांटिटी में नहीं मिलता है. इसी के चलते इन दिनों पेट्रोल पंप पर सुबह और देर शाम या रात के समय ज्यादा भीड़ भी देखने को मिलने लगी है. लेकिन ये बात पूरी तरह से गलत है. पेट्रोल आप किसी भी समय अपनी गाड़ी में भरवाएं आपको वही डेंसिटी मिलेगी जो सरकार की तरफ से निर्धारित है. यदि डेंसिटी में कुछ फर्क आ रहा है तो उसका दिन या रात से कोई लेना देना नहीं है, यदि डेंसिटी आपको सही नहीं दिखती है तो ये मान लीजिए कि पंप पर आपके साथ धोखा हो रहा है.

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क्या होती है पेट्रोल-डीजल की डेंसिटी
सरकार की ओर से निर्धारित पेट्रोल की डेंसिटी 730 से 800 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है, और वहीं डीजल की डेंसिटी 830 से 900 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होती है. इसे डेंसिटी के पेट्रोल और डीजल को पूरी तरह से शुद्ध माना जाता है और इस पर तापमान का कोई असर नहीं होता है. पेट्रोल और डीजल भरवाते समय ये डेंसिटी आप पंप की मशीन पर भी चेक कर सकते हैं. इस संबंध में भरतपुर में पेट्रोल पंप के संचालक भारत मीणा का कहना है कि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है पेट्रोल और डीजल की डेंसिटी जितनी कंपनी की तरफ से आती है उसमें कोई कमी नहीं हो सकती है. उन्होंने बताया कि तापमान का इस पर कोई असर नहीं पड़ता है. जो डेंसिटी है वो उतनी ही रहती है.

चलिए एक बार को इस अफवाह को भी मान लिया जाए कि तापमान का असर पेट्रोल डीजल पर होता है, लेकिन कैसे, क्योंकि पेट्रोल और डीजल के टैंक जो पेट्रोल पंप पर मौजूद होते हैं वे अंडरग्राउंड होते हैं और उनका तापमान पहले ही काफी कम रहता है. ऐसे में डेंसिटी पर किसी भी तरह से दिन के बढ़ते तापमान या रात की ठंडक का कोई असर नहीं होता.

फिलिंग के दौरान वेस्टेज
अब रही बात वेस्टेज की तो ये बात पूरी तरह से सही है कि पेट्रोल या डीजल भरवाने के दौरान वेस्टेज होती है. ये वेस्टेज वेपर्स के फॉर्म में होती है. पेट्रोल और डीजल हवा के संपर्क में आने पर वेपर्स में तब्दील होता है. लेकिन ये इतनी कम मात्रा में होता है कि इससे माइलेज पर कोई असर नहीं पड़ता, न ही आपको किसी भी तरह का नुकसान होता है. ये कुछ ऐसा ही है जैसे एक तालाब में से एक बूंद पानी निकाल लिया जाए.

अफवाह से हो रहा नुकसान
अफवाह से सबसे ज्यादा नुकसान लोगों के समय का हो रहा है. इस बात के इंटरनेट पर वायरल होने के बाद लोग सुबह और शाम के समय बड़ी संख्या में पेट्रोल भरवाने के लिए पंप पर पहुंच रहे हैं. जिसके चलते कई पेट्रोल पंप पर लंबी लाइनें लग जाती हैं और लोग काफी देर तक फ्यूलिंग का इंतजार करते हैं. वहीं दिन के समय पेट्रोल पंप पर भीड़ न के बराबर देखने को मिलती है.

Tags: Auto Information, Automobile Bike Information, Petrol and diesel

FIRST PUBLISHED : July 27, 2023, 13:31 IST

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