सरकार ने दिए E-Scooter बनाने वाली कंपनियों को कड़े निर्देश, कहा- लोगों के लौटाओ 278 करोड़ नहीं तो….
हाइलाइट्स
सबसे ज्यादा ओला इलेक्ट्रिक और एथर एनर्जी पर बकाया.
हीरो ने लौटाई आधी के करीब रकम.
सरकार ने कहा- नवंबर तक लौटाओ पैसा.
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक स्कूटर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को लेकर एक बार फिर कड़ा रुख अपनाया है. ऑफ बोर्ड चार्जर के लिए गए पैसों के वापस ग्राहकों को भुगतान न किए जाने के संबंध में शिकायतों के बीच सरकार ने ओला इलेक्ट्रिक, एथर एनर्जी, टीवीएस मोटर्स और हीरो मोटाकॉर्प को साफ शब्दों में कहा है कि 2 लाख ग्राहकों के करीब 278 करोड़ का भुगतान तुरंत करें ओर ये पेमेंट नवंबर 2023 के अंत तक ही किए जाने के आदेश दिए गए हैं. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस मामले में चूक करने वाली कंपनियों को नोटिस भी भेजे जा रहे हैं और इसमें साफ कहा गया है कि यदि नवंबर 2023 के अंत तक ये भुगतान नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि ये कदम भारी उद्योग मंत्रालय की रिपोर्ट के बाद उठाया गया है. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि 288 करोड़ रुपये के कुल बकाये को न चुकाने वाली ओईएम कंपनियों ने 15 अगस्त तक केवल 10 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया है.
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बड़ा कदम उठाएगी सरकार
यदि कंपनियां नवंबर तक इस भुगतान को नहीं करती हैं तो सरकार आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों के एवज में कंपनियों को दी जाने वाली सब्सिडी को रोकने की तैयारी में है. इसी के साथ कंपनियों को Fame 2 के तहत मिलने वाली अन्य सुविधाओं को भी रोक दिया जाएगा. गौरतलब है कि फेम 2 प्रोग्राम मार्च 2024 में खत्म होने जा रहा है.
गौरतलब है कि ऑटो कंपनियों की ओर से की गई इस गलती के चलते फरवरी में ही सरकार ने सभी की सब्सिडी को रोक दिया था. जिसके बाद कंपनियों ने अपनी गलती को अप्रैल में मानते हुए ग्राकों को ऑफ बोर्ड चार्जर की कीमत लौटाने की बात कही थी. इन चार्जर की कीमत टू व्हीलर की खरीद के दौरान ग्राहकों ने किया था. सरकार को इससे पहले 800 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी करनी थी लेकिन चूक करने वाली कंपनियों की 300 करोड़ रुपये की राशि को तब जारी किया जाना था जब वे ग्राहकों से वसूली गई गलत राशि का भगुतान कर इसकी जानकारी सरकार को देते.
क्या था पूरा मामला
दरअसल इलेक्ट्रिक स्कूटर को बेचने के दौरान कंपनियों ने चार्जर की राशि ग्राहकों से अलग से वसूल की थी जबकि इस राशि को कंपनियों को कीमत में ही जोड़ना था. कंपनियों ने ऐसा करने के साथ ही चार्जर का पैसा लोगों से अलग से लिया था. ग्राहकों ने इसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी जिसके बाद सरकार ने कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है.
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FIRST PUBLISHED : August 23, 2023, 17:18 IST