Ambulance in PM’s convoy is a serious security lapse
A benevolent and noble image of the ruler is sculpted
(Ambulance in PM's convoy) There is a word in English called Gimmick which literally also means Nautanki. It is hypocrisy and such a dramatic act whose reality is known to all. Similar gimmicks have now become a new tool of political propaganda. When the government is not able to give anything meaningful to the people and when the government lacks policy, intention and status to give something to the people, then similar gimmicks are done again. Through the illusion of propaganda and organized Goebelism, a generous and noble image of the ruler is created but he is nothing but a paper bazooka (a short-range tubular rocket launcher used against tanks).
शासक की एक उदार और महान छवि गढ़ी जाती है
अंग्रेजी में एक शब्द है Gimmick जिसका शाब्दिक अर्थ भी नौटंकी ही होता है। यह एक पाखंड होता है और ऐसा नाटकीय कृत्य जिसकी वास्तविकता सभी जानते हैं। ऐसी ही गिमिक अब राजनीति के प्रचारतंत्र का एक नया उपकरण बन गया है। जब जनता को सरकार कुछ सार्थक दे नहीं पाती और जब सरकार के पास जनता को कुछ देने की, नीति नीयत और हैसियत का अभाव होने लगता है तो, ऐसी ही नौटंकियां फिर की जाने लगती हैं। प्रचार तंत्र और संगठित गोएबेलिज्म के मायाजाल से, शासक की एक उदार और महान छवि गढ़ी जाती है पर वह सिवाय एक कागज के बज़ूके (टैंकों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया जाने वाला एक छोटी दूरी का ट्यूबलर रॉकेट लांचर) के, कुछ नहीं होता है।
what action will be taken immediately
How the PM's convoy is formed, which vehicles will stay in that convoy, and who will sit in which car. From which way the convoy will leave, and where will it stop, what action will be taken immediately if there is any sudden obstruction in the way. Who will sit in the PM's car, etc etc. There is a whole lot of wide frills and drills. It is not decided by the PM, rather, it is decided by the Special Protection Group (SPG), state police, district administration, IB and other intelligence agencies engaged in PM security.
तत्काल क्या कार्यवाही की जायेगी
पीएम का क़ाफ़िला कैसे बनता है, कौन कौन सी गाडियां उस काफिले में रहेंगी, कौन कौन किस किस गाड़ी में बैठेगा। किस रास्ते से क़ाफ़िला निकलेगा, और कहां रुकेगा, रास्ते में अचानक कोई व्यवधान आने पर, तत्काल क्या कार्यवाही की जायेगी। पीएम की कार में कौन बैठेगा, आदि आदि पूरा एक लंबा चौड़ा तामझाम और ड्रिल होता है। इसे पीएम नहीं तय करते हैं बल्कि, पीएम सुरक्षा में लगी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी), राज्य पुलिस, ज़िला प्रशासन, आईबी और अन्य ख़ुफ़िया एजेंसी तय करती हैं।
A block of PM's convoy is formed
(Ambulance in PM's convoy) The PM simply decides where he will go and where he will hold the meeting. If there is any place in them where there can be a safety hazard, then they are refused to take them there too. A block of PM's convoy is formed, in which the pilot keeps the convoy of vehicles from the car to the tail car of the end. All vehicles are connected by radio communication to each other and then to control.
पीएम के क़ाफ़िले का एक ब्लॉक बनता है
पीएम बस यह तय करते हैं कि वे कहां जायेंगे और कहां कहां सभा करेंगे। यदि इनमे भी कोई स्थान ऐसा होता है जहां पर सुरक्षा को लेकर ख़तरा हो सकता है तो, वहां भी उन्हे ले जाने से मना कर दिया जाता है। पीएम के क़ाफ़िले का एक ब्लॉक बनता है, जिसमे पायलट कार से लेकर अंत के टेल कार तक गाड़ियों का क़ाफ़िला रखता है। सभी गाडियां एक दूसरे और फिर कंट्रोल से रेडियो कम्युनिकेशन से जुड़ी रहती हैं।
After all, how did an ambulance enter the PM's convoy?
(Ambulance in PM's convoy) Entering this block means breaching security, and it is also taken very seriously. It is being shown that an ambulance is running past the PM's convoy, and Virudavali, TV channels are singing, why don't they raise the question, how did an ambulance enter the PM's convoy and this serious issue? What was the action taken on the mistake? Whether there was a patient in it or not, what happened to the patient?
आख़िर पीएम के क़ाफ़िले में कोई एम्बुलेंस घुस कैसे गई
इस ब्लॉक में घुस आने का अर्थ ही है सुरक्षा में सेंध, और इसे बहुत गंभीरता से लिया भी जाता है। यह जो दिखाया जा रहा है कि एक एम्बुलेंस पीएम के क़ाफ़िले को पार करके भागी जा रही है, और विरुदावली, टीवी चैनल गा रहे हैं, वे यह सवाल क्यों नहीं उठाते कि, आख़िर पीएम के क़ाफ़िले में कोई एम्बुलेंस घुस कैसे गई और इस गंभीर चूक पर क्या कार्यवाही हुई। उसमें मरीज़ था भी या नहीं, मरीज़ का क्या हुआ ?
Tell them, I came back alive
Remember in Punjab, when the PM's convoy had stopped for some time and some farmers came there, how it was considered a serious security lapse. It was investigated and the SP of the district concerned was found guilty. The matter of PM security went to the Supreme Court. That was a security lapse and a serious security lapse, as the long road route chosen for VVIPs was a wrong decision from the very beginning. Then it was the PM who had conveyed this message to the then CM, telling him, I have come back alive.
उनसे कहना, मैं जिंदा लौट आया
याद कीजिए पंजाब में, जब पीएम का क़ाफ़िला कुछ समय किए रुक गया था और कुछ किसान वहां आ गए तो, कैसे इसे सुरक्षा के लिए गंभीर चूक माना गया। इसकी जांच हुई और संबंधित ज़िले के एसपी दोषी पाए गए। पीएम सुरक्षा का मामला, सुप्रीम कोर्ट तक गया। वह सुरक्षा चूक थी और गंभीर सुरक्षा चूक थी, क्योंकि जितना लंबा सड़क मार्ग वीवीआईपी के लिए चुना गया था, वह शुरू से ही गलत निर्णय था। तब पीएम ने ही तत्कालीन सीएम को यह संदेश पढ़ाया था, उनसे कहना, मैं जिंदा लौट आया।
PM saw him and said to the driver, give it a side, let it go
(Ambulance in PM's convoy) Anyway, the PM would have noticed the ambulance only when it had come parallel to his car. And this too must have happened only when the ambulance came continuously, overtaking. Behind PM's car, there are two escort E1, E2, spare car, DM/SP's car, an ambulance with doctor and tail car. How an ambulance crossed so many vehicles and came equal to PM's car and PM saw it and said to the driver, give side, let it go.
पीएम ने उसे देखा और ड्राइवर से कहा, साइड दे दे, इसे जाने दे
वैसे भी पीएम ने एम्बुलेंस को तभी नोटिस किया होगा जब वह उनकी गाड़ी के समानांतर आ गई होगी। और ऐसा भी, एम्बुलेंस द्वारा लगातार, ओवरटेक करके आने पर ही, हुआ होगा। पीएम की गाड़ी के पीछे, दो एस्कॉर्ट ई1, ई2, स्पेयर कार, ज़िलाधिकारी/एसपी की गाड़ी, एक एम्बुलेंस डॉक्टर के साथ और टेल कार होती है। एक एम्बुलेंस, कैसे इतनी गाड़ियों को पार कर के पीएम की गाड़ी के बराबर आ गई और पीएम ने उसे देखा और ड्राइवर से कहा, साइड दे दे, इसे जाने दे।
Then how did they let the ambulance go and no action was taken on it
It is difficult for any other vehicle to come parallel to the tail car because, behind the tail are the vehicles of the leaders who are accompanying the PM to the scheduled program. Every vehicle of the PM convoy is subjected to a technical inspection and a certificate is issued for it, which is given to the SPG in charge of that journey. The purpose and function of a tail car is that it does not let any vehicle in front of it. Then how did they let the ambulance go and no action was taken on it?
फिर कैसे एम्बुलेंस को उन्होंने जाने दिया और इस पर कोई कार्यवाही भी नही हुई
टेल कार के समानांतर ही किसी अन्य गाड़ी का आना मुश्किल है क्योंकि, टेल के पीछे उन नेताओं की गाड़ियां होती हैं, जो पीएम के साथ निर्धारित कार्यक्रम में साथ जा रहे होते हैं। पीएम क़ाफ़िले की हर गाड़ी का टेक्निकल मुआयना होता है और उसका एक सर्टिफिकेट जारी होता है जिसे एसपीजी के उस यात्रा के प्रभारी को दिया जाता है। टेल कार का उद्देश्य और काम ही यह होता है कि वह अपने आगे किसी भी गाड़ी को जाने न दे। फिर कैसे एम्बुलेंस को उन्होंने जाने दिया और इस पर कोई कार्यवाही भी नही हुई ?
then this is a serious security lapse
(Ambulance in PM's convoy) One more thing, regarding the PM's visit, one by one, the decision is taken only after talking to the SPG and their clearance. The route through which the PM goes is already barricaded and the traffic on it is diverted elsewhere. The security of the PM is paramount and at least no gimmick should be fabricated in his travel, convoy and security. If the ambulance really does come to the PM's car and then, the PM himself notices, and lets him side by side, then this is a serious security lapse. It should be investigated and not marhaba marhaba.
Vijay Shanker Singh
सुरक्षा में यह एक गंभीर चूक है
एक बात और, पीएम यात्रा के बारे में, एक एक, निर्णय एसपीजी से बात करने और उनकी क्लीयरेंस के बाद ही, लिया जाता है। पीएम जिस रूट से जाते हैं उसे पहले से ही बैरिकेड किया जाता है और उस पर आने जाने वाले यातायात को, कहीं और डाइवर्ट कर दिया जाता है। पीएम की सुरक्षा सर्वोपरि है और कम से कम उनकी यात्रा, क़ाफ़िले और सुरक्षा में तो किसी नौटंकी को नहीं गढ़ना चाहिए। यदि एम्बुलेंस सच में पीएम की कार तक आ गई और तब, पीएम ने खुद नोटिस किया, और उसे साइड देकर आगे जाने दिया तो, सुरक्षा में यह एक गंभीर चूक है। इसकी जांच की जानी चाहिए न कि मरहबा मरहबा।