Kanpur Bikru case पर सुप्रीम कोर्ट का यूपी सरकार को नोटिस
Supreme Court notice to UP government on Kanpur Bikru case
नयी दिल्ली: बुधवार को Supreme Court में कानपुर (Kanpur) के बहुचर्चित Vikas Dubey कृत बिकरू काण्ड (Kanpur Bikru Case) में मारे गए अमर दुबे (Amar Dubey) की पत्नी ख़ुशी दुबे (Khushi Dubey) की ज़मानत अर्ज़ी पर सुनवाई करते हुए इस मामले में यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। कानपुर बिकरू कांड (Kanpur Bikru Case) के बाद ख़ुशी दुबे को पुलिस ने गिरफ़्तार किया था। उस वक़्त ख़ुशी नाबालिग़ थी। पिछले एक वर्ष से वह जेल में हैं। इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने ख़ुशी दुबे की ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी थी।
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ख़ुशी दुबे पिछले एक साल से जेल में बंद है
सुप्रीम कोर्ट में ख़ुशी दुबे की तरफ़ से वकील विवेक तनख़ा ने बताया कि, "बिकरू कांड के कुछ दिन पहले ही उसकी शादी हुई थी। उस वक़्त उसकी उम्र 17 साल 10 महीने थी और वह नाबालिग़ थी। उसकी शादी को महज़ सिर्फ़ सात दिन ही हुए थे। उसके पिता उसे घर ले जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उसे नारी निकेतन भेज दिया था। उसका बिकरू कांड से कोई लेना देना नहीं है। वह पिछले एक साल से जेल में बंद है। घटना के चार महीने बाद सरकार ने उस पर अन्य मुक़दमे भी लगा दिए। जिसके बाद बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर दिया।
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ख़ुशी दुबे को पति अमर दुबे को उकसाने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था
सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए ख़ुशी दुबे की तरफ़ से वकील विवेक तन्खा ने कहा कि, "वो एक छोटी बच्ची है। उसकी शादी को एक सप्ताह भी नहीं हुआ था, लेकिन पुलिस ने उस पर पति अमर दुबे को उकसाने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया था।" इस पर कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा कि, "उसके परिवार और पति को गिरफ़्तार किया जाना चाहिए था, क्योंकि एक नाबालिग़ की शादी क़ानूनी अपराध है।"
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