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सिपाही को छुट्टी न मिलने व समुचित इलाज न मिल पाने के कारण उसकी पत्नी की मृत्यु

ब्यूरो देवरिया, देवरिया ज़िले के थाने में तैनात आरक्षी मृत्युंजय यादव को Police विभाग के आला अधिकारी द्वारा समय से छुट्टी न देने के कारण आरक्षी की पत्नी को अपने पति की ग़ैर मौजूदगी के कारण समुचित इलाज न मिल पाने के कारण मृत्यु हो गयी। सिपाही की गर्भवती पत्नी की मौत का ज़िम्मेदार बने देवरिया के पुलिस अधीक्षक।
आरक्षी मृत्युंजय यादव ने दिनांक 17 अगस्त 2020 को नियमानुसार अवकाश के लिए आवेदन किया था, जिसमे उसने अपनी गर्भवती पत्नी के इलाज के लिए कारण बताते हुए छुट्टी के लिए आवेदन किया था। जिस पर 5 सितम्बर को देवरिया पुलिस अधीक्षक द्वारा आवेदन पत्र पर “काम कौन देखेगा” लिखकर सिपाही की छुट्टी नामंज़ूर कर दी। जिसके कारण समय से मृत्युंजय यादव आरक्षी के घर न पहुंच पाने के कारण व समुचित इलाज न मिलने के कारण उसकी पत्नी की मृत्यु हो गयी।

24 घंटे थाने में कार्य करने वाले सिपाही को क्या छुट्टी नहीं मिलनी चाहिए थी? उसकी पत्नी की मृत्यु के ज़िम्मेदार या फिर वह अधिकारी जो अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की परेशानियों को नही समझते है, जिसका ख़ामियाज़ा अधीनस्थ कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है। जैसे आरक्षी मृत्युंजय यादव की पत्नी की मौत के कारण उसका परिवार उजड़ गया। जिसके ज़िम्मेदार वह पुलिस अधीक्षक हैं।
कब व कैसे होगी ऐसे बड़े अधिकारियों पर कार्यवाही???
सरकार के नियमों में जब छुट्टी देने का प्रावधान है तो क्यों नही दी गई छुट्टी??
पुलिस अधीक्षक महोदय देवरिया द्वारा अर्जित अवकाश प्रार्थना पत्र पर यह लिख कर अवकाश अस्वीकृत कर दिया जाना, कि “काम कौन देखेगा” सही है।
आरक्षी की गर्भवती पत्नी को अपने पति की ग़ैर मौजूदगी के कारण जान गंवानी पड़ी।
आखिर कब तक उच्चाधिकारियों के ऐसे आदेश अपने अधीनस्थों के परिवारों को उजाड़ते रहेंगे।
यह गंभीर विषय है, इस पर उत्तर प्रदेश सरकार को मानवता के नाते स्वतः संज्ञान लेते हुए उन अधिकारियों को चिन्हित कर तुरंत कार्यवाही की जानी चाहिए। जिससे उनके अधीनस्थ कर्मचारियों के परिवारों को अपनी जान से हाथ न धोना पड़े।

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