सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं Oxygen बढ़ाने के घरेलू नुस्खे
Home remedies to increase oxygen are becoming viral on social media
GNN लखनऊ: भारत देश में जहां एक तरफ़ दिन प्रतिदिन कोरोना अपने पैर पसार रहा है, वहीं सोशल मीडिया पर तमाम लोग घर बैठे डॉक्टर बन चुके हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं Oxygen बढ़ाने के Home Remedies (घरेलू नुस्खे)। आइये जानते हैं कितने कारगर हैं यह नुस्ख़े।
सोशल मीडिया पर इन दिनों घर बैठे ऑक्सीजन बढ़ाने के लिए कई Home Remedies (घरेलू नुस्खे) वायरल हो रहे हैं, जिन्हें बिना सोचे समझे लोग अपना रहे हैं। आज हम आपको ये बताते हैं कि क्या संक्रमण के दौरान या संक्रमण से पहले सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे घरेलू नुस्खे किसी तरह का फायदा पहुंचा सकते हैं? या ये सिर्फ मन की तसल्ली के लिए हैं? हम एक एक करके ऐसे Home Remedies (घरेलू नुस्खे) के बारे में जानेंगे, जिन पर आज कल लोग आंखें मूंद कर विश्वास कर रहे हैं और इन्हें अपने जीवन में अपना भी रहे हैं।
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नेबुलाइजर से बढ़ता है ऑक्सीजन लेवल
यह दावा पूरी तरह गलत है। नेबुलाइजर (Nebulizer) थैरेपी को सांस के द्वारा सीधे फेफड़ों तक दवाई पहुंचाने के लिए सबसे प्रभावी तरीक़ा माना जाता है। लेकिन विशेषज्ञों का यह कहना है कि यह तक़नीक़ शरीर को अतिरिक्त ऑक्सीजन देने में कारगर नहीं है, और इसके गलत इस्तेमाल से जान भी जा सकती है। इसलिए अगर आप नेबुलाइजर थैरेपी ले रहे हैं तो पहले अपने डॉक्टर से जरूर इसकी सलाह लें।
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बुख़ार के दौरान Paracetamol लेना सही या ग़लत
डॉक्टरों का कहना है कि दिनभर में पैरासिटामोल (Paracetamol) की 2 से 3 ग्राम से ज्यादा ख़ुराक़ लेना ख़तरनाक हो सकता है। इससे बुखार बिगड़ सकता है और गलत जानकारी की वजह से मरीज अपनी जान भी गँवा सकता है। इसलिए अगर मामूली लक्षण होने पर अगर आप घर पर रह कर ही अपना इलाज कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आपको हर समय पैरासिटामोल नहीं खानी है। बुख़ार नहीं उतरने पर आपको डॉक्टर से संपर्क करना है, ना कि फिर से दवाई लेनी है।
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कोरोना को समाप्त कर देती हैं एंटीबायोटिक दवांयें :
ये भी बिलकुल ग़लत है। इस समय बहुत से लोग बिना डॉक्टर्स की सलाह के संक्रमण में एंटीबायोटिक (Antibiotic) दवाइयां ले रहे हैं। जबकि हक़ीक़त यह है कि एंटीबायोटिक दवाइयां बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी में दी जाती हैं। लेकिन यह रोग वायरस के संक्रमण का है। हालांकि संक्रमण के दौरान कई मरीजों में देखा गया है कि मरीज को कुछ बैक्टीरियल बीमारियां भी हो जाती हैं, और तब डॉक्टर मरीज को एंटीबायोटिक दवाएं लेने की सलाह देते हैं। इसलिए आपको भी डॉक्टर से सलाह लेनी ज़रूरी है न कि आप खुद डॉक्टर बन जाएँ।
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नाक में नींबू की दो बूंद डालने से बढ़ जाता है ऑक्सीजन लेवल :
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक़, इस बात का कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है कि नींबू में मौजूदा Vitamin-C शरीर के लिए तो आवश्यक है, लेकिन इससे ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है इसकी कहीं कोई जानकारी नहीं है। यानी इस घरेलू नुस्ख़े को अपनाने से आपको लेने के देने भी पड़ सकते हैं।
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लौंग, अजवाइन और कपूर के मिश्रण की पोटली बनाकर सूंघने से ऑक्सीजन की कमी होती है दूर
ये नुस्ख़ा काफ़ी लोग अपना रहे हैं, जबकि अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी CDC के मुताबिक़, ये बात बिलकुल ग़लत है। कुछ लोग कपूर और अजवाइन को रुमाल में बांध कर पेंट या क़मीज़ की जेब में भी बांध कर रखने की सलाह दे रहे हैं, ताकि ऑक्सीजन की कमी होने पर वो इसे सूंघ सकें। दावा यह है कि इससे ऑक्सीजन बढ़ जाती है। जबकि सच ये है कि इससे सांस लेने की नली खुल जाती है लेकिन ऑक्सीजन का इससे कोई लेना देना नहीं है। बल्कि इसका असर भी ज्यादा देर नहीं रहता।
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प्लाज़्मा मृत्यु दर को कम करने और कोरोना के गंभीर मरीज़ों का इलाज करने में कोई खास कारगर नहीं है
एक स्वस्थ शरीर में 55 प्रतिशत से अधिक प्लाज़्मा होता है। प्लाज़्मा में पानी के अलावा हार्मोंस, प्रोटीन, कार्बन डाइऑक्साइड और ग्लूकोज़ मिनरल पाए जाते हैं। जब कोई मरीज़ कोरोना से ठीक हो जाता है तो उसका यही प्लाज़्मा लेकर बीमार व्यक्ति को चढ़ाया जाता है। इसे ही प्लाज़्मा थैरेपी कहा जाता है। लेकिन ICMR (Indian Council of Medical Research, New Delhi) का कहना है कि ये कारगर नहीं है, इसलिए आपको जागरुक रहना है।
ICMR की खोज में बात ये सामने आ चुकी है कि प्लाज्मा मृत्यु दर को कम करने और कोरोना के गंभीर मरीज़ों का इलाज करने में कोई खास कारगर नहीं है। लेकिन इसके बावजूद प्लाज़्मा के लिए लोग अब ठीक हो चुके मरीज़ों को 1-1 लाख रुपये देने के लिए भी तैयार हैं। सोशल मीडिया पर इसके लिए मदद मांगने वालों की लंबी क़तार के साथ संक्रमित मरीज़ों के परिजन मुंह मांगी क़ीमत देने को भी तैयार हैं।
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सोशल मीडिया पर वायरल किसी भी नुस्ख़े को अपनाने से बेहतर है कि संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें, यह ज़्यादा ज़रूरी है न कि घर बैठे ख़ुद बने डॉक्टरों के उपायों को अपनाएँ।
Abid Ali Khan (Editor)
GNN (G News Networks)