मानव रक्षा के लिए बने हैं ये 6 दिव्य मंत्र, नियमित रूप से पाठ करना माना जाता है शुभ, दूर होती है हर परेशानी
हाइलाइट्स
सनातन धर्म के मंत्र बहुत प्रभावशाली होते हैं.
इन मंत्रों के नियमित जाप से कई परेशानियां दूर हो सकती हैं.
6 Highly effective Mantras : मानव जीवन में कई तरह के संकट हैं वहीं उन संकटों का आध्यात्मिक समाधान भी है. प्रत्येक धर्म में कुछ ऐसे दिव्य मंत्रों के बारे में बताया गया है जिनके जप या पाठ से हम संकटों से बाहर निकल सकते हैं. इनके नियमित जाप से हमें दैवीय सहायता प्राप्त होती है और हमारा आत्मबल भी बढ़ जाता है. हिंदू धार्मिक ग्रंथ में इन मंत्रों की शक्ति के बारे में उल्लेख मिलता है. कहते यदि जातक किसी बीमारी, आर्थिक तंगी है से जूझ रहा है या फिर उसे किसी तरह का भय सता रहा है तो उस व्यक्ति को नियमित रूप से इन मंत्रों का जाप करना चाहिए. ऐसा करने से उनकी हर तरह से रक्षा होती है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिष आचार्य विनोद सोनी पोद्दार.
1. गायत्री मंत्र :
।।ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।।
मंत्र प्रभाव :
यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंत्र है, जो ईश्वर के प्रति, ईश्वर का साक्षी और ईश्वर के लिए है. यह मंत्रों का मंत्र सभी हिन्दू शास्त्रों में प्रथम और ‘महामंत्र’ कहा गया है. हर समस्या के लिए मात्र ये एक ही मंत्र कारगर है. बस शर्त ये है कि इसे जपने वाले को शुद्ध और पवित्र रहना जरूरी है अन्यथा यह मंत्र अपना असर छोड़ देता है.
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2. महामृत्युंजय मंत्र :
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिंपुष्टिवर्द्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धानान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
मंत्र प्रभाव :
भगवान शिव का महामृंत्युजय मंत्र मृत्यु व काल को टालने वाला माना जाता है. इसलिए शिवलिंग पर दूध मिला जल, धतूरा चढ़ाकर ये मंत्र हर रोज बोलना संकटमोचक होता है. यदि आपके घर का कोई सदस्य अस्पताल में भर्ती है या बहुत ज्यादा बीमार है तो नियम पूर्वक इस मंत्र का सहारा लें. बस शर्त ये है कि इसे जपने वाले को शुद्ध और पवित्र रहना जरूरी है अन्यथा यह मंत्र अपना असर छोड़ देता है.
3. श्रीकृष्ण मंत्र :
ॐ श्रीकृष्णाय शरणं मम। या कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:॥
मंत्र प्रभाव :
इस मंत्र का नित्य जप करने से कलह और क्लेशों का अंत होकर परिवार में खुशियां वापस लौट आती हैं. प्रतिदिन सबसे पहले इस मंत्र का जप तब करना चाहिए जब आप भगवान कृष्ण के अलावा अन्य किसी देवी या देवता में चित्त नहीं रमाते हो. कृष्ण की शरण में होने के बाद फिर किसी अन्य को नहीं भजना चाहिए.
4. शिव मंत्र :
ॐ नम: शिवाय
मंत्र प्रभाव :
इस मंत्र का निरंतर जप करते रहने से चिंतामुक्त जीवन मिलता है. ये मंत्र जीवन में शांति और शीतलता प्रदान करता है. शिवलिंग पर जल व बिल्वपत्र चढ़ाते हुए ये शिव मंत्र बोलें व रुद्राक्ष की माला से जप भी करें. तीन शब्दों का ये मंत्र महामंत्र माना जाता है.
5. राम मंत्र :
राम… राम… राम….
मंत्र प्रभाव :
हनुमान जी भी राम नाम का ही जप करते रहते हैं. कहते हैं राम से भी बढ़कर श्रीराम का नाम है. इस मंत्र का निरंतर जप करते रहने से मन में शांति का प्रसार होता है, चिंताओं से छुटकारा मिलता है और दिमाग शांत रहता है. राम नाम के जप को सबसे उत्तम माना गया है. यह सभी तरह के नकारात्मक विचारों को समाप्त कर देता है और हृदय को निर्मल बनाकर भक्ति भाव का संचार करता है.
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6. हनुमान मंत्र :
ॐ हं हनुमते नम:
मंत्र प्रभाव :
यदि दिल में किसी भी प्रकार की घबराहट, डर या आशंका है तो निरंतर प्रतिदिन इस मंत्र का जप करें और फिर निश्चिंत हो जाएं. किसी भी कार्य की सफलता और विजयी होने के लिए इसका निरंतर जप करना चाहिए. ये मंत्र आत्मविश्वास बढ़ाता है. हनुमानजी को सिंदूर, गुड़-चना चढ़ाकर इस मंत्र का नित्य स्मरण या जप सफलता व यश देने वाला माना गया है. यदि मृत्युतुल्य कष्ट हो रहा है, तो इस मंत्र का तुरंत ही जप करना चाहिए.
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Tags: Astrology, Dharma Aastha, Faith
FIRST PUBLISHED : August 21, 2023, 02:25 IST