Chandrayaan-3 Mission: स्पेसक्राफ्ट से अलग हुआ लैंडर ‘विक्रम’, 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर करेगा सॉफ्ट लैडिंग
बेंगलुरु: चंद्रयान-3 का लैंडर ‘विक्रम’ सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान से अलग हो गया है और अब इसके 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की उम्मीद है. इसरो ने एक ट्वीट में कहा, ‘लैंडर मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग कर दिया गया है. लैंडर मॉड्यूल कल के लिए योजनाबद्ध डीबूस्टिंग पर थोड़ी निचली कक्षा में उतरने के लिए तैयार है.’
अलग होने के बाद, लैंडर को ‘डीबूस्ट’ (धीमा करने की प्रक्रिया) से गुजरने की उम्मीद है, ताकि इसे एक ऐसी कक्षा में स्थापित किया जा सके जहां पेरिल्यून (चंद्रमा से निकटतम बिंदु) 30 किलोमीटर और अपोल्यून (चंद्रमा से सबसे दूर का बिंदु) 100 किलोमीटर है. इसरो ने कहा है कि इस कक्षा से 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास किया जाएगा.
Chandrayaan-3 Mission:
‘Thanks for the experience, mate! ’
mentioned the Lander Module (LM).
LM is efficiently separated from the Propulsion Module (PM)
LM is about to descend to a barely decrease orbit upon a deboosting deliberate for tomorrow round 1600 Hrs., IST.
Now, has3⃣ ️️️… pic.twitter.com/rJKkPSr6Ct
— ISRO (@isro) August 17, 2023
एक बार चंद्रमा पर लैंड होने के बाद लैंडर विक्रम प्रज्ञान रोवर की तस्वीर लेगा, जो चंद्रमा की सतह पर भूकंपीय गतिविधि का अध्ययन करने के लिए अपने उपकरणों को तैनात करेगा. इस बीच रूस का मून मिशन लूना-25 भी चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला है. रोस्कॉसमोस भी अपने लैंडर को मून के साउथ पोल पर ही उतारेगा. रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह की रासायनिक संरचना पर प्रयोग करेगा और पानी की खोज करेगा.
रोवर का जीवनकाल एक चंद्र दिवस का होगा, जो पृथ्वी पर 14 दिनों के बराबर है. इस बीच, प्रपोल्शन मॉड्यूल चंद्रमा के चारों ओर परिक्रमा करता रहेगा और पृथ्वी के वायुमंडल का अध्ययन करेगा. यह दूसरे ग्रहों की जानकारियां भी एकत्रित करेगा, जिससे यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि पृथ्वी के अलावा अन्य किसी ग्रह पर जीवन संभव है या नहीं.
.
Tags: Chandrayaan-3, ISRO, Area Exploration
FIRST PUBLISHED : August 17, 2023, 13:57 IST