(Namaaz Controversy) नमाज़ पढ़ने को लेकर फिर से खड़ा हुआ विवाद
Controversy arose again over offering namaaz
लखनऊ: (Namaaz Controversy) अभी लूलू मॉल में कुछ अज्ञात लोगों द्वारा ग़लत ढंग से पढ़ी गयी नमाज़ को लेकर विवाद थमा नहीं था कि 14 जुलाई, शाम सात बजे एक वीडियो फिर से सामने आया, जिसमें एक युवक लखनऊ रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नम्बर तीन पर नमाज़ अदा करता हुआ दिखाई दे रहा है। यह बात सामने आने के बाद से अखिल भारतीय हिंदू महासभा से जुड़े लोगों ने नाराज़गी ज़ाहिर की है।
कैसे शुरू हुआ यह विवाद
रविवार यानी 10 जुलाई को लूलू मॉल का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। इसके बाद मंगलवार यानी 12 जुलाई को एक वीडियो सामने आया, जिसमें लूलू मॉल के प्रांगढ़ में कुछ लोग नमाज़ पढ़ते दिखाई दिए। इस वीडियो के वायरल होने पर अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा था, "लूलू मॉल में फर्श पर लोगों ने बैठकर नमाज़ पढ़ी, इस वीडियो से यह सिद्ध हो गया कि लूलू मॉल में सरकार के आदेशों का उल्लंघन हुआ। क्योंकि सरकार शुरुआत से ही सार्वजनिक स्थानों पर नमाज़ न पढ़ने की हिदायत दे रही है।"
हिंदुवादी संगठनों ने की एफआईआर की मांग
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नमाज़ को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। Lulu Mall में नमाज़ का वीडियो वायरल होने के बाद ज़बरदस्त हंगामा मचा था। अब ऐसा ही एक मामला लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन से सामने आया है। बताया जा रहा है कि यहां प्लेटफॉर्म नम्बर तीन पर एक युवक ने नमाज़ पढ़ी, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसे लेकर अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने कार्यवाही करने की मांग की है।
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महासभा के प्रतिनिधियों ने सीओ जीआरपी को एक प्रार्थना पत्र भी दिया है
जानकारी के मुताबिक़, यह वीडियो 14 जुलाई, शाम सात बजे का है, जिसमें एक युवक प्लेटफॉर्म नम्बर तीन पर नमाज़ अदा करता हुआ दिखाई दे रहा है। यह बात सामने आने के बाद से अखिल भारतीय हिंदू महासभा से जुड़े लोगों ने नाराज़गी ज़ाहिर की है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को इस मामले को लेकर रेलवे अधिकारियों के पास पहुंचा। अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने इस मामले में एफ़आईआर दर्ज करने की मांग की है। इसे लेकर महासभा के प्रतिनिधियों ने सीओ जीआरपी को एक प्रार्थना पत्र भी दिया है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक स्थान पर किसी भी तरह की धार्मिक प्रार्थना की अनुमति नहीं दी गई है।
मॉल प्रशासन ने शुक्रवार को एक नोटिस भी जारी किया
ग़ौरतलब है कि 10 जुलाई 2022 को प्रदेश में सबसे बड़े लूलू मॉल का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभारम्भ किया था। शुरू होने के साथ ही यहां पर एक वीडियो के कारण विवाद हो गया। मॉल के अंदर करीब आधा दर्जन लोग नमाज़् अदा करते दिखाई दिए, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद से काफ़ी हंगामा हुआ. हिंदुवादी संगठनों ने भी चेतावनी दी कि यदि ऐसा दोबारा हुआ तो वे भी मॉल परिसर में सुंदरकांड का पाठ करेंगे। इसके बाद मॉल प्रशासन ने शुक्रवार को एक नोटिस भी जारी किया, जिसके अनुसार मॉल में किसी भी तरह की धार्मिक प्रार्थना पर प्रतिबंध की बात कही गई। इसके अलावा शुक्रवार को ही तीन लोगों को हिरासत में भी लिया गया, जो मॉल में सुंदरकांड का पाठ करने की कोशिश कर रहे थे।
पुलिस द्वारा की गयी कार्यवाही में 20 से 22 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है
अभी तक की जानकारी के अनुसार पुलिस द्वारा की गयी कार्यवाही में 20 से 22 लोगों की गिरफ्तारी की बात कही गयी है। जोकि नमाज़ पढ़ी जाने के बाद से लूलू मॉल में सुन्दर काण्ड व हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। हालांकि नमाज़ पढ़ने वाले व्यक्तियों की अभी तक कोई जानकारी नहीं प्राप्त हो सकी है। पुलिस जांच में जुटी है।