Taandav Web Series के निर्माताओं पर मुक़दमा।
case on taandav web series makers
भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म (OTT Platforms) पर दर्शकों की उपस्थिति दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। भारत में वर्तमान में ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म आधार पर Disney+Hotstar, Amazon Prime Video और Netflix का वर्चस्व है। हालाँकि, कई प्रोडक्शन हाउस ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म प्लेयर्स हैं, जैसे कि SonyLIV, Voot, Zee5, ErosNow और ALTBalaji। दर्शकों की बढ़ती मांगों के साथ, कई मीडिया और मनोरंजन चैनलों ने अपने स्वयं के प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किए हैं। भारत में करीब दो साल पहले सिर्फ 40 ओटीटी प्लेटफॉर्म (OTT Platforms) थे, जोकि अब करीब दोगुने हो चुके हैं।
इन OTT प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित होने वाली वेब सीरीज़ में जिस तरह से आजकल अमर्यादित शब्दों के इस्तेमाल, नंगेपन के साथ साथ अब जाति और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले कंटेंट डालने से भी परहेज़ ख़त्म हो गया है। हमारा देश आज भले ही कई चीज़ों में पश्चिम की सभ्यता को अपना चुका है, लेकिन आज भी हम अपने माता पिता और अपने से बड़ों का आदर व सम्मान करते हैं। यही भावना सभी भारतीयों में है कुछ लोगों को छोड़कर जोकि इस तरह के कंटेंट दिखाने का पक्ष लेते हैं। हम अपनी सभ्यताओं को अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। अगर आप किसी भी OTT प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित होने वाली वेब सीरीज़ परिवार के साथ देखना चाहते हैं तो नहीं देख सकते हैं।
15 जनवरी 2021 को Indian Politics पर आधारित OTT प्लेटफार्म के Amazon Prime Video पर Taandav Web Series के प्रसारित होने के बाद से ही Twitter handle एवं अन्य Social Media पर धर्म और जाति को गलत तरीक़े से दर्शाये गए दृश्यों व सीरीज़ में इस्तेमाल किये गए संवादों को अपशब्द मानते हुए काफ़ी घमासान मचा हुआ है। जिसके बाद Twitter handle एवं अन्य Social Media पर धर्म और जाति को गलत तरीक़े से दर्शाये गए व सीरीज़ में इस्तेमाल किये गए संवादों को लेकर मचे घमासान से उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में उच्च अधिकारियों द्वारा संज्ञान में लेने के बाद हज़रतगंज कोतवाली में वेब सीरीज़ के निर्माताओं पर मुक़दमा पंजीकृत किया गया है।
मुक़दमा पंजीकृत करने के लिए दी गयी तहरीर में लिखा गया है कि taandav web series में पहले एपिसोड के 17वें मिनट में हिन्दू धर्म के देवी देवताओं को बेहद विद्रूप ढंग से रूप धारण करते हुए एवं देवी देवताओं को अमर्यादित तरीके से बोलते हुए दर्शाया गया है। जोकि धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला है और आघात पहुंचाने वाला है, यही नहीं उक्त वेब सीरीज़ के 22वें मिनट में जातिगत विद्वेष फैलाने वाले संवाद हैं। ऐसे ही संवाद और भी एपिसोड में मौजूद हैं। उक्त वेब सीरीज़ में भारत के प्रधानमंत्री जैसे गरिमामय पद को ग्रहण करने वाले व्यक्ति का चित्रण अत्यंत अशोभनीय ढंग से किया गया है। वेब सीरीज़ में जातियों को छोटा बड़ा दर्शाकर विभक्त करने वाले तथा महिलाओं का अपमान करने वाले दृश्य हैं तथा वेब सीरीज़ के निर्माताओं की मंशा एक समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को भड़का कर वर्ग विद्वेष फैलाने की हैं।
हालाँकि मुक़दमा अपराध संख्या 0031/2021 भा०दं०सं०1860 की धारा 153-A, 295, 505(1)(b), 505(2), 469 एवं सूचना प्रौद्योगिकी(संशोधन)अधिनियम की धारा 66, 66F, 67 के अंतर्गत 17 जनवरी 2021 को रात 11 बजकर 46 मिनट पर पंजीकृत कर लिया गया है, मुक़दमे में आरोपीगणों में अपर्णा पुरोहित जोकि अमेज़न की हेड हैं, अली अब्बास ज़फर डायरेक्टर taandav web series, हिमांशु कृष्ण मेहरा प्रोडयूसर, गौरव सोलंकी राइटर व अन्य के नाम है।
OTT (Over-The-Top) प्लेटफॉर्म पर जैसे नेटफ्लिक्स सहित दूसरे ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म पर ऐसे गाली गलौच वाले कंटेट को लेकर कई बार पहले भी शिकायतें आ चुकी हैं और आ रही हैं। जिस पर केंद्र सरकार द्वारा पूर्व में लिए गए फैसले से ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म सूचना और प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting) की निगरानी के दायरे में लाये जाने से संभावना बनी थी कि अब OTT प्लेटफार्म पर दर्शाने वाले इस तरह के अमर्यादित कंटेंट पर लगाम लग सकेगी। अब सवाल यह है कि OTT प्लेटफार्म को सूचना और प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting) की निगरानी के दायरे में लाने के बावजूद भी इस तरह की वेब सीरीज़ को कैसे अनुमति मिल रही है।
सोशल मीडिया पर भी लोग इस मुद्दे पर खुलकर अपना विरोध जता रहे हैं। दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, मुख्य शिकायत नेटफ्लिक्स पर टेलीकास्ट हुई सेक्रेड गेम्स की पहले सीरीज से ही शुरुआत हो गई थी। नेटफ्लिक्स पर टेलीकास्ट किया गए कंटेंट विवादों में आ गए थे। विरोध किया गया था कि इसमें दिखाए गए कंटेंट में एडल्ट सीन और हिंसा को ज्यादा दिखाया गया है।
खबर के मुताबिक, ऐसी स्थिति से निपटने के लिए करीब 15 ओटीटी प्लेटफॉर्म ने अपनी एक संस्था बनाई जिसे इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Internet and Mobile Association of India) नाम दिया गया। इन सभी प्लेटफॉर्म ने सेल्फ रेगुलेशन पर सहमति जताई थी। खबर के मुताबिक, जानकारों का कहना था कि यह संस्था बेशक सेल्फ रेगुलेशन के लिए बनी है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।
ओटीटी कंटेंट विवाद तब और बढ़ गया था जब ऑल्ट बालाजी की एक वेबसीरीज में आर्मी यूनिफॉर्म में कुछ आपत्तिजनक सीन फिल्माए गए थे। जानकार बताते हैं कि अभी तो कई सारे वेबसीरीज पाइपलाइन में हैं। ऐसे में इस तरह के कंटेट पर नजदीक से निगरानी करना कोई आसान काम नहीं होगा। अब देखना यह है कि सरकार और भी कड़े नियम कानून बनाएगी। जिसके बाद इन वेब सीरीज और ओटीटी के कंटेट पर क्या असर होगा???
क्या अश्लीलता व भावनाओं को ठेस पहुंचाने कंटेंट को इसी तरह परोसा जाता रहेगा या इस पर लगाम लगेगी या फिर इसी तरह मुक़दमे दर्ज होते रहेंगे???