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दो दिवसीय International Urdu Conference का शुभारंभ

सीतापुर/महमूदाबाद: सोमवार को सीतापुर ज़िले के महमूदाबाद में स्थित Maulana Azad Institute of Humanities Science and Technology कॉलेज परिसर में दो दिवसीय Internatiional Urdu Conference का आयोजन किया गया। इस उर्दू कांफ्रेंस का शुभारम्भ केरल के राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

 

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी

राज्यपाल के आगमन पर सीतापुर पुलिस के द्वारा गार्ड ऑफ़ ऑनर भी दिया गया। जिसे राज्यपाल ने सलामी देकर स्वीकार किया।

बताते चलें कि राज्यपाल ने सबसे पहले मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सीतापुर पुलिस द्वारा दिए गए गार्ड ऑफ़ ऑनर को सलामी देते हुए स्वीकार किया। Urdu Conference की शुरुआत राष्ट्रीय गान से की गयी। इसके बाद सर्वधर्म के उपस्थित प्रतिनिधियों के साथ दीप प्रज्वलन कर उर्दू कांफ्रेंस का शुभारम्भ किया। इस मौक़े पर राज्यपाल महोदय ने एएसपी डॉ राजीव दीक्षित की पुस्तक पर्यावरण दर्शन एवं मस्त हफ़ीज़ रहमानी की पुस्तक अक़्से मारिफ़त का विमोचन कर बधाई दी।

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कार्यक्रम के संयोजक डॉ अम्मार रिज़वी, सुलेमान रिज़वी एवं असद मारूफ(मोनी) ने राज्यपाल का स्वागत फूलों की माला पहनाकर किया।

राजयपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अपने अभिभाषण में बोलते हुए कहा कि उर्दू प्यार व मोहब्बत की ज़ुबान है। सारी दुनिया में जुबान व नस्ल के आधार पर संगठन खड़े हुए। ऐसे में हमारे भारत देश ने रूह के हिसाब से संगठित होकर सारे जहाँ को एक धागे में पिरोने का काम किया है। उन्होंने कहा कि किसी के इलज़ाम से कुछ नहीं होता, कमी अपने अंदर ही छिपी होती है। हमारे मुल्क की खासियत यही रही है कि अच्छे विचार जहां से मिल जाएं, उन्हें अपनाया जाए। अभिभाषण के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि भारत में दो हज़ार साल पहले यहूदी आए थे। इसके बाद ईसाई, फिर पारसियों का आगमन हुआ। हमारे देश ने सभी से आत्मा के संबंध स्थापित किए। उन्होंने यह भी कहा कि उर्दू को बढ़ाने में दुनिया के मशहूर शायर मिर्ज़ा ग़ालिब के बाद लता मंगेशकर का भी बड़ा योगदान है। केरल में उर्दू जुबां के तमाम गाने आज भी बजते हैं और सुने जाते हैं। क़ौमी एकता को महत्व दिया जाना ही उर्दू का असली मकसद है।



तीन तलाक़ क़ानून का हिस्सा था, क़ुरआन इसकी इजाज़त नहीं देता।

तीन तलाक के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट में वकालत की। तीन घंटे बहस की। मुझे इसका श्रेय नहीं चाहिए लेकिन, ये मुकदमा वे महिलाएं लड़ रहीं थीं, जिनके पास दिल्ली आने के लिए किराये के पैसे नहीं थे। यह सिर्फ मुस्लिम महिलाओं का मामला नहीं है। आज और महिलाएं हैं, जिनके साथ कार्यस्थल, सार्वजनिक स्थल, घरों में गड़बड़ हो रही है। अगर ये महिलाएं लड़ाई जीत सकती हैं तो ज्यादती क्यों बर्दाश्त करें? हर कोई यह पहले दिन से मानता है कि यह कानून का हिस्सा था। कुरान इसकी इजाजत नहीं देता। 2017 के शपथ पत्र में पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि हां ये गलत है। हम खुद इसके लिए अभियान चलाएंगे।

उर्दू भाषा बढ़ा रही है भाईचारा: वसीम अख्तर

Integral University lucknow के संस्थापक वसीम अख्तर ने कहा कि पूरे मुल्क में उर्दू भाषा भाईचारा बढ़ाने का कार्य कर रही है। कार्यक्रम में प्रसिद्ध शायर व गीतकार मंजर भोपाली ने अपनी नज़्म प्यार के कटोरे में गंगा का पानी सुनाकर राज्यपाल के साथ उपस्थित लोगों की खूब वाहवाही हासिल की।

गुरु दक्षिणा के तौर पर रूरल यूनिवर्सिटी की दिलाएं मान्यता: डॉ0 अम्मार रिज़वी

डॉ0 अम्मार रिजवी ने कार्यक्रम को सम्बोशित करते हुए राज्यपाल मोहम्मद आरिफ को कुशल प्रशासक बताया। इसके आगे यह भी कहा कि आरिफ अपने को मेरा शिष्य बताते हैं। ऐसे में वह गुरु दक्षिणा के रूप में मेरी संस्था को रूरल यूनिवर्सिटी के रूप में मान्यता दिलाएं। शारिफ रूदौलवी, अधिवक्ता मधुकर जेटली, हाई कोर्ट जस्टिस राजीव सिंह, फैज आलम, बहादुर शाह ज़फर, अवध के नवाब के वंशज प्रिस फैज़ुद्दीन भी उपस्थित रहे।

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मंगलवार को Maulana Azad Institute of Humanities Science and Technology कॉलेज परिसर में दो दिवसीय Internatiional Urdu Conference के बाद मुशायरे का भी आयोजन किया गया।

 

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Abid Ali Khan(Editor)

G News Networks(GNN)

 

 

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