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Efforts to resettle Cheetah in India started

Cheetah in India

Lucknow: Once again after seventy years, commendable steps taken by the central government to settle Cheetah in India. Under this action plan, an exercise has been started to resettle cheetahs in many national parks of the country. The Government of India has done the work of bringing cheetahs to the forests of the country. This animal, which has become extinct in India, will be brought from Namibia and released in the Kuno National Park in Madhya Pradesh on Saturday. Prime Minister Narendra Modi has taken a pledge to complete the plan to bring cheetahs to the country with interest.

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भारत में चीता

Lucknow: एक बार फिर से सत्तर साल बाद भारत में चीतों को बसाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाये गए सराहनीय क़दम। इस कार्य योजना के तहत देश के कई नेशनल पार्क में चीतों को फिर से बसाने की कवायद शुरू की गयी है। भारत सरकार ने चीतों को देश के जंगलों में लाने का काम किया है। भारत में लुप्त हो चुके इस जीव को नामीबिया से लाकर मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में शनिवार को छोड़ा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीतों को देश में लाने बसाने की योजना को रुचि लेते हुए पूर्ण करने का संकल्प लिया है।

At present, there are only about 7000 cheetahs left in 17 countries around the world.

Let us tell you that due to this effort of rehabilitating the cheetah in India, there is a lot of happiness among the forest lovers. The Government of India wants to rehabilitate a total of 20 cheetahs in the Kuno National Park in the next 5 years. At present, there are only about 7000 cheetahs left in 17 countries worldwide. In India too, work has been done to save this completely extinct breed. The main reason for this has been the excessive hunting by humans and the loss of habitat of cheetahs. If we talk, then bringing cheetahs back to the country can prove to be a boon for the ecosystem of forests. According to a senior official, the cheetah is the topmost animal in the food chain. Its extinction also affects the entire food chain.

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दुनियाभर में इस समय केवल 17 देशों में 7000 के क़रीब ही चीतों की संख्या बची

बता दें कि, चीते के भारत में पुर्नवास की इस कोशिश से जंगल प्रेमियों में बहुत ख़ुशी है। भारत सरकार अगले 5 साल में कूनो नेशनल पार्क में कुल 20 चीतों का पुर्नवास कराना चाहती है। दुनियाभर में इस समय केवल 17 देशों में 7000 के क़रीब ही चीतों की संख्या बची है। भारत में भी पूरी तरह से विलुप्त हो रही इस नस्ल को बचाने का कार्य किया गया है। इसका मुख्य कारण मनुष्यों द्वारा किये जा रहे ज़्यादा शिकार और चीतों के निवास स्थान को हुआ नुक़सान रहा है। अगर हम बात करें, तो चीतों को फिर से देश में लाना जंगलों के पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) के लिए एक वरदान साबित हो सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, चीता खाद्य श्रृंखला का सबसे शीर्ष जानवर है। उसके विलुप्त हो जाने से सम्पूर्ण खाद्य श्रृंखला पर भी असर दिखता है।

It will also have a direct impact on the ecosystem.

In India, cheetahs were found in Maharashtra, Madhya Pradesh, Uttar Pradesh, Chhattisgarh, Jharkhand, Orissa, Tamil Nadu. But gradually their number has remained negligible and whose effect can also be seen on the area of ​​​​cheetah. The ecosystem of open forests also has to be saved. The entire ecosystem of that area was destroyed. The destruction of the grasslands there. The migration of many herbivorous creatures from these areas, due to which the cheetahs were fed. If seen, they are not a threat to humans and do not attack large animals either.

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पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा

भारत में चीता ,महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडीसा, तमिलनाडु में पाए जाते थे। लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या न के बराबर रह गयी है और जिसका असर चीते के क्षेत्र पर भी देखा जा सकता है। खुले जंगलों के पारिस्थितिकी तंत्र को भी बचाना होगा। उस क्षेत्र का पूरा पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) समाप्त हो गया। वहाँ के घास के मैदानों का नष्ट होना। कई शाकाहरी जीव का इन क्षेत्रों से पलायन करना, जिसकी वजह चीतों की ख़ुराक़ पर पड़ी। देखा जाए तो वे मनुष्यों के लिए खतरा नहीं हैं और बड़े पशुओं पर भी हमला नहीं करते हैं।

Cheetahs to be settled in four states

Efforts to bring the cheetah back to India were first started in 2009 by the Wildlife Trust of India. Several officials of the Government of India including experts from around the world, Ministry of Environment, Forest and Climate Change and representatives of State Governments also held frequent meetings for this. For this it was decided to conduct field survey. After these efforts, it was decided that priority was given to the states where cheetahs were found earlier. In this way it was decided that cheetahs would be resettled in the forests of Chhattisgarh, Rajasthan, Madhya Pradesh and Gujarat.

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चार राज्यों में चीतों को बसाया जायेगा

चीते को भारत में वापस लाने की कोशिश सबसे पहले 2009 में Wildlife Trust of India ने शुरू की थी। दुनिया भर के विशेषज्ञों, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय सहित भारत सरकार के कई अधिकारियों और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने इसके लिए लगातार बैठकें भी कीं। इसके लिए क्षेत्र सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया गया। इस कोशिशों के बाद यह तय हुआ कि, पहले जिन राज्यों में चीता पाए जाते थे, उनको प्राथमिकता दी गई। इस तरह तय किया गया कि छत्तीसगढ़, राजस्थन, मध्य प्रदेश और गुजरात के जंगलों में फिर से चीतों को बसाया जाएगा।

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