Rishi Sunak who made India proud
Who is Rishi Sunak
Indian-origin Rishi Sunak has become the new Prime Minister of Britain, making history. Rishi Sunak is the first Indian-born to hold the highest post in the United Kingdom government. Rishi Sunak has overtaken Penny Mordaunt to occupy the Prime Minister's chair in the Tory leadership election. Who has served as Prime Minister of the United Kingdom and leader of the Conservative Party since October 2022? Sunak was Chancellor of the Exchequer from 2020 to 2022 and Chief Secretary of the Treasury from 2019 to 2020. He has been the Member of Parliament (MP) for Richmond (York) since 2015.
कौन हैं ऋषि सुनक
भारतीय मूल के ऋषि सुनक इतिहास बनाते हुए ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। ऋषि सुनक पहले ऐसे भारतवंशी हैं, जो युनाइटेड किंगडम सरकार का सबसे बड़ा पद संभालेंगे। ऋषि सुनक ने टोरी लीडरशिप चुनाव में पेनी मोरडॉन्ट को पीछे छोड़ते हुए प्रधानमंत्री की कुर्सी पर क़ब्ज़ा कर लिया है। जो अक्टूबर 2022 से यूनाइटेड किंगडम के प्रधान मंत्री और कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता के रूप में कार्यरत हैं। सुनक 2020 से 2022 तक राजकोष के चांसलर थे और 2019 से 2020 तक ट्रेजरी के मुख्य सचिव रहे। वह 2015 से रिचमंड (यॉर्क) के लिए संसद सदस्य (सांसद) हैं।
Personal life of Rishi Sunak
Sunak belongs to a Punjabi Khatri family from Gujranwala. Sunak was born on 12 May 1980 in Southampton, Hampshire, England to father Yashveer and mother Usha Sunak. He is the eldest of three siblings. His grandparents were born in Punjab province, India, and emigrated to the UK with their children from East Africa in the 1960s. He took oath on the Bhagavad Gita in the House of Commons in 2017. Rishi Sunak is a teetotaler. He was previously the Governor of the East London Science School. In August 2009, Sunak married Indian billionaire, Infosys founder, N. R. Married to Narayana Murthy's daughter Akshata Murthy. They met while studying at Stanford University and have two daughters.
ऋषि सुनक का निजी जीवन
सुनक गुजरांवाला के एक पंजाबी खत्री परिवार से हैं। सुनक का जन्म 12 मई 1980 को साउथैम्प्टन, हैम्पशायर, इंग्लैंड में पिता यशवीर और माता उषा सुनक के घर हुआ था। वह तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। उनके दादा-दादी पंजाब प्रांत, भारत में पैदा हुए थे, और 1960 के दशक में पूर्वी अफ्रीका से अपने बच्चों के साथ यूके चले गए थे। उन्होंने 2017 में हाउस ऑफ़ कॉमन्स में भगवद गीता पर शपथ ली थी। ऋषि सुनक एक टीटोटलर हैं। वह पहले ईस्ट लंदन साइंस स्कूल के गवर्नर थे। सुनक ने अगस्त 2009 में भारतीय अरबपति, इंफोसिस के संस्थापक, एन. आर. नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से शादी की। वे स्टैनफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ते हुए मिले और उनकी दो बेटियां भी हैं।
Where did Rishi Sunak get his education
Rishi did his schooling at Winchester College. He graduated from Lincoln College, Oxford with a first class in Philosophy, Politics, and Economics. He then received an MBA degree from Stanford University in 2006, receiving a scholarship under the Fulbright Program. While studying at Stanford, he met Akshata Murthy, daughter of Infosys founder and businessman NR Narayana Murthy.
ऋषि सुनक ने शिक्षा कहाँ प्राप्त की
ऋषि ने विनचेस्टर कॉलेज में स्कूली शिक्षा हासिल की। उन्होंने लिंकन कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी के साथ स्नातक किया। इसके बाद फ़ुलब्राइट प्रोग्राम के तहत छात्रवृत्ति प्राप्त कर 2006 में उन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री प्राप्त की। स्टैनफ़ोर्ड में पढ़ाई करने के दौरान इनकी मुलाक़ात इंफ़ोसिस के फ़ाउंडर और व्यापारी एन आर नारायणमूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई।
Political life of Rishi Sunak
Rishi Sunak, MP from Richmond, Yorkshire, reached Parliament for the first time in 2015. At that time, his stature in the party continued to grow due to his support for Brexit. Rishi Sunak served as Parliamentary Under Secretary to the then British Prime Minister Theresa Sarkar. After Theresa resigned, Sunak supported Boris Johnson's campaign to become Conservative leader. After Johnson was appointed prime minister, Sunak was appointed chief secretary of the Treasury. As Chancellor, Sunak worked prominently on the government's economic policy in the United Kingdom in light of the economic impact of the COVID-19 pandemic.
ऋषि सुनक का राजनैतिक जीवन
यॉर्कशर के रिचमंड से सांसद ऋषि सुनक 2015 में पहली बार संसद पहुंचे थे। उस समय ब्रेग्जिट का समर्थन करने के चलते पार्टी में उनका कद लगातार बढ़ता चला गया। ऋषि सुनक ने तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा सरकार के संसदीय अवर सचिव के रूप में कार्य किया। थेरेसा के इस्तीफ़ा देने के बाद, सनक ने बोरिस जॉनसन के कंज़रवेटिव नेता बनने के अभियान का समर्थन किया। जॉनसन ने प्रधान मंत्री नियुक्त होने के बाद, सनक को ट्रेजरी का मुख्य सचिव नियुक्त किया। चांसलर के रूप में, सुनक ने यूनाइटेड किंगडम में COVID-19 महामारी के आर्थिक प्रभाव के मद्देनज़र सरकार की आर्थिक नीति पर प्रमुखता से काम किया।
changed circumstances
In his resignation letter on 5 July 2022, Sunak resigned as chancellor, citing differences in his economic policy with Johnson. Sunak's resignation, along with the resignation of Health Secretary Javed, led to Johnson's resignation amid a government crisis. The party gate scandal in Britain caused Boris Johnson more grit. His flame was also on Sunak. Sunak was also fined for the party gate scandal. He was issued a fixed penalty notice. The matter was heated after photos of this party and some e-mails were leaked. Sunak's popularity declined after this incident.
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ऐसे बदले हालात
5 जुलाई 2022 को अपने त्याग पत्र में जॉनसन के साथ अपनी आर्थिक नीति के मतभेदों का हवाला देते हुए सुनक ने चांसलर के पद से इस्तीफ़ा दे दिया। सुनक का इस्तीफ़ा, स्वास्थ्य सचिव जावेद के इस्तीफ़े के साथ, एक सरकारी संकट के बीच जॉनसन के इस्तीफ़े का कारण बना। ब्रिटेन के जिस पार्टीगेट स्कैंडल के कारण बोरिस जॉनसन की अधिक किरकिरी हुई थी। उसकी आंच सुनक पर भी पड़ी थी। सुनक पर भी पार्टीगेट स्कैंडल विषय में अर्थदण्ड लगाया गया था। उन्हें फ़िक्स्ड पेनल्टी नोटिस जारी किया गया था। इस पार्टी की तस्वीरें और कुछ ई-मेल लीक होने के पश्चात मामला गरमा गया था। इस घटना के पश्चात सुनक की लोकप्रियता में गिरावट देखने को मिली थी।
Result of popularity
Rishi Sunak was a very popular minister in the Boris government. His popularity could be gauged from the fact that, whenever there was any press briefing of the government, he was often seen. Rishi Sunak is also praised for keeping the UK's economic condition fine during the Corona period. The result of this is in front of the world today on his becoming the Prime Minister.
लोकप्रियता का नतीजा
ऋषि सुनक बोरिस सरकार में काफ़ी लोकप्रिय मंत्री रहे। उनकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता था कि, जब भी सरकार की कोई प्रेस ब्रीफिंग होती तो, वही अक्सर नज़र आते थे। कोरोना काल में यूके की आर्थिक स्थिति को ठीक रखने के पीछे भी ऋषि सुनक की तारीफ़ की जाती है। जिसका नतीजा उनके प्रधानमंत्री बनने पर आज दुनिया के सामने है।