Shia Waqf Board की आर्थिक स्थिति संकट में, कर्मचारी परेशान
Employees upset in the financial situation of Shia Waqf Board
लखनऊ: शिया एवं सुन्नी वक़्फ़ बोर्डों का गठन समाजवादी पार्टी के पिछले शासन के दौरान किया गया था और वक़्फ़ संपत्तियों से निपटने के दौरान दोनों बोर्डों द्वारा बड़े पैमाने पर अनियमितताएं की गई हैं। वक़्फ़ संपत्तियों के मुतवल्ली (कार्यवाहक) को नियमों का पालन किए बिना नियुक्त किया गया है। सरकार पहले ही सिफ़ारिश कर चुकी है इसकी सीबीआई जांच कराई जाये। आज सरकार द्वारा सौतेले व्यवहार के चलते Shia Waqf Board की आर्थिक स्तिथि संकट के दौर से गुज़र रही है।
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पिछले चार सालों में बोर्ड को सरकार की तरफ से कोई ग्रांट नहीं
जहाँ एक तरफ सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ हर तबक़े को फायदा पहुंचाने की बात करते हैं। वहीँ शायद उनके मातहत उसी तबक़े को नुकसान पहुंचाने में लगे हैं। आज Shia Waqf Board की आर्थिक स्तिथि बेहद दयनीय हो गयी है। पिछले चार सालों में बोर्ड को सरकार की तरफ से कोई ग्रांट नहीं दी गयी है। जिसके चलते बोर्ड के हालात बेहद ख़राब स्थिति में हैं।
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शासन को कई बार पत्र लिख कर अवगत कराया गया
जहाँ एक तरफ़ सिर्फ़ बोर्ड का ख़र्च लगभग एक करोड़ रुपये प्रति माह है। वहीँ बात करें आज शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड में कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़े हैं। पिछले चार वर्षों से सरकार से ग्रांट नहीं मिलने के कारण बोर्ड को अपना ख़र्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है। चैनल से बात करते हुए एक कर्मचारी ने बताया कि शासन को कई बार पत्र लिख कर अवगत कराया गया है लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। कर्मचारियों को वेतन समय से मिले और अन्य ख़र्चों में कोई समस्या न हो, इसके लिए बीच-बीच शासन की ओर से ग्रांट दी जाती है, लेकिन पिछले चार साल से ग्रांट न मिलने के कारण कर्मचारियों का वेतन बाक़ी हो गया है।
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ग्रांट न मिलने के कारण कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट की स्थिति पैदा हो गयी है
बोर्ड के कर्मचारी द्वारा यह भी बताया गया कि, "प्रदेश भर की क़रीब 8 हज़ार संपत्तियां बोर्ड में दर्ज हैं। इनसे होने वाली आय का कुछ हिस्सा बोर्ड को ख़र्च के तौर पर मिलता है। इसमें से कर्मचारियों का वेतन और विभागीय ख़र्च निकलता है। बोर्ड में 15 कर्मचारी हैं। इनका वेतन और अन्य ख़र्च सालाना क़रीब एक करोड़ रुपये है जबकि, आमदनी 33 लाख रुपये है। ग्रांट न मिलने के कारण कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट की स्थिति पैदा हो गयी है।"
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