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गेट में बर्तन मांज रही थी ये बालिका, अचानक पड़ी कलेक्टर की नजर; फिर…..



रवि पायक/ भीलवाड़ा.आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चे जानकारी के अभाव में और कई बार तो स्कूल में प्रवेश नहीं मिलने के कारण शिक्षा से वंचित रहे जाते हैं. शिक्षा के महत्व वही व्यक्ति समझ सकता है, जिसने बड़े संघर्षों के साथ शिक्षा को हासिल किया है. ऐसा ही कुछ भीलवाड़ा जिले में देखने को मिला.

दरअसल, यहां जिला कलेक्टर आशीष मोदी जिला स्तरीय राजस्थान युवा महोत्सव के जायजा लेने के लिए पहुँंचे हुए थे. इस दौरान उन्हें कार्यक्रम स्थल पर एक बालिका बर्तन मांजती हुई मिली. तब उससे बातचीत के दौरान पता चला कि एडमिशन नहीं मिलने के चलते वह बच्ची पढ़ाई से वंचित रह गई है. इसलिए बर्तन मांज रही है. इसके बाद जिला कलेक्टर ने महज 5 मिनट में ना केवलउसे स्कूल में एडमिशन दिलाया बल्कि बालिका को किताबें भी उपलब्ध कराई.

बात की तो पता चली पीड़ा

कलेक्टर आशीष मोदी ने बताया कि वे युवा महोत्सव के तहत राजीव गांधी ऑडिटोरियम पहुंचे थे और शुभारंभ कार्यक्रम के बाद वह वापस लौट रहे थे. तभी देखा कि ऑडिटोरियम के गेट पर एक बालिका बर्तन साफ कर रही है. इसके बाद रुक कर उस बालिका से उसका नाम पूछा उसने अपना नाम किरण बावरी बताया और तब कलेक्टर मोदी ने उससे पूछा कि स्कूल पढ़ने नहीं जाते हो क्या. इसके जवाब में बालिका किरण ने विद्यालय में प्रवेश नहीं मिलने की बात कही.

जिला शिक्षा अधिकारी से नाराज हुए

यह सुनकर जिला कलेक्टर काफी नाराज हुए और उन्होंने अपने साथ ही खड़े जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. महावीर कुमार शर्मा को तत्काल संबंधी स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई करने और बच्ची को स्कूल में प्रवेश दिलाने की बात कही. उन्होंने बर्तन साफ कर रही एक बालिका को स्कूल में प्रवेश के लिए जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय महावीर शर्मा और एडीपीसी समसा योगेश पारीक को आदेश दिए और डीईओ ने 5 मिनट में बालिका को स्कूल में प्रवेश दिला कर किताबें तक दे दी. जिसके बाद किरण बावरी को राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय कलकीपुरा में क्लास 8 वी में प्रवेश देकर किताबें निःशुल्क भी मिल गई.

Tags: Hindi information, Local18

FIRST PUBLISHED : August 18, 2023, 13:44 IST

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